बिना परिवार की सहमति के शव को जबरन जला दिया, तथ्यों को दबा दिया गया, परिवार से अंतिम संस्कार का अधिकार तक छीन लिया, ये कैसी क्रूरता है? : फूलों देवी नेताम
राज्य सभा सांसद एवं महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती फूलों देवी नेताम ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी का ट्वीट आया, उन्होंने एसआईटी का गठन किया, मैं पूछना चाहती हूं कि क्या इस एसआईटी के पास वो पावर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बुलाया जाए उस एसआईटी में? आज अपराधियों की गिरफ्तरी तो हुआ, पर अब मुख्यमंत्री को एसआईटी के सामने जवाब देना चाहिए कि जिस बच्ची का इस तरह से बलात्कार हुआ, जिसकी रीढ़ की हड्डी टूटी, जिसकी जीभ को काट कर फेंक दिया गया, आपने उस बच्ची को पहले डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में रखा, आपने उसको फिर अलीगढ़ के एक अस्पताल में रखा। 8 दिन एक नोर्मल वार्ड में रखा और सफदरजंग अस्पताल में आपने तब पहुंचाया जब शायद उसका अंतिम वक्त आ चुका था। इसका दायित्व कौन लेगा? इसका दायित्व, इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेनी चाहिए। एसआईटी काफी नहीं है, फास्ट ट्रैक कोर्ट काफी नहीं है, सिर्फ अरेस्ट काफी नहीं है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को जवाब देना चाहिए कि आपने 8 दिन तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? आपको जवाब देना चाहिए कि आपने 6 दिन नोर्मल वार्ड में आपने उस बच्ची को क्यों रखा और सबसे बड़ा सवाल कि जब उस बच्ची ने अपनी आखिरी सांस ली, आप रात के अंधेरे में उस बच्ची को एंबुलेंस में डालकर उसके गांव लेकर गए और रात मे ही अंतिम संस्कार क्यों किया? इसकी जांच कौन करेगा? बलात्कारियों की जांच एसआईटी करेगी, पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की इस निर्दयता और षड़यंत्र की जांच कौन करेगा, प्रधानमंत्री जवाब दें?