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छत्तीसगढ़रायपुर

भगवान श्री बलराम जयंती पर किसान दिवस का भव्य आयोजन, राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन

मुख्यमंत्री करेंगे कार्यक्रम का शुभारंभ, 2,000 से अधिक किसान होंगे शामिल

गौ आधारित और प्राकृतिक खेती पर विशेष कार्यशाला

       रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में भगवान श्री बलराम जी की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह आयोजन कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग, छत्तीसगढ़ शासन और भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय दोपहर 12 बजे करेंगे, जो कृषि महाविद्यालय रायपुर के कृषि मंडपम में आयोजित होगा। इस मौके पर कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम अध्यक्षता करेंगे, जबकि भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री दिनेश कुलकर्णी मुख्य वक्ता होंगे।

       कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में रायपुर के सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, धरसींवा विधायक श्री अनुज शर्मा, रायपुर ग्रामीण विधायक श्री मोतीलाल साहू, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल और भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ प्रांत अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्रवंशी उपस्थित रहेंगे।

गौ आधारित और प्राकृतिक खेती पर कार्यशाला

       इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में “प्राकृतिक एवं गौ आधारित कृषि” विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में प्राकृतिक खेती की तकनीक और इसके फायदों पर विषय विशेषज्ञ किसानों को जानकारी देंगे। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से 2,000 से अधिक किसान हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ के 27 कृषि विज्ञान केंद्रों में भी श्री बलराम जयंती-किसान दिवस का आयोजन किया जाएगा।

प्राकृतिक और गौ आधारित खेती के फायदे

       गौरतलब है कि भारतीय संस्कृति में आदिकाल से ही गौ उत्पादों जैसे गोबर और गौमूत्र का कृषि में उपयोग होता रहा है। गौ आधारित खेती एक ऐसी पद्धति है जिसमें रसायन और कीटनाशकों का उपयोग किए बिना, प्राकृतिक विधियों और देशी गाय आधारित सिद्धांतों का पालन करते हुए खेती की जाती है। इससे न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है, बल्कि खेती की लागत भी घटती है। प्राकृतिक खेती से मिट्टी में पोषक तत्वों का स्तर सुधरता है, जिससे जैविक गतिविधियां बढ़ती हैं और उत्पादकता में वृद्धि होती है।

आयोजन की महत्ता

       भगवान बलराम को कृषि देवता के रूप में पूजा जाता है और उनकी जयंती पर इस प्रकार का आयोजन किसानों के प्रति सम्मान और कृषि के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रतीक है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ के किसानों को आधुनिक और पारंपरिक खेती के तरीकों का मेल दिखाने और उन्हें कृषि की नई संभावनाओं से जोड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

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