अहिवारा में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन: विष्णु देव सरकार के दमनकारी रवैये के खिलाफ मशाल जुलूस
गिरफ्तारी के खिलाफ नाराजगी: सतनामी समाज के निर्दोष युवाओं सहित कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उबाल
लोकतंत्र की रक्षा: मशाल जुलूस में महिला और युवा कार्यकर्ताओं की सशक्त भागीदारी, न्याय और स्वतंत्रता के लिए एकजुटता का प्रदर्शन
सरकार को सख्त संदेश: कांग्रेस का ऐलान, दमनकारी नीतियों का हर स्तर पर किया जाएगा विरोध
अहिवारा। छत्तीसगढ़ के अहिवारा विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विष्णु देव सरकार के दमनकारी तरीकों के खिलाफ एक सशक्त प्रदर्शन किया। इस आंदोलन का नेतृत्व युवा कांग्रेस जिला महासचिव परविंदर सिंह ने किया, जिन्होंने अहिवारा के बस स्टैंड से पटरी चौक तक मशाल जुलूस का आयोजन किया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य न केवल सतनामी समाज के निर्दोष युवाओं की गिरफ्तारी का विरोध करना था, बल्कि विधायक देवेंद्र यादव, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष शैलेंद्र बंजारे, और NSUI विधानसभा अध्यक्ष सूर्यकांत वर्मा की अनुचित गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठाना भी था।
इस विरोध प्रदर्शन की मुख्य वजह भिलाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज और इसके बाद सतनामी समाज के युवाओं सहित प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी रही। विधायक देवेंद्र यादव, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष शैलेंद्र बंजारे, और NSUI विधानसभा अध्यक्ष सूर्यकांत वर्मा को बिना किसी ठोस आधार के हिरासत में लिया गया, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया। इस कार्रवाई को कांग्रेस ने सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति और लोकतंत्र पर हमला बताया।
अहिवारा में निकाले गए मशाल जुलूस में सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भाग लिया। परविंदर सिंह के नेतृत्व में हुए इस जुलूस ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया और सरकार के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया। इस जुलूस में एनएसयूआई नेता नरेंद्र सिंह, नगर पार्षद हेमंत साहू, युवा कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत साहू, महासचिव मुरली कृष्ण, सेवा दल अध्यक्ष रामपाल नाविक, समाजसेवी रितेश प्रशाद, और छात्र नेता मयंक, रंजीत सिंह, सूरज ढीड़े समेत अन्य प्रमुख कार्यकर्ता भी शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों ने यह स्पष्ट किया कि यह आंदोलन केवल व्यक्तिगत गिरफ्तारियों का विरोध नहीं, बल्कि लोकतंत्र और न्याय के मूल्यों की रक्षा के लिए भी था। सरकार द्वारा दमनकारी तरीकों का इस्तेमाल कर विरोध की आवाजों को दबाने की कोशिश को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अस्वीकार किया।
इस जुलूस में महिला और युवा कार्यकर्ताओं की भी उल्लेखनीय भागीदारी रही। यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी में नारी शक्ति और युवा नेतृत्व की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। वे न केवल अपने नेताओं के समर्थन में उतरे, बल्कि उन्होंने समाज में अन्याय के खिलाफ भी अपना विरोध जताया।
अहिवारा में निकला यह मशाल जुलूस छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एकजुटता और सरकार के दमनकारी नीतियों के खिलाफ उनकी लड़ाई का प्रतीक बन गया। यह आंदोलन दिखाता है कि जब भी लोकतांत्रिक मूल्यों और न्याय पर संकट आता है, तो कांग्रेस कार्यकर्ता किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। इस विरोध प्रदर्शन ने न केवल सरकार के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजा, बल्कि जनता में भी जागरूकता पैदा की कि उनके अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कांग्रेस हमेशा तत्पर है।