अतिथि शिक्षक प्रादेशिक बैठक में मंडला का प्रतिनिधित्व
अतिथि शिक्षक महासंघ मध्यप्रदेश
अतिथि शिक्षक प्रादेशिक बैठक में मंडला का प्रतिनिधित्व
मंडला
रविवार 25 अगस्त 2024 को अतिथि शिक्षक महासंघ के बैनर तले संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी पी डी खैरवार मंडला जिला और जबलपुर संभाग का प्रतिनिधित्व करने भोपाल पहुंचे। जहां पर शिवकुमार सोनी,पी. डी.खैरवार,के सी पवार, सुनील सिंह परिहार सहित प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों के आह्वान पर भोपाल के नाइन मसाला रेस्टोरेंट में प्रदेश भर के पदाधिकारी सामिल हुए।जिसमें प्रदेश के प्रायः अलग अलग अतिथि शिक्षक संगठनों के कार्यकारिणी पदाधिकारियों ने एकजुटता के साथ विशाल आंदोलन की रूपरेखा तैयार किया है। गौरतलब है,कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा अतिथि शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांगों के समाधान के लिए 02 सितंबर 2023 को अतिथि शिक्षक पंचायत आयोजित कर शिक्षा गारंटी गुरुजियों की तरह अतिथि शिक्षकों की विभागीय परीक्षा,सीधी भर्ती में पचास प्रतिशत आरक्षण,बोनस के अंक, गुरुजियों की तरह लाभ की प्रक्रिया, मानदेय दोगुना सहित वार्षिक अनुबंध जैसी और भी नाकाफी महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई थीं ।
एक वर्ष पूऱे हो जाने के बाद भी अतिथि शिक्षकों के हित में मानदेय दोगुने करने के अलावा इन अधिकारिक घोषणाओं पर अमल नहीं हुए हैं।अब महासंघ ने निर्णय लिया है,कि 1 सितंबर 2024 तक पूर्व की घोषणाओं सहित अतिथि शिक्षक से शिक्षक का दर्जा देने प्रक्रिया से संबंधित आदेश होते हैं, तो हम सरकार के आभारी रहेंगे,यदि आदेश तब भी नहीं होते हैं तो महापंचायत की बरसी दिनांक 2 सितंबर 2024 को जिला मुख्यालयों में और तब भी 4 सितंबर तक सरकार ने कोई अच्छा निर्णय नहीं लिया तो 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर प्रदेशव्यापी रैली निकालकर तिरंगा और आवेदन हर अतिथि शिक्षक हाथ में लेकर सरकार को उनके वचन याद दिलाने सी एम हाउस जायेंगे।यदि इसके पहले आदेश हो जाते हैं तो दो सितंबर को अतिथि शिक्षक महासंघ मध्यप्रदेश के मंच पर माननीय मुख्यमंत्री डॉ .मोहन यादव ,पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ,केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ,स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ,नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी सहित सरकार के सभी मंत्रीगण का स्वागत करेंगे । तब तक भी आदेश जारी नहीं होते तो पांच सितंबर को भोपाल के चारों ओर से आवेदन यात्रा कर मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर अपना आवेदन सौंपकर आदेश जारी करवाने का आग्रह करेंगे।इस यात्रा में हर हाथ में तिरंगा के साथ आवेदन पत्र होगा।बैठने के लिए कोई मैदान नहीं लेंगे , यातायात व्यवस्था सहित अन्य अव्यवस्थाओं का ध्यान रखते हुए शालीनतापूर्वक आवेदन यात्रा करने पर भी पुलिस प्रशासन चाहे तो हम समस्त अतिथि शिक्षकों को जेल भेज दे, स्वीकार होगा पर अब अतिथि शिक्षक से शिक्षक बनने का लंबा इंतजार करना पसंद नहीं करेंगे क्योंकि उम्र के साथ परिवार की जिम्मेदारियां भी बढ़ती जा रही हैं,लोग अस्थाई नौकरी और आर्थिक तनाव के चलते मानसिक तनावग्रस्त हो होकर जीवन लीला तक समाप्त करने के लिए मजबूर होते जा रहे हैं।समाज में असम्मानित होते जाने का भी अनुभव होता जा रहा है।
वर्तमान में अतिथि शिक्षक भर्ती में आ रही तकनीकी(आनलाइन-आफलाइन) समस्यायों का शीघ्र निराकरण किया जाए।विगत सत्र में अधिकतम कार्यानुभव को आधार बनाकर (2008 से 2023/24) अतिथि शिक्षकों को एक जुलाई से ही ज्वाइनिंग दी जाये भले ही उनका ऑनलाइन फीडिंग पोर्टल संबंधी समस्यायों के दूर होने पर कर ली जाये।
और भी महत्वपूर्ण यह है,कि जनहित में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों की बेहतर शिक्षा के क्षेत्र में गहराते जा रहे सरकार की उदासीन रवैये पर काबू किया जाए।जैसा कि तमाम अव्यवस्थाओं के बीच शिक्षकों की भारी कमी के चलते इस सत्र में दो महीने से औसतन पढ़ाई नहीं कराई जा सकी है,जिसका बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर दूरगामी प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। तरह-तरह के प्रायोगिक नीतियां लागू करके स्कूलों की संख्या कम की जा रही है,जिस पर रोक लगाई जाए। आर टी ई में आवश्यक संशोधन के साथ देश के सर्वांगीण विकास के लिए अति आवश्यक तत्व शिक्षा व्यवस्था को पीपीपी मोड जैसे हाथों में जाने से बचाया जाए।
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