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झाड़ फूंक छोड़ डॉक्टरी सलाह और उपचार को प्राथमिकता दे रहे मानसिक रोगी

जागरूकता के चलते पिछले 5 वर्षों में 68% औसत दर से बढ़ी इलाज़ कराने वालों  रोगियों की संख्या

       दुर्ग। मानसिक रोगों के प्रति समाज में अब जागरूकता देखने को मिल रही है। पहले की अपेक्षा अब लोग झाड़ फूंक के चक्कर में न पड़ कर उपचार को प्राथमिकता दे रहे हैं जिस कारण जिला चिकित्सालय स्थित स्पर्श क्लीनिक में आने वाले मानसिक रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल  रहा है।

       विगत पांच वर्षों में स्पर्श क्लीनिक में इलाज़ कराने आये मानसिक रोगियों की संख्या पर गौर किया जाए तो यह पता चलता है कि यह संख्या प्रतिवर्ष लगभग 68 प्रतिशत की औसत दर से बढ़ी है।

       मानसिक बीमारी किसी व्यक्ति के महसूस करने, सोचने  एवं काम  करने के यह रोग व्यक्ति केमनोयोग, स्वभाव, ध्यान एवं बातचीत करने की क्षमता में समस्या पैदा करता है। अंतत: व्यक्ति असामान्य व्यवहार का शिकार हो जाता है। उसे दैनिक जीवन के कार्यकलापों के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। इसलिए स्वयं को मानसिक तौर पर स्वस्थ रखना जरूरी है।

       राज्य सरकार मानसिक रोगियों का उपचार निशुल्क करती है। मनोरोग का उपचार जितना जल्दी शुरू किया जाए उतना जल्दी व्यक्ति स्वस्थ्य हो सकता है। यह धारणा बिलकुल गलत है की मानसिक रोगों का उपचार नहीं हो सकता है।

       स्वास्थ और परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक विकारों , तनाव व अवसाद को कम करने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम संचालित कर रहा है। इनमें जिला अस्पतालों में स्थापित स्पर्श क्लिनिक भी एक है। क्लिनिक में मानसिक रोगियों का निशुल्क उपचार होता है और उनका नाम भी सार्वजनिक नहीं किया जाता है। इसके अलावा प्रदेश के सभी 27 जिलों में काउंसिलिंग सेंटर भी हैं जिनके जरिए मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की पहचान कर मानसिक स्वास्थ की सेवाएं दी जा रही हैं।

       इसके अतरिक्त कोरोना के दौर में मानसिक रोगियों को उपचार एवं परामर्श देने मेंटेलीमेडिसिन सुविधा भी एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरी है जिसपर लोग अपनी समस्या का निदान पा रहे हैं। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए लोगों को टोलफ्री नंबर 104 पर कॉल करना पड़ता है तत्पश्चात विशेषज्ञों द्वारा उनको परामर्श दिया जाता है।

       इस सम्बन्ध में जिला चिकित्सालय में तैनात मनोरोग चिकित्सक डॉ. आकांक्षा ने बताया, अब लोग झाड़ फूँक के अतिरिक्त इलाज़ को प्राथमिकता दे रहे हैं इस कारण मानसिक रोग के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं और उनको समय से उचित उपचार एवं परामर्श दिया जा रहा है। उन्होंने कहा लोगों को झाड़ फूँक में समय न बर्बाद करके मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति का तुरंत इलाज़ शुरू कराना चाहिए क्योंकि जितनी जल्दी इलाज़ शुरू होगा उतनी ही जल्दी मरीज़ रिकवर होगा।

ऐसे बचें मानसिक अवसाद से :

रोज व्यायाम या योग करें

हल्का व पौष्टिक भोजन करें

     भरपूर नींद लेना एवं अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें

  दोस्तों और परिवार के संपर्क में रहें

      नकारात्मक सोच से बचें बल्कि कुछ नया करने की सोचें

       सभी प्रकार के नशे से दूरी बनाकर रखें

यह हैं उपचार हेतु जिला चिकित्सालय स्थित स्पर्श क्लीनिकआए मानसिक रोगियों के आंकड़े –

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