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Business-व्यवसाय

Crypto Market Seeing High Volatility After Win of Donald Trump, Bitcoin Price More than USD 87,300, Ether declined 4 Percent

अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में Donald Trump की जीत के बाद से क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी है। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपना नया हाई लेवल बनाया था। बिटकॉइन में बुधवार को एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट थी। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर इसका प्राइस लगभग 87,400 डॉलर पर था।   
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस चार प्रतिशत से अधिक घटा है। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर यह लगभग 3,184 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 3,126 डॉलर पर था। इसके अलावा Solana, Binance Coin और Cardano में गिरावट थी। Ripple और Tron के प्राइस में मामूली बढ़ोतरी थी। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन चार प्रतिशत से अधिक घटकर लगभग 2.89 डॉलर पर था। 

इस सेगमेंट में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की भी दिलचल्पी बढ़ी है। इसी कड़ी में बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक MicroStrategy ने लगभग 27,200 बिटकॉइन खरीदने में दो अरब डॉलर से ज्यादा खर्च किए हैं। Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार, इस कंपनी के पास बिटकॉइन का पहले से बड़ा रिजर्व मौजूद है। हालांकि, यह रकम के लिहाज से कंपनी की ओर से बिटकॉइन की दिसंबर 2020 के बाद सबसे बड़ी खरीदारी है। 

माइक्रोस्ट्रैटेजी के चेयरमैन, Michael Saylor ने इन्फ्लेशन के खिलाफ हेज के तौर पर बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट करने का फैसला किया था। यह कंपनी शुरुआत में कैश के बदले बिटकॉइन खरीदती थी। इसके बाद से माइक्रोस्ट्रैटेजी ने बिटकॉइन खरीदने के लिए शेयर्स और कन्वर्टिबल डेट की बिक्री से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कर रही है। पिछले चार वर्षों में इस अमेरिकी कंपनी के शेयर में 2,000 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इस अवधि में बिटकॉइन का प्राइस लगभग 630 प्रतिशत बढ़ा है। माइक्रोस्ट्रैटेजी के पास बिटकॉइन की कुल होल्डिंग लगभग 23 अरब डॉलर की है। पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो सेगमेंट में स्कैम के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर दोबारा चेतावनी दी थी। इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसीज को वित्तीय और मॉनेटरी स्थिरता के लिए बड़ा जोखिम बताया था। RBI के गवर्नर Shantikanta Das ने कहा था, “मेरा मानना है कि इसे फाइनेंशियल सिस्टम पर हावी होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इससे वित्तीय स्थिरता को लेकर बड़ा जोखिम है।” 
 

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