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छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

ग्राम मोहरेंगा में बाल विवाह रोका गया, 16 वर्षीय लड़की को परिजनों को सौंपा गया

सीडीपीओ, ICPS और ग्रामवासियों की तत्परता से हुआ बाल विवाह निरस्त, पुलिस और स्थानीय प्रशासन का सराहनीय सहयोग

       दुर्ग। ग्राम मोहरेंगा के निवासी परमानंद आदिल के 19 वर्षीय पुत्र राजू आदिल ने नजदीकी ग्राम बोरिया की 16 वर्षीय लड़की से विवाह करने की योजना बनाई थी। यह जानकारी मिलने पर सीडीपीओ और पर्यवेक्षक अहिवारा, साथ ही ICPS की टीम ने त्वरित कार्रवाई की। टीम ने लड़के और लड़की के परिजनों के साथ ग्राम के सम्मानित व्यक्तियों के सामने बातचीत की और समझाइश दी। इसके बाद लड़की को उसके पिता को सुरक्षित सौंप दिया गया, जिससे एक बाल विवाह को रोका जा सका।

सरपंच, जनपद सदस्य और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का सहयोग

       इस बाल विवाह को रोकने में ग्राम के सरपंच सिन्हा जी, जनपद सदस्य धनराज बंजारे, और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का विशेष सहयोग मिला। पुलिस प्रशासन ने भी इस मामले में पूरी मदद की, जिससे यह कार्रवाई सफल हो सकी।

बाल विवाह की रोकथाम पर जागरूकता की आवश्यकता

       यह घटना बाल विवाह की बढ़ती समस्या को उजागर करती है, जहां समाज में इस कुप्रथा को रोकने के लिए अधिक जागरूकता और सतर्कता की आवश्यकता है। अधिकारियों और ग्रामवासियों के सहयोग से इस मामले में सही कदम उठाया गया, जिससे एक नाबालिग लड़की का जीवन एक बड़े संकट से बचाया जा सका।

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