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होम आइसोलेशन का दुर्ग माडल साबित हुआ बेहद कारगर, अब तक 6216 मरीज स्वस्थ

7329 मरीजों की अंडरटेकिंग के बाद होम आइसोलेशन की स्वीकृति दी गई, 169 मरीजों को हायर सेंटर रिफर किया गया, 100 मरीजों को प्राइवेट हास्पिटल रिफर किया गया

मरीजों के  स्वस्थ  होते जाने से तेजी से बढ़ रही रिकवरी रेट, अभी रिकवरी रेट लगभग 84 प्रतिशत, फिलहाल 829 मरीज एक्टिव, सत्रह दिन की इनकी समयावधि पूरी होने पर रिकवरी रेट में होगा तेजी से इजाफा

 

       दुर्ग। होम आइसोलेशन का दुर्ग माडल बेहद कारगर साबित हुआ है। मरीजों की अंडरटेकिंग लेने के बाद और डाॅक्टरों की अनुमति के पश्चात कम लक्षणों वाले जिन मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई थी, उनमें से अधिकांश मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है। अभी तक 7329 मरीजों को होम आइसोलेशन की स्वीकृति दी गई। इसमें अब तक 6216 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। अभी 829 एक्टिव पेशेंट होम आइसोलेशन में हैं। मरीजों के स्वस्थ होते जाने से रिकवरी रेट तेजी से बढ़ रहा है और अभी 84 प्रतिशत तक पहुंच गया है। एक्टिव मरीजों की समयावधि पूरी होने पर रिकवरी रेट भी बढ़ती जाएगी। होम आइसोलेशन कंट्रोल सेंटर के माध्यम से मरीजों को दवा की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाती हैं और इनके स्वास्थ्य पर नजर भी रखी जाती है। होम आइसोलेशन कंट्रोल सेंटर में प्रशासकीय व्यवस्था डिप्टी कलेक्टर सुश्री दिव्या वैष्णव देखती हैं। मरीजों के स्वास्थ्य की मानिटरिंग सीएमएचओ डाॅ. गंभीर सिंह ठाकुर नियमित रूप से करते हैं। मरीजों की स्थिति पर डाक्टरों की टीम लगातार नजर रखती है। स्वास्थ्य में किसी तरह की दिक्कत होने पर मेडिकल कंसलटेंट डाॅ. रश्मि भुरे की मानिटरिंग में मेडिकल टीम रिफर किये जाने अथवा ट्रीटमेंट में बदलाव किये जाने का निर्णय लेती हैं। रिफर किये जाने का निर्णय लिये जाने पर अतिशीघ्र मरीज को कोविड हाॅस्पिटल पहुंचाया जाता है।

जामुल की बिटावन बाई जो सलाह से अस्पताल जाने तैयार हुईं-

       जामुल की बिटावन बाई पाजिटिव आईं और शुरू में उनके लक्षण एकदम सामान्य होने पर उनके होम आइसोलेशन को स्वीकृति दी गई। अचानक आक्सीजन लेवल के डाउन होने पर परिजनों को चिंता हुई। बिटावन बाई अस्पताल जाने को तैयार नहीं थीं लेकिन कंट्रोल रूम के स्टाफ के नियमित काल किये जाने की वजह से उनके अच्छे संबंध बन गए थे। उन्होंने बिटावन बाई को समझाया कि देखो आप जल्दी आ जाओगे, हमारे सहयोगी सब अस्पताल में भी हैं आपका पूरा ध्यान रखेंगे। यह सारी बातें छत्तीसगढ़ी में की गईं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में तो पइसा लगहि। कंट्रोल रूम ने बताया कि सरकार फोकट म इलाज कराहि अउ बढ़िया स्वस्थ करके घर भेजहि। वे अस्पताल जाने तैयार हो गईं। अब वे वहां से डिस्चार्ज हो गई हैं।

हुडको की मयूरी-

       होम आइसोलेशन के दौरान पेशेंट कभी-कभी मानसिक रूप से भी परेशान हो जाते हैं। टीम द्वारा लोगों को भावनात्मक संबल भी दिया जाता रहा। हुडको की मयूरी ने शिकायत की, उनके सीने में जलन एवं दर्द हो रहा है। पल्स आक्सीमीटर का रिजल्ट देखा गया लेकिन वो सामान्य बता रहा था। मेडिकल टीम ने चर्चा की। टीम ने अपने आब्जर्वेशन में एसीडिटी की समस्या पाई। इसका जल्द ही निदान हो गया। पेशेंट ने बताया कि इसके बाद घर में भी रहने पर कभी यह महसूस नहीं किया कि किसी तरह की समस्या हो सकती है।
हनोदा की किलेश्वरी उमरे की चिंता भी दूर-  हनोदा की किलेश्वरी उमरे पाजिटिव थी। उनकी छोटी सी बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। मेडिकल टीम ने किलेश्वरी को इस संबंध में पूरी सलाह दी और उनकी चिंताओं को दूर किया। उनकी होम आइसोलेशन अवधि समाप्त हो चुकी है और उन्हें रिकवरी सर्टिफिकेट दिया जा चुका है।

 

 

चंदखुरी में गौठान परिसर में एप्पल बेर लगा रहीं, रिसामा में हल्दी उगा रहीं

नये प्रयोगों की ओर बढ़ रही गौठानों की स्वसहायता समूह की महिलाएं

कलेक्टर ने की प्रशंसा, कहा गौठान आजीविकामूलक केंद्र,
वर्मी कंपोस्ट के साथ ही अन्य तरह की गतिविधियों को अपनाने से आय में तेजी से वृद्धि होगी

 

       दुर्ग। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज दुर्ग ब्लाक के ग्राम चंदखुरी और रिसामा के गौठानों का अवलोकन किया। उन्होंने यहां स्वसहायता समूहों द्वारा किये जा रहे नवाचारों को देखकर खुशी जताई। चंदखुरी में गौठान के बगल से फेंसिंग लगाकर स्वसहायता समूह की महिलाएं उद्यानिकी फसलें अपना रही हैं। यहां वे पपीता, अमरूद और एप्पल बेर लगा रही हैं। इसके साथ ही वे वर्मी कंपोस्ट का अपना मूल काम भी कर रही हैं। गोधन न्याय योजना के लांच होने से पूर्व बनाये गए वर्मी कंपोस्ट की बिक्री वे कर चुकी हैं और अब उनके वर्मी टैंक फिर से भर गए हैं। रिसामा में वर्मी कंपोस्ट की एक खेप तैयार हो गई है। विशेषज्ञों की देखरेख में यह बनाया गया। जल्दी वर्मी तैयार हो, इसके लिए डिकंपोसर डाला गया। अब यहां जो वर्मी खाद तैयार हुआ है वो बिल्कुल चायपत्ती की तरह का है जो काफी गुणवत्तायुक्त माना जाता है। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि वर्मी खाद जल्दी तैयार हो, इस उद्देश्य से डिकंपोजर का प्रयोग किया गया। इसमें 2500 लीटर पानी में 25 किलोग्राम गुड़ और डिकंपोजर का साल्यूशन डाला जाता है। इससे खाद केवल 70 दिनों में तैयार हो जाता है। कलेक्टर ने स्वसहायता समूहों की महिलाओं की प्रशंसा की। इन्होंने कलेक्टर को बताया कि गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर आय के अवसर उपलब्ध हुए हैं और इस दिशा से हम लोग पूरी ऊर्जा से काम कर रहे हैं। रिसामा की महिलाओं ने बताया कि परिसर में वे हल्दी की फसल भी लगा रहे हैं। इसके साथ ही मछलीपालन भी डबरी में कर रहे हैं। मछलीपालन के लिए मत्स्यपालन विभाग ने बीज उपलब्ध कराए हैं। यहां बताया गया कि लावारिस पशु भी गौठान में रखे गए जिससे फसल की काफी रक्षा हुई। रिसामा में स्वसहायता समूह की महिलाएं हल्दी लगा रही हैं। मुर्गी शेड की भी स्वीकृति यहां जल्द ही दी जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि गौठान को विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों का केंद्र बनाना है। यहां पर मुर्गी पालन, मछली पालन, उद्यानिकी फसलों के साथ ही स्थानीय बाजारों की जरूरतों के मुताबिक चीजें तैयार करनी हैं। इससे आप लोगों के आर्थिक लाभ का स्तर तेजी से बढ़ जाएगा। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने अभी नीम और अन्य कड़वी पत्तियों के माध्यम से कीटनाशक  तैयार किया है जिसे सौ रुपए लीटर में बेच रही हैं और अच्छा लाभ अर्जित कर रही हैं। कलेक्टर ने इन महिलाओं से समस्याएं भी पूछीं और कहा कि आप लोगों को आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए हर संभव सहयोग प्रशासन द्वारा दिया जाएगा।

 

 

कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पूरे नवरात्रि पर्व के दौरान रखा जाएगा पूरा एहतियात

मंदिर समितियों और दुर्गा उत्सव समितियों के पदाधिकारियों के साथ जिला प्रशासन की बैठक, शासन के निर्देशों की दी गई जानकारी, सभी ने कहा कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए निर्देशों के मुताबिक पूरी तरह सजग रहकर होगा पर्व का आयोजन

 

       दुर्ग। क्वार नवरात्रि के अवसर पर धार्मिक आयोजन व उत्सव को लेकर शासन द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गये हैं। कलेक्टोरेट में आयोजित मंदिर समिति एवं दुर्गाउत्सव समिति की बैठक में इसकी जानकारी दी गई। अपर कलेक्टर श्री बी. बी. पंचभाई ने बताया कि वर्तमान में कोरोना का संक्रमण चल रहा है। इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन हर स्तर पर प्रयास कर रहा है। कोरोना के रोकथाम के लिए समाज के सभी वर्गों  की भागीदारी की आवश्यकता है। अभी आने वाला समय त्यौहार और पर्व के आयोजन का है। इस दौरान भीड़ जुटने की आशंका भी है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए इसे रोकना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मंदिर में दर्शनार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर स्थल में मेला का आयोजन नही किया जाएगा। ज्योति प्रज्वलन की जिम्मेदारी केवल मंदिर प्रबंधन  समिति की होगी। श्रद्धालु ज्योति जलवा सकेंगे लेकिन ज्योति दर्शन हेतु श्रद्धालुओं या अन्य व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर में पुजारी एवं मंदिर संचालक समिति पूजा पाठ कर सकेंगे। डीजे बजाने पर पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा। समितियों के पदाधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में प्रशासन को पूरा सहयोग देंगे और सामूहिक भागीदारी के साथ कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में  कार्य करेंगे। शासन द्वारा नवरात्र पर्व के लिए विशेष निर्देश जारी किये है, जिसके अंतर्गत मूर्ति की ऊंचाई एवं चैड़ाई 6 गुना 5 फिट से अधिक नही होना चाहिए। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 गुना 15 फिट से अधिक नही होना चाहिए। पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्ग फिट की खुली जगह हो। पंडाल एवं सामने 3000 वर्ग फिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। एक पंडाल से दूसरे की दूरी 250 मीटर से कम ना हो। पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल नही होना चाहिऐ। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे। किसी भी प्रकार एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक नही होना चाहिए। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेंगी, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता एवं मोबाईल नम्बर दर्ज किया जाएगा। ताकि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित होने पर काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जाएगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हैण्डवाॅश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संक्रमित सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति का होगा। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बास-बल्ली से बेरिकेटिंग कराया जाएगा।

संक्रमित होने पर समिति को देना होगा इलाज का पूरा खर्च-

       यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेन्मेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान , विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डी.जे. बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस(छोटा हाथी ) से बडे़ वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी।

विसर्जन में 4 से अधिक नहीं जा सकेंगे-

       मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गो से मूर्ति विसर्जन वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे। विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी।

       7 दिवस पूर्व नगर निगम को देना होगा आवेदन- उपरोक्त शर्तो के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो कम से कम 7 दिवस पूर्व नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथपत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।

       इन सभी शर्तो के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश 04 जून 2020 के अंतर्गत जारी एस.ओ.पी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश के उल्लंघन करने पर ऐपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल अन्य धाराओं के तहत् कठोर कार्यवाही किया जाएगा।

 

नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने के लिए बनाए गए निर्देशों का पालन करना जरूरी
दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर लगेगा जुर्माना

 

       दुर्ग। नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया गया है। साथ ही समय-समय पर राज्य शासन द्वारा महामारी को रोकने के लिए आवश्यक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार महामारी रोग अधिनियम के अधीन निर्मित नियमांे के तहत् जुर्माना किया जाना निर्धारित है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने का प्रावधान है। जिले में कोरोना के नियंत्रण को लेकर 100 दिन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आने वाले समय पर्व, त्यौहारों का है। जिसमें भीड़ जुटने और मास्क का उपयोग नहीं करने पर पाजिटीव मरीजों की संख्या में वृद्धि की संभावना है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुर्रे ने आयुक्त नगर निगम, एस.डी.एम और एस.डी.ओ.पी. की टीम गठित कर आवश्यक कार्यवाही करने कहा है। इस कार्य हेतु संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त व मुख्य नगर पालिका अधिकारी, संबंधित एस.डी.एम, उप पुलिस अधीक्षक, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, नगर पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस निरीक्षकों को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। नियमानुसार चालानी कार्यवाही करने तथा मास्क न लगाने वालों से चालान लेकर मास्क का वितरण करने कहा है। निगम क्षेत्र में स्व सहायता समूहों से मास्क क्रय किया जा सकेगा। आदेशानुसार सार्वजनिक स्थलों में मास्क व फेसकवर नहीं पहनने, होम आईसोलेशन के निर्देशों का उल्लंघन किए जाने, सार्वजनिक स्थलों पर थूकते हुए पाए जाने पर 100 रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी प्रकार दुकानों व्यवसायिक संस्थानों के मालिकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किए जाने 200 रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी व्यक्ति द्वारा जुर्माना देने से मना करने पर महामारी नियंत्रण अधिनियम अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसी तरह किसी दुकानदार व व्यवसायिक संस्थान में दुसरी बार उलंघन पाए जाने पर 15 दिवस के लिए दुकान व व्यवसाय 15 दिवस के लिए सील किया जाएगा।

 

 

स्व. रामानुज प्रताप सिंहदेव, स्मृति श्रम यशस्वी पुरस्कार सम्मान हेतु प्रविष्टियां आमंत्रित

       दुर्ग। 14 अक्टूबर 2020/ स्व. रामानुज प्रताप सिंहदेव, स्मृति श्रम यशस्वी पुरस्कार के लिए 18 अक्टूबर तक आनलाइन माध्यम से श्रम विभाग की वेबसाईट www.cglabour.nic.in/alankran.aspx के माध्यम से प्रविष्टयां आमंत्रित किया गया है। जिला दुर्ग स्थित संस्थानों व कारखानों व इंडस्ट्रीज एसोसिएसन्स एवं ट्रेड यूनियन  उक्त वेबसाईट के माध्यम से आवेदन कर सकते है।

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