हवाई सुविधा जन आंदोलन अखंड धरना
168वें दिन समिति सदस्य धरने पर बैठे
बिलासपुर। बिलासपुर की स्थापना लगभग तीन शताब्दी पूर्व की गयी थी और आज भी यह शहर हवाई सेवा सुविधा से वंचित है। आज अखण्ड धरना के 168वें दिन समिति के सदस्य बिलासपुर के पदाधिकारी व सदस्य धरने पर बैठे। समिति के वक्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन बिलासपुर की पहचान व अस्मिता का आंदोलन बन गया है और बिलासा दाई के इस शहर में बढ-चढ कर हिस्सा ले। वक्ताओं ने कहा कि बिलासपुर को रायपुर के समान ही सुविधाएं और अवसर मिलने चाहिए तभी छत्तीसगढ राज्य निर्माण की मूल भावना लागू होगी, परन्तु पिछले 20 सालों मे इस भावना की उपेक्षा की गयी है।
सभा केा संबोधित करते हुये मनोज तिवारी ने कहा कि बिलासपुर उत्तर छत्तीसगढ का सबसे प्रमुख स्थान है और यही नही मध्यप्रदेश के भी समीपवर्ती जिलों के लिए बिलासपुर सबसे नजदीकी हवाई अड्डा होगा। 1988 में ही यहां 18 सीटर विमान चल चुका है। ऐसे में आज का लायसेन्स भी केवल 20 सीटर विमान का होना बिलासपुर की घोर उपेक्षा बताता है। 167 दिन आंदेालन चलने के बाद भी जिस तेज गति से काम होना चाहिए वैसा दिखायी नही दे रहा है। मनोज तिवारी ने कहा कि बिलासपुर में शिक्षा, स्वास्थ्य ओैर रोजगार के क्षेत्र में अपेक्षित प्रगति नही हो पा रही है और इस बात के लिए हवाई सुविधा का न होना एक बडा कारण है।
आज की सभा को संबोधित करते हुये सालिकराम पाण्डेय ने कहा कि बिलासपुर एयरपोर्ट से महानगरों तक सीधी हवाई सुविधा के लिए केन्द्र सरकार को 600 किलोमीटर से अधिक दूरी पर भी वीजीएफ सब्सिडी देने चाहिए। ऐसा न होने पर बिलासपुर से कलकत्ता (622 किलोमीटर), हैदराबाद (655 किलोमीटर), दिल्ली (907 किलोमीटर), मुंबई (1050 किलोमीटर) एवं अन्य सभी महानगरों विमान कंपनियां उडान चालू करने के लिए आकर्शिक नही होगी। सभा को संबोधित करते हुए पाण्डेय जी ने आगे कहा कि यह आंदोलन जन-जन का आंदोलन है और कोई भी सरकार इस मांग की अधिक दिन उपेक्षा नही कर सकती।
आज के धरने में सभा का संचालन मनोज श्रीवास के द्वारा और आभार प्रदर्षन अशोक भण्डारी द्वारा किया गया।
आज के धरना आदोलन में बद्री यादव, अशोक भण्डारी अकील अली, विज्ञभूशण, प्रदीप राही, केशव गोरख, समीर अहमद, डाॅ0 गणेश खाण्डेकर, नवीन वर्मा, श्याम मुरत कौशिक आदि उपस्थित थे।