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भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल प्रखर वक्ता है पर डॉ रमन के कारण प्रदेश प्रवक्ता नही बन सके

केंद्र की कृषि बिल का विरोध खुद भाजपा शासित राज्य कर रहे है बृजमोहन अग्रवाल केवल बयान बाजी कर रहे है
कृषि मंत्री रहते गौ-हत्या पर मौन रहने वाले बृजमोहन अग्रवाल किस मुँह से प्रदेश सरकार पर आरोप लगा रहे है
कांग्रेस पार्टी मांग करती है भाजपा अध्यक्ष तत्काल श्री बृजमोहन अग्रवाल को प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त करें
       रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्व कृषि मंत्री एवं वर्तमान रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर करारा पलटवार करते हुए कहां है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि विरोधी बिल का विरोध केवल कांग्रेस पार्टी ही नहीं वरन समूचे देश की विपक्षी पार्टियां कर रही हैं और देश का हर एक किसान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाए गए काले कानून का पुरजोर विरोध कर रहे है। पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को यह बताना चाहिए कि भाजपा शासित हरियाणा प्रदेश में खट्टर सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों के किसानों को हरियाणा आने से मना क्यों कर दिया है और हरियाणा सरकार के द्वारा अन्य राज्यों के किसानों को अपनी  फसलों को बेचना से भी मना कर दिया गया है। इससे साफ है कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी केंद्र के किसान विरोधी इस काले कानून के विरोध में है पर बृजमोहन अग्रवाल केवल बयानबाजी करके सुर्खियों में बने रहने के लिए इस प्रकार के आरोप लगा रहे हैं पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एक प्रखर वक्ता है और अपने साथी पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर राजेश मूणत और केदार कश्यप के प्रदेश भाजपा प्रवक्ता बनने के बाद वह छुब्ध हैं क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के साथ उनकी रार किसी से छिपी नहीं है और इस कारण उन्हें प्रदेश का प्रवक्ता नहीं बनाया गया बावजूद इसके पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए रोजाना बयानबाजी करते हैं पर यह भाजपा का अधिकृत बयान नहीं होता इससे भाजपा के अंदर जो गुटबाजी चल रही है वह साफ साफ दिख रहा है।
       विकास तिवारी ने कहा कि पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल यह भूल गए कि कुछ दिनों पूर्व वन एवं कानून मंत्री मोहम्मद अकबर ने भाजपा के नेताओं को खुली चुनौती दी थी कि कृषि कानून पर वह किसी भी मंच पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं पर भाजपा के नेता केवल बयानबाजी करते हैं चर्चा के लिए सामने नहीं आते और कांग्रेस की चुनौती स्वीकार करने का माजदा नहीं दिखाते है।
       पूर्व कृषि मंत्री द्वारा शिवराज सरकार के भावांतर योजना को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लागू करने के लिए कहा गया है अच्छा होता है या ज्ञान वह अपने सरकार में रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को देते तो प्रदेश के किसानों की दुर्दशा नही होती किसान आत्महत्या नही करते।लेकिन गुटीय राजनीति के कारण पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह श्री बृजमोहन अग्रवाल की बातों को तवज्जो नहीं दिया करते थे इसलिए वह अब सारा ज्ञान कांग्रेस सरकार को दे रहे हैं कांग्रेस सरकार ने शराब बंदी की घोषणा की है और पूरा करेगी लेकिन कांग्रेस सरकार के वादों को याद दिलाने वाले पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को बताना चाहिये कि उनकी पार्टी के द्वारा घर घर शराब क्यो पहुँचाया गया कैसे 300 करोड़ के बिक्री को 4500 करोड़ तक कैसे पहुँचाया गया और 2100 रु धान समर्थन मूल्य और 300 रु हर साल बोनस किसानों को देने की घोषणा की गई थी पर दिया नही गया।आदिवासियों को जर्सी गाय देने की घोषणा की गई थी पर जर्सी गाय तो नहीं मिली वरन भाजपा और आरएसएस नेताओं द्वारा संचालित गौशालाओं में हजारों गाय को भूख से मारा गया और उनके हड्डी खाल तक को बेच दिया गया तब पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल खामोश बैठे हुए थे बृजमोहन अग्रवाल द्वारा कहा गया कि छत्तीसगढ़ राज्य में तेजी से धर्मांतरण बढ़ रहा है कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती रमन सरकार के 15 सालों में धर्मांतरण के आंकड़े और विगत 20 माह के आंकड़े बृजमोहन अग्रवाल जनता के समक्ष प्रस्तुत करें भ्रम फैलाने का काम ना करें कांग्रेस सरकार पर धर्मांतरण फैलाने का निम्न स्तरीय आरोप लगाना बृजमोहन अग्रवाल को शोभा नहीं देता पूर्ववर्ती रमन सरकार के समय सुदूर बस्तर सरगुजा कोरिया बैकुंठपुर इन क्षेत्रों में धर्मांतरण तेजी से बढ़ रहा था और उस समय पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल चुप्पी साधे बैठे हुए थे और अब भ्रामक बयानबाजी कर प्रदेश का शांत माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
       पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टी एस देव को बेचारा कहने पर कहा कि पूर्ववर्ती रमन सरकार ने उनकी हालत किसी से छिपी नही थी वह खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे पर बन नही पाये उनकी महत्वाकांक्षा आज भी किसी से छिपी नही है। वे डॉ रमन से ज्यादा लोकप्रिय है पर उन्हें केवल रायपुर दक्षिण विधानसभा के चंद मोहल्लों तक सिमटा दिया गया है।

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