भारत बंद: भिलाई स्टील प्लांट के कार्मिक भी रहे शामिल, पढ़िए एससी-एसटी आरक्षण, क्रीमीलेयर पर रिपोर्ट
- बीएसपी एससी/एसटी इम्प्लाइज एसोसिएशन के दोनों गुट ने भी हिस्सा लिया।
- कोमल प्रसाद गुट और सुनील रामटेके गुट ने भी राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र जिला प्रशासन को सौंपा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद देशभर में एससी-एसटी आरक्षण (SC ST Reservation) को लेकर चल रहे आंदोलन में भिलाई का नाम भी जुड़ गया। भिलाई में सुबह सतनाम भवन सेक्टर 6 से रैली निकाली गई। इसमें कई संगठनों के लोग शामिल हुए। दलित व आदिवासी संगठनों के बैनर तले आवाज उठाई गई।
भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारी और अधिकारी भी इसमें शामिल हुए। बीएसपी एससी/एसटी इम्प्लाइज एसोसिएशन (BSP SC/ST Employees Association) के दोनों गुट ने भी हिस्सा लिया। सुनील रामटेके और कोमल प्रसाद गुट ने भी राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र जिला प्रशासन को सौंपा।
भिलाई के अध्यक्ष कोमल प्रसाद ने कहा-केंद्र सरकार (Central Government) के सह पर एससी-एसटी आरक्षण (SC- ST Reservation) में क्रिमी लेयर व वर्गीकरण का जो आदेश दिया गया है, उसके खिलाफ राष्ट्रपति के नाम दुर्ग अपर कलेक्टर बजरंग दुबे को ज्ञापन सौंपा गया। अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के आरक्षण मे क्रीमीलेयर लागू नहीं किए जाने तथा उप वर्गीकरण ना कर आरक्षण को यथावत रखे जाने की मांग की गई है।
पढ़िए ज्ञापन में क्या लिखा है…
भारत में सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक व राजनीतिक समानता हेतु भारतीय संविधान मे अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को लोकसभा मे संविधान के अनुच्छेद 330 में तथा विधानसभा मे संविधान के अनुच्छेद 332 मे राजनीतिक आरक्षण की व्यवस्था की गई थी, उसी प्रकार अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के सदस्यो को शासकीय सेवा मे दावे हेतु संविधान के अनुच्छेद 335 मे व्यवस्था की गई थी। संविधान के अनुच्छेद 341 में अनुसूचित जाति को तथा संविधान के अनुच्छेद 342 में अनुसूचित जनजाति को शासकीय अर्धशासकीय व केंद्र की सेवाओ मे आरक्षण प्रदान किया गया था।
डा.बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर (Dr. Babasaheb Bhimrao Ambedkar) द्वारा इस राजनीतिक व शासकीय सेवा (Political and Government Service) में आरक्षण की व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य भारत में सामाजिक समानता स्थापित करना था, जो कि आज की परिस्थिति में भी यह उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाया है।
संविधान में राजनीतिक आरक्षण व सेवाओं में आरक्षण वंचित व पीड़ित जाति को दिया गया है, ना कि अमीर और गरीब की श्रेणी को। वर्तमान स्थिति में भारत के विभिन्न राज्यों में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के साथ भेदभाव व अत्याचार बदस्तूर जारी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत में सामाजिक समानता आज पर्यंत स्थापित नहीं हो पाई है।
आज भी इन वर्गों के अनेक आईएएस आईपीएस अधिकारी (IAS IPS Officers) भेदभाव व प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं। राजनीतिक क्षेत्र में भी इन वर्गों के अनेक राजनीतिक जन प्रतिनिधियों की जातिगत आधार पर अनदेखी की जाती है। वे उपेक्षा का शिकार होकर बेबस बने रहते हैं। इसलिए यह मानना कि वे क्रीमी लेयर है और उन्हें क्रीमी लेयर मानकर आरक्षण की सुविधाओ से वंचित करना व उप वर्गीकरण करना उनके संवैधानिक हितों पर कुठाराघात है।
ये खबर भी पढ़ें: पेंशनभोगियों के लिए Digital Empowerment, Ease of Living पर ताज़ा खबर
वर्ष 2018 मार्च में एससी-एसटी एक्ट (SC-ST Act) को निष्प्रभावी किये जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया गया निर्णय व उसके बाद 2 अप्रैल 2018 को उपजे देशव्यापी आंदोलन का स्मरण करे, कही पुनः देश में ऐसे उग्र प्रदर्शन व आंदोलन की पुनरावृत्ति ना हो जाए।
ये खबर भी पढ़ें: दलाल बीएसपी आवासों का ताला तोड़कर चला रहे किराए पर, 28 अनफिट ब्लॉक्स खाली
अतः आपसे सादर अनुरोध है कि अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के संवैधानिक हितों को ध्यान में रखते हुए इन वर्गों के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू कर उप वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए निर्णय को समाज हित, जन हित व देश हित में वापस लिए जाने की अनुशंसा करने का कष्ट करेंगे। आरक्षण को वर्गीकृत ना कर इसे यथावत ही रखें।
प्रमुख मांगे इस प्रकार है
1- आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू नहीं किया जाए। उप वर्गीकरण नहीं किया जाए। अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के सभी सदस्यों के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित रखते हुए आरक्षण को यथावत रखा जाए।
2- विशेष भर्ती अभियान चलाकर एससी एसटी का बैकलॉग शीघ्र पूर्ण किया जाए।
3- अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
4- केन्द्रीय मंत्रालय में सीधी भर्ती बंद की जाए।
5- कॉलेजियम सिस्टम व परीक्षा मे लेटर एंट्री सिस्टम समाप्त किया जाए।
ये खबर भी पढ़ें: Periodic Labor Force Survey: श्रम मंत्रालय की आई बड़ी रिपोर्ट, पढ़िए डिटेल
ज्ञापन सौपने वालों के नाम
प्रतिनिधि मंडल मे अध्यक्ष कोमल प्रसाद, कार्यकारी अध्यक्ष चेतन लाल राना, उपाध्यक्ष वेद प्रकाश सूर्यवंशी, कोषाध्यक्ष अनिल खेलवार, बहादुर जायसवारा आदि शामिल थे।
ये खबर भी पढ़ें: EPS 95 Pension: केंद्र सरकार-EPFO पर पेंशनर्स ने ऐसा कहा…आपको भी आएगा गुस्सा
The post भारत बंद: भिलाई स्टील प्लांट के कार्मिक भी रहे शामिल, पढ़िए एससी-एसटी आरक्षण, क्रीमीलेयर पर रिपोर्ट appeared first on Suchnaji.