सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झीट में ग्रामीणों को मिल रही बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं रायपुर और दुर्ग पर निर्भरता हुई कम
सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन का है इंतजाम हर गुरुवार को गायनेकोलॉजिस्ट और सोनोग्राफी की सुविधा भी शुरू
कोरोना संकट के दौरान शुरू हुआ 50 बिस्तरों का कोविड केयर सेंटर,सितंबर से अब तक 125 मरीजों को मिला इलाज
कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने बताया कि उनका पूरा खयाल रखा गया
दुर्ग। राज्य सरकार के प्रयासों से ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बेहतर हो रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झीट में भी कोविड संक्रमण कम होने के बाद स्थिति सामान्य होने लगी है। दीपावली के बाद ओपीडी की सर्विसेस फिर से शुरू की गई है। झीट में सर्व सुविधा युक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने से आसपास के गांव की गर्भवती स्त्रियों को काफी सहूलियत हो गई है यहां पर हर गुरुवार को स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सोनोग्राफी की सुविधा महिलाओं को मिल रही है। हर गुरुवार को डॉ अहिल्या पटेल एवं रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर रवीश कुमार कुमार यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पिछले दो हफ्तों में यहां में यहां 25 गर्भवती स्त्रियों की सोनोग्राफी हुई है।
यहां पर सर्व सुविधा युक्त लेबर रूम भी है कल 23 नवंबर 2020 को ही नजदीक के पाहंदा ग्राम की सपना कुर्रे ने ने अस्पताल में एक स्वस्थ बच्ची बच्ची को जन्म दिया। सपना बताती है कि अस्पताल में उनका और उनकी बेटी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान भी यहां के डॉक्टर हो स्टाफ नर्स एवं मितानिन दीदी ने काफी मदद की। सपना ने बताया कि यहाँ के स्टाफ का व्यवहार बहुत अच्छा है। डिलीवरी का समय नजदीक आने पर उनकी सास उन्हें यहां लेकर आई। पहली बार मां बन रही सपना शुरुआत में थोड़ी घबराई हुई थी लेकिन यहां की सुविधाएं देखकर सुविधाएं देखकर उसके परिवार एवं उसे काफी संतुष्टि मिली।
30 बिस्तर वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जीवनदीप की मदद से 7 बिस्तर वाला कैजुअल्टी वार्ड भी भी बनाया गया है। यहां पर पैथोलॉजी लैब की सुविधा भी उपलब्ध है जहां उपलब्ध है जहां पर सीबीसी ,शुगर एवं गर्भवती स्त्रियों के लिए आवश्यक सभी प्रकार की जांच की जाती है। ग्रामीणों को यह सुविधा बहुत ही कम फीस पर उपलब्ध है उपलब्ध है। अस्पताल में मरीजों के लिए दवाइयां भी उपलब्ध है। यहां के दवा वितरण केंद्र में विभिन्न बीमारियों की 250 से अधिक जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध है। इस अस्पताल में दंत रोग विशेषज्ञ की सुविधा भी उपलब्ध है।सामान्य चोट की मरहम पट्टी के लिए ड्रेसिंग रूम भी है।
सेंट्रलाइज ऑक्सीजन के साथ ही बाधारहित बिजली सप्लाई के लिए सोलर सिस्टम एवं जनरेटर की भी है व्यवस्था- डॉक्टर कठोतिया ने बताया कि ने बताया कि अस्पताल होने के नाते यहां पर अबाधित विद्युत सप्लाई की बहुत जरूरत है जरूरत है इसलिए यहां सोलर सिस्टम एवं जनरेटर भी लगाया गया है ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो। यहां पर सभी वार्डों के लिए सेंट्रलाइज ऑक्सीजन की व्यवस्था है। यहाँ के अलावा दुर्ग जिले में यह सुविधा केवल जिला अस्पताल एवं शास्त्री अस्पताल सुपेला में ही उपलब्ध है।
कोविड19 इलाज के लिए सितंबर में शुरू हुआ 50 बिस्तरों का कोविड केयर सेंटर,100 से अधिक मरीज हो चुके डिस्चार्ज वर्तमान में 13 मरीज ले रहे स्वास्थ्य लाभ- कोविड 19 संकट के दौरान कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे के निर्देशों के बाद ग्रामीण जनों को कोरोना का इलाज उपलब्ध कराने पाटन ब्लाक के ग्राम झीट में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सितंबर महीने में 50 बिस्तरों का कोविड केयर सेंटर शुरू किया गया। जहां एसिम्प्टोमेटिक एवं बहुत कम लक्षणों वाले मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई। सीएचसी झीट के प्रभारी डॉ डी आर कठोतिया ने बताया कि यहाँ ओर ए सिप्टोमेटिक एवं हल्के लक्षण वाले मरीजों को ही रखा जाता है। गंभीर मामलों को शंकराचार्य कोविड अस्पताल अथवा डॉ चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल रिफर किया जाता है।सितंबर से लेकर अब तक यहाँ 125 कोरोना पॉजिटिव मरीज एडमिट हुए जिनका सफलतापूर्वक इलाज किया गया। आज भी दो मरीज डिस्चार्ज हुए हैं।
स्टाफ नर्सें 3 शिफ्टों में देती हैं सेवाएं,24 घण्टे 8 सीसीटीवी कैमरे रखते हैं मरीजों पर निगरानी,दिक्कत होने पर मरीज कॉल भी करते हैं – कोविड केयर सेंटर में स्टाफ नर्सें 3 शिफ्टों में ड्यूटी करती हैं। यहां सेवाएं देने वाली स्टाफ नर्सों नर्सों श्रीमती सुभद्रा सोनकर सुश्री मेनका और क्षमा साहू से भी हमने बात की। उन्होंने बताया कि पहले तो उन्हें भी डर लगा था लेकिन धीरे-धीरे उनका आत्मविश्वास बढ़ने लगा। यदि प्रोटोकॉल का पालन किया जाए तो संक्रमण का खतरा कम हो जाता है ।सुभद्रा बताती हैं उन सभी को पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट मास्क फेस शील्ड इत्यादि उपलब्ध कराया गया है। हालांकि पीपीई किट पहनकर ड्यूटी करना मुश्किल है लेकिन मरीजों के प्रति जिम्मेदारी के साथ अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है।इसलिए वो पूरी सावधानी रखती हैं।
आज डिस्चार्ज हुए सुमेंद्र साहू और राजेश्वर साहू ने बताया कोविड केयर सेंटर में मरीजों का रखा जा रहा अच्छा खयाल- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झीट में स्थित कोविड-19 केयर सेंटर में मरीजों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है आज ही 2 मरीज मरीज यहां से डिस्चार्ज हुए हैं। सुमेंद्र साहू और राजेश्वर साहू आईडीएफसी बैंक उतई उतई में काम करते हैं। 13 नवंबर को उनको पता चला कि उनकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पहले 2 दिन वे होम आइसोलेशन में रहे इसके बाद 16 नवंबर को वे दोनों कोविड-19 सेंटर झीट में एडमिट हो गए। सुमेंद्र और राजेश्वर बताते हैं कि बताते हैं कि यहां पर उनका अच्छी तरह से ध्यान रखा गया डॉक्टर एवं स्टाफ नर्सों ने अच्छी तरह से सेवा की समय-समय पर पर सारे राइटर्स भी भी चेक किए इसके अलावा उनको गर्म और ताजा भोजन भी उपलब्ध कराया गया। उनकी स्थिति में सुधार होने के बाद 24 नवंबर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। डिस्चार्ज होने के बाद करीब 10 दिन के लिए दोनों होम आइसोलेशन में रहेंगे।
मरीजों की सेवा करते हुए स्टाफ भी हुआ संक्रमित लेकिन सेवा भावना में नहीं आई कोई कमी,स्वस्थ होकर फिर से कर रहे हैं कोरोना मरीजों की सेवा- कोविड संकट में हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने जिस तरह से पूर्ण समर्पण के साथ सेवाएं दी हैं काबिले तारीफ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झीट में भी रेडियोटेक्निशियन श्री चंद्रहास ठाकुर और स्टाफ नर्स सुश्री अंजू देशलहरे भी मरीजों की सेवा के दौरान पॉजिटिव हो गए थे। अंजू कचांदूर स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल अस्पताल के कोविड-19 केयर सेंटर और चंद्रहास कोविड केयर सेंटर ऊपरवारा में एडमिट हुए। दोनों स्वास्थ्य कर्मी बताते हैं कि संकट का समय है ऐसे में मानवता की सेवा के लिए अपना योगदान देना बहुत अच्छा लगता है वह कहते हैं कि खतरा तो है लेकिन अगर हम मरीजों की सेवा नहीं करेंगे तो कौन करेगा। आज दोनों स्वस्थ होकर वापस मरीजों की सेवा में जुट गए हैं। चंद्रहास अपना अनुभव साझा करते हुए बताते हैं कि कोविड पॉजिटिव होने के बाद शरीर के साथ-साथ मानसिक बल भी कम हो जाता है इसलिए मरीजों को मनोवैज्ञानिक तरीके से समझाना पड़ता है।उनको साइको थेरेपी का भी ज्ञान है इसी दौरान कोरोना उनके पिताजी की भी मृत्यु हो गई इस वजह से वह मानसिक रूप से काफी कष्ट में थे लेकिन साइकोथेरेपी से उनको काफी मदद मिली वह बताते हैं कि उपरवारा में उन्होंने अन्य मरीजों को भी साइकोथेरेपी दी जिससे उनको भी काफी फायदा हुआ।
अमलेश्वर-सांकरा में अवैध प्लाटिंग पर करें कड़ी कार्रवाई
कलेक्टर ने बैठक में दिये निर्देश, कहा इसी तरह से कुम्हारी एवं अन्य क्षेत्रों में भी अवैध प्लाटिंग पर करें कार्रवाई
स्लम स्वास्थ्य योजना में ज्यादा से ज्यादा ओपीडी बढ़ाने के दिये निर्देश
नगरीय निकाय के अधिकारियों को कहा कि सुबह-शाम दौरा कर देखें सफाई एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं की स्थिति
दुर्ग। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अमलेश्वर-सांकरा क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग पर विशेष नजर रखने और इन पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के साथ ही कुम्हारी में और अन्य जगहों पर जहां भी अवैध प्लाटिंग के मामले प्रकाश में आते हैं उन पर त्वरित कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने इसके लिए एसडीएम एवं नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को समन्वय से कार्रवाई करने के निर्देश दिये। बैठक में निगम कमिश्नर भिलाई श्री ऋतुराज रघुवंशी, जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक, डीएफओ श्री केआर बढ़ाई, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सर्वे, श्री बीबी पंचभाई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सुबह से करें दौरा, शाम को भी देखें सफाई की स्थिति- कलेक्टर ने निगम अधिकारियों को कहा कि सफाई सर्वोच्च प्राथमिकता है। नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छताकर्मियों का हौसला तब बढ़ता है जब अधिकारी स्वयं मौके पर पहुंचकर उनका हौसला बढ़ाता है। सुबह के समय ऐसे निरीक्षण करें और इसके लिए टीम बनाकर सफाई की स्थिति की मानिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि लोगों की राजस्व संबंधी दिक्कतों के लिए अथवा अन्य किसी भी प्रकार की दिक्कत दूर करने के लिए कैंप आयोजित करें। नगरीय क्षेत्र के गौठानों को भी आजीविकामूलक केंद्रों के रूप में विकसित करना बड़ी जिम्मेदारी है। इसके साथ ही यहां पर गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन पर विशेष नजर रखें।
अधिकारियों से पूछा कि वर्मी कंपोस्ट बनने की क्या स्थिति है- कलेक्टर ने सभी नगरीय निकाय के अधिकारियों एवं जनपद सीईओ से पूछा कि वर्मी कंपोस्ट बनने की क्या स्थिति है। खरीदे गये गोबर को किस तरह रखा गया है। वर्मी कंपोस्ट की गुणवत्ता किस प्रकार है। क्या इसे टेस्टिंग के लिए लैब में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना में प्रोसेसिंग अगर सही तरह से हुई तो गुणवत्तायुक्त वर्मी कंपोस्ट प्राप्त होगा जिसका अच्छा मूल्य समूहों को मिलेगा। बस इसके लिए मानिटरिंग की विशेष जरूरत है कि प्रक्रिया के अनुरूप कार्य हो। अधिकारी नियमित रूप से देखें। उन्होंने गौठानों में नस्ल गुणवत्ता के कार्यों को भी विशेष रूप से बढ़ाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि गौठानों के माध्यम से पशुधन की मूल्यवत्ता बढ़ाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों को पशुपालन से अच्छी आय होने लगी तो वे इस ओर और अधिक रुचि लेंगे। कलेक्टर ने मत्स्यपालन के लिए हितग्राहियों के चिन्हांकन के बाबत भी जानकारी ली। मत्स्य विभाग की अधिकारी ने बताया कि धमधा ब्लाक में हितग्राहियों का चयन कर लिया गया है शेष ब्लाक में प्रक्रिया चल रही है और शीघ्र ही हितग्राहियों का चयन कर लिया जाएगा।
स्थानांतरण पर डिप्टी कमिश्नर श्री आरके खुंटे को भावभीनी विदाई
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में हुई है पदस्थापना
दुर्ग। ध्स्थानांतरण के अवसर पर डिप्टी कमिश्नर श्री आरके खुंटे को भावभीनी विदाई संभागायुक्त परिवार की ओर से दी गई। श्री आर के खुंटे की पदस्थापना प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में हुई है। इस मौके पर अपने संबोधन में संभागायुक्त श्री टीसी महावर ने कहा कि डिप्टी कमिश्नर के रूप में श्री खुंटे का कार्यकाल काफी यशस्वी रहा। उन्होंने अपना सारा कार्य मनोयोग से, ईमानदारी से और पारदर्शिता से किया। उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई, उसका निर्वहण उन्होंने पूरी निष्ठा से किया। मैं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। इस मौके पर श्री खुंटे ने कहा कि दुर्ग में उप संभागायुक्त के रूप में उनकी पदस्थापना उनके करियर का यशस्वी क्षण रहा है। दुर्ग जिले में उन्हें काफी कार्य करने का अवसर मिला है। पूर्व में जिला पंचायत सीईओ के रूप में और अभी डिप्टी कमिश्नर के रूप में काफी चुनौतियों का सामना किया और वरिष्ठजनों के मार्गदर्शन में और सहयोगियों के समन्वय से सभी कार्य अच्छे से संपादित हुए। उन्होंने कहा कि संभागायु्क्त श्री महावर के मार्गदर्शन में काफी अच्छा काम करने का मौका दुर्ग में मिला जो उनके लिए हमेशा यादगार रहेगा। इस मौके पर सेवानिवृत्त संभागायुक्त श्री बीएल गजपाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
अहिवारा और उतई नगरीय निकायों में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन से कलेक्टर असंतुष्ट
सीएमओ को कहा सात दिनों के भीतर सुधारे व्यवस्था
दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज नगरीय निकायों में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की स्थिति देखी। उतई और अहिवारा में इसके क्रियान्वयन पर वे नाराज हुए। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की सबसे महत्वपूर्ण योजना है। इसके क्रियान्वयन के लिए निरंतर मानिटरिंग और तकनीकी मानदंडों के अनुरूप व्यवस्था करने की जरूरत है लेकिन इन निकायों में कार्य अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि कार्य की शीघ्रता के साथ ही तकनीकी मानदंडों को सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने इन निकायों में गोबर के रखरखाव पर नाराजगी जाहिर की, साथ ही वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए चल रही धीमी प्रक्रिया पर भी तीव्र नाराजगी जाहिर की। कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में एवं अन्य निकायों में व्यवस्थित तरीके से तकनीकी मानदंडों के मुताबिक वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया का पालन करने से ही उच्च कोटि की वर्मी कंपोस्ट की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है। कलेक्टर ने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता की योजना है इसमें किसी भी तरह की लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अमलेश्वर-सांकरा चैड़ीकरण कार्य भी देखा कलेक्टर ने- अमलेश्वर से सांकरा तक फोर लेन चैड़ीकरण कार्य आरंभ हो गया है। कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से कहा कि लोगों की सुविधाओं के लिए उपयोगी और सुंदर सड़क तैयार करनी है। उन्होंने कहा कि सड़क के निर्माण में डेंजर प्वाइंट्स संबंधित तकनीकी दृष्टिकोण का विशेष रूप से ध्यान रखें ताकि सड़क सुरक्षा के तकनीकी मानदंडों पर खरी उतरती हुई मुकम्मल सड़क तैयार हो सके। उन्होंने बिजली कंपनी के अधिकारियों से पोल शिफ्टिंग का कार्य शीघ्र समाप्त करने को भी कहा। रायपुर से पाटन आने के मार्ग पर भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाएगा। कलेक्टर ने इस संबंध में भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने पाटन में चल रहे अन्य निर्माण कार्यों को भी तय समय पर पूरा करने के निर्देश पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को दिए।
पंदर में बना नया धान खरीदी केंद्र भी देखा- कलेक्टर ने पंदर में बना नया धान खरीदी केंद्र भी देखा। इससे पंदर के अतिरिक्त गुजरा और नवागांव के ग्रामीणों को भी धान बेचने में आसानी होगी। यहां एक हजार किसानों का धान बिकेगा और 1100 हेक्टेयर रकबे का पंजीयन किया गया है। समिति के अधिकारियों ने बताया कि लगभग चालीस हजार क्विंटल की धान खरीदी इस केंद्र से होगी। केंद्र में चबूतरे बनाये जा चुके हैं।
जल्द शुरू होंगे मनरेगा से नहरों के कार्य- कलेक्टर ने जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों से सिंचाई संबंधी संरचनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की। उन्होंने कहा कि मनरेगा से स्वीकृत कार्य शीघ्रताशीघ्र आरंभ किये जाएं। सिंचाई संबंधी स्वीकृत कार्यों में समय सीमा के साथ ही गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
अंजोरा (ख) की पंचायत सचिव निलंबित
दुर्ग। ध्ग्राम पंचायत अंजोरा (ख) की पंचायत सचिव श्रीमती तामलेश्वरी देवांगन को अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा निलंबन की कार्यवाही की गई है। उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना अंतर्गत 6 सौ से अधिक क्विंटल गोबर क्रय करने के उपरांत भी वर्मी कंपोस्ट तैयार करने में किसी प्रकार की रूचि नहीं ली गई है। साथ ही गोधन न्याय योजना के संबंध में आहुत बैठक में बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने पर शासन की महत्वकांक्षी योजना के संचालन में लापरवाही बरतना पाया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी और उनका मुख्यालय पाटन निर्धारित किया गया है।
राज्य शौर्य पुरस्कार हेतु नामांकन प्रस्ताव आमंत्रित
दुर्ग। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के अवसर पर ऐसे वीर बालक और बालिकाएं जिन्होंने अपने जान की परवाह किए बिना अदभुत वीरता का परिचय दिया हो, ऐसे बालक बालिकाओं को राज्य शौर्य पुरस्कार प्रदाय किया जाता है। इसके लिए नामांकन प्रस्ताव 04 जनवरी तक महिला एवं बाल विकास विभाग में आमंत्रित किया गया है। पुरस्कार हेतु निर्धारित पात्रतानुसार ऐसे बालक बालिका जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरे की जान बचाने हेतु वीरता का कार्य किया हो। साथ ही घटना तिथि पर उनकी आयु 18 वर्ष से कम हो एवं किया गया कार्य 01 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 के बीच घटित हुआ हो। आवेदन के साथ कलेक्टर द्वारा किया गया अनुशंसा पत्र, एफ.आई.आर. की प्रति, समाचार पत्रों की कतरन, घटना का विस्तृत विवरण संलग्न करना होगा।
धान की कस्टम मिलिंग हेतु राईस मिलों का पंजीयन
दुर्ग। समर्थन मूल्य पर उपार्जित कस्टम मिलिंग हेतु राईस मिलों का पंजीयन किया जाना है। खाद्य विभाग की वेबसाइट खाद्य डाॅट सीजी डाॅट एन.आई.सी. डाॅट इन में उपलब्ध लिंक धान एवं चावल उपार्जन-ऑन लाईन 2020-21 के माध्यम से राइस मिलर्स द्वारा नवीन मिल पंजीयन संबंधी आवेदन तैयार किया जा सकता है। कस्टम मिलिंग हेतु राइस मिलर्स पंजीयन एवं अन्य सुविधाओं के लिए राज्य शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश का अवलोकन कर सकते हैं। मिलर्स द्वारा पंजीयन हेतु आवेदन 26 नवंबर से खाद्य कार्यालय में जमा कर सकेंगे। जिले के मिलों का सत्यापन 15 दिसंबर तक किया जाएगा।