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मध्य प्रदेश

संस्कृत पर आधारित है हमारी सभ्यता, ‘संस्कृति’ और ‘संस्कार’ है संस्कृत रूपी साइकिल के पहिए

कार्यक्रम में 565 लोगों ने लिया हिस्सा। संस्कृत माध्यम में हुआ कार्यक्रम का संचालन। प्रतिभावान विद्यार्थी हुए सम्मानित। बच्चों ने दिखाई प्रतिभा

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। संस्कृत मित्र मंडलम् एवं आर्य समाज के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को सम्मान समारोह हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मदन मोहन त्रिपाठी ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती संस्कृत के महानतम विद्वान थे। उन्होंने भारतीय ज्ञान परम्परा को संस्कृत से मिश्रित कर देखा था। समाज में संस्कृत के गुरुजनों की जवाबहेदी बढ़ गई हैं। संस्कृत पढ़ने वाले अपने वैचारिकी प्रभाव में बढ़ोत्तरी कर लेते है।

उन्होंने कहा कि 11 अगस्त को तुलसी जयंती थी। तुलसी जी ने राम जी को समझने के लिए श्रीरामचरितमानस की रचना की थी। वर्तमान समाज में भी वह प्रासंगिक है। संस्कृत और संस्कृति के लिए किए गए इस महान प्रयास के लिए हम संस्कृत मित्र मंडलम् की जितनी प्रशंसा करे उतना कम होगा।

विशिष्ट अतिथि सेक्टर-7 स्थित कल्याण पीजी कॉलेज में हिन्दी विभाग के भूतपूर्व HOD जानकी शरण पाण्डेय ने बताया कि आर्य समाज ने संस्कृत को विज्ञानिक तौर से स्थापित किया था। मौजूदा समाज में मैं अपने सभी गुरुजनों और शिष्यों से आग्रह करता हूं कि वह सामाजिक चेतना के ध्वजवाहक बने। आपको वेदों का, उपनिषदों का संदेश जन-जन तक पहुंचाने का प्रयत्न करना चाहिए, यही मानव कल्याण का मार्ग है। इस दृष्टि से संस्कृत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का पाठ पढ़ाती हैं।

विशिष्ठ अतिथि विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग के प्राध्यापक जनेन्द्र दीवान ने बताया कि ‘संस्कृत भाषा या विषय नहीं हैं बल्कि यह जीवनशैली है। जीवन पद्धति है। जीवन जीने की कला है, जो हमें श्रेष्ठ सोचने, श्रेष्ठतम करने और सर्वश्रेष्ठ होने के लिए प्रोत्साहित करती हैं’।

विशिष्ट अतिथि अवनी भूषण पुरंग ने बताया कि हम सबको संस्कृत अध्ययन करने का प्रयास करनी चाहिए, क्योंकि हम सब की मूल भाषा संस्कृत ही हैं।

कार्यक्रम का संचालन संस्कृत माध्यम से ही किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.अजय आर्य और संतोष कुमार चौबे ने किया। डॉ.अजय आर्य ने बताया कि हिंदुत्व, भारतीय संस्कृति और आर्य परम्परा को बिना संस्कृत जाने बचाया नहीं जा सकता। संस्कृत पढ़िए, खूब अध्ययन करिए और अपनी संस्कृति से बखूबी अवगत होइए।

संस्कृत मित्र मंडलम् की अध्यक्षता कर रहीं आभा चौरसिया ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। अनुपम उपाध्याय, आभा चौरसिया और डॉ.अजय आर्य ने अतिथियों को शाल, श्रीफल भेंट किया।

सम्मानित हुए प्रतिभावान विद्यार्थी 

मदन मोहन त्रिपाठी, जानकी शरण पाण्डेय जनेन्द्र दीवान और अवनी भूषण पुरंग ने शत-प्रतिशत अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ शंकरा सेक्टर-10 के विद्यार्थियों ने स्वस्तिवाचन के मंत्रोच्चार से किया। प्रीति भट्ट, शीला लकुड़वार, जसविंदर कौर, रेखा पांड्या, संजीव पंडा, वागीश चंद्र, वेद प्रकाश, संतोष दाहतोंडे, जॉली थॉमस, आशा यादव, कमलेश आर्य, रवि आर्य आदि का विशेष योगदान रहा।

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