R.O. No. : 13047/ 53 M2
विविध ख़बरें

अग्रिम पंक्ति की कोरोना वारियर्स आंगनबाड़ी कार्यकर्ता युद्धस्तर पर जुटी हुई संक्रमितों के पहचान में

हर दिन सुबह पूरे उत्साह और सुरक्षा के साथ फील्ड में निकलती हैं इनकी वजह से संक्रमितों की पहचान हो रही आसान

       दुर्ग। मास्क लगाकर, सैनेटाइजर लेकर शास्त्री चैक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सविता डकोरे फील्ड में एकदम सुबह आठ बजे से निकल जाती हैं। उनका काम है घर-घर जाकर सर्दी, खांसी बुखार के लक्षणों वाले व्यक्तियों को चिन्हांकित करना। केवल चिन्हांकित ही नहीं करना, उन्हें टेस्ट के लिए प्रेरित करना। सविता विशेष रूप से पचास वर्ष से अधिक आयु के लोगों के चिन्हांकन के लिए विशेष सजग रहती है क्योंकि कोविड का सबसे गंभीर असर इसी आयु वर्ग पर पड़ रहा है। सविता की तरह ही नगरीय निकायों में पांच सौ कार्यकर्ता हर दिन शहर में संक्रमण के लक्षणों वाले मरीजों के पहचान के लिए निकलते हैं। हर दिन वे चालीस से पचास घर कवर करते हैं। इनका काम केवल चिन्हांकन का नहीं है। वे कोविड की गंभीरता के संबंध में भी समझ देते हैं। विशेषकर ऐसे हाटस्पाट में जहां गंभीरता अभी कम है। सुरैया परवीन बताती हैं कि हमारे पास ऑक्सीमीटर भी है। इससे हमको चिन्हांकन में काफी आसानी होती है। ऑक्सीमीटर में आंकड़ा 95 से नीचे आने पर हम तुरंत जानकारी अपने प्रभारी अधिकारी को देते हैं। हम बताते हैं कि यह 95 से नीचे ऑक्सीजन लेवल जाने पर आपको मेडिकल सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। हमारे अधिकारी फिर समन्वय कर लेते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसके लिए पूरी ट्रेनिंग दी गई है। उन्हें यह बताया गया है कि संक्रमण के लक्षणों वाले लोगों का चिन्हांकन तो करें ही, उन्हें तुरंत टेस्ट कराने के लिए भी प्रेरित करें। वे बताती हैं कि किस प्रकार कोरोना की जांच के लिए यदि मरीज ने टालमटोल कर दी तो संक्रमण किस तेजी से फैल सकता  है। श्री जैन ने बताया कि गया नगर, उरला, सिकोला बस्ती, राम नगर, नयापारा, भिलाई 3 जैसी जगहों में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। हमारा फोकस पचास वर्ष से अधिक और पहले से बीमार चल रहे लोगों पर है। चूंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आसपास के इलाके की ही होती है अतएव क्षेत्र के बारे में अच्छी जानकारी और फीडबैक इनके पास होते हैं। इनके माध्यम से संक्रामित लोगों की पहचान करने में आसानी हो रही है। सुरैया की सहायिका सविता ठाकुर और मितानिन दुलारी बाई ने बताया कि लोगों को जागरूक करना बहुत पुण्य का काम है। हम बताते हैं कि किस प्रकार यह बीमारी लापरवाही बरतने पर गंभीर हो जाती है। इसका अच्छा असर होता है लोग बात मानते हैं और टेस्ट के लिए जाते हैं। ऑक्सीमीटर होने के चलते हम ज्यादा तकनीकी रूप से मजबूत हुए हैं। इससे भी लोगों को लगता है कि इनसे अपने ऑक्सीजन लेवल की जांच करानी चाहिए। जिला परियोजना अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वयं भी मौके पर जा कर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

 

 

दुर्गाेत्सव के संबंध में दिशा निर्देश

जिला प्रशासन ने नवरात्रि पर्व के संबंध में विस्तृत आदेश जारी किये

       दुर्ग। जिला प्रशासन द्वारा नवरात्र पर्व के लिए विशेष निर्देश जारी किये है जिसके अंतर्गत कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु तथा वर्तमान में जिले में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसे रोकने एवं नियंत्रण में रखने हेतु सभी संबंधित उपाय अमल में लाया जाना उचित और आवश्यक हो गया है, जिसे दृष्टीगत रखते हुए नवरात्र पर्व के संबंध में निर्देश प्रसारित किये हैं। मूर्ति की ऊंचाई एवं चैड़ाई 6 गुना 5 फिट से अधिक नही होना चाहिए। मुर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 गुना 15 फिट से अधिक नही होना चाहिए। पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्ग फिट की खुली जगह हो। पंडाल एवं सामने 3000 वर्ग फिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। एक पंडाल से दूसरे की दूरी 250 मीटर से कम ना हो। पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल नही होना चाहिऐ। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे। किसी भी प्रकार एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक नही होना चाहिए। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेंगी, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता एवं मोबाईल नम्बर दर्ज किया जाएगा। ताकि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित होने पर काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जाएगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हैण्डवाॅश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संक्रमित सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति का होगा।व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बास-बल्ली से बेरिकेटिंग कराया जाएगा।

       संक्रमित होने पर समिति को देना होगा इलाज का पूरा खर्च – यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेन्मेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान , विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डी.जे. बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस(छोटा हाथी ) से बडे़ वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी।

       विसर्जन में 4 से अधिक नहीं जा सकेंगे – मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गो से मूर्ति विसर्जन वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे। विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी।

       7 दिवस पूर्व नगर निगम को देना होगा आवेदन- उपरोक्त शर्तो के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो कम से कम 7 दिवस पूर्व नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथपत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।

       इन सभी शर्तो के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश 04 जून 2020 के अंतर्गत जारी एस.ओ.पी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश के उल्लंघन करने पर ऐपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल अन्य धाराओं के तहत् कठोर कार्यवाही किया जाएगा।

 

 

होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को दिया जा रहा काढ़े का पैकेट, कचांदुर कोविड सेंटर के लिए बनाकर भेजा जाएगा काढ़ा

जिला पंचायत में हुई बैठक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, केनरा बैंक ने भी काढ़े की सामग्री के लिए किया सहयोग

 

       दुर्ग। जिले में होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को काढ़ा वितरित किया जा रहा है। यह मेडिकल किट के साथ प्रदान किया जा रहा है। अब कचांदुर कोविड सेंटर के मरीजों के लिए आयुष विभाग द्वारा काढ़ा बनाकर भेजा जाएगा। इस संबंध में जिला पंचायत में हुई बैठक में विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई। जिला पंचायत सीईओ श्री एस आलोक ने कहा कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काढ़ा की विशेष भूमिका होती है। इस संबंध में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने विशेष निर्देश दिये हैं। इसके अनुपालन में आइसोलेशन में रह रहे लोगों के लिए काढ़ा उपलब्ध कराने का काम हो रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन आयुष विभाग को काढ़े की सामग्री उपलब्ध करा रहा है। इसके माध्यम से मेडिकल किट के साथ होम आइसोलेशन वाले मरीजों को सूखा काढ़ा वितरित किया जा रहा है। कचांदुर कोविड केयर सेंटर के मरीजों के लिए भी काढ़ा आयुष विभाग द्वारा बनाकर उपलब्ध कराया जाएगा। इस मौके पर डिप्टी कलेक्टर प्रियंका वर्मा, दिव्या वैष्णव, जिला आयुर्वेद अधिकारी डाॅ. केके शर्मा, विशेषज्ञ आयुष डाॅ. जया साहू भी उपस्थित थे। डाॅ. साहू ने बताया कि कोविड केयर सेंटर में भर्ती 93 मरीजों के लिए काढ़ा बनाकर भेजा जाएगा। इसके साथ ही यहां कार्यरत स्टाफ के लिए भी काढ़े की व्यवस्था की जाएगी। इस प्रकार 133 लोगों तक काढ़ा बनाकर भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि इसके लिए दस किलो सोंठ, पांच किलो काली मिर्च, पांच किलो हल्दी, पांच किलो मुलैठी, पांच किलो दालचीनी आयुष विभाग को प्रशासन द्वारा दिया गया है। इसके लिए आयुष विभाग को गिलोय वन विभाग की ओर से तथा उद्यानिकी विभाग की ओर से प्राप्त हुआ। इसके साथ ही पांच किलोग्राम तुलसी भी उद्यानिकी विभाग की ओर से प्राप्त हुई। आयुष विभाग को काढ़ा वितरण के लिए कुछ सहयोग आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, केनरा बैंक ने भी किया। उल्लेखनीय है कि आयुष विभाग द्वारा निरंतर वार्डों में कैंप लगाकर काढ़े का वितरण भी किया  जा रहा था।

Related Articles

Back to top button