भाजपा के राष्ट्रिय महासचिव विनोद तावड़े अब विपक्ष के रडार पर
मुंबई। भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष पद और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की रेस में भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा राष्ट्रिय महासचिव विनोद तावड़े का नाम कुछ दिनों से चल रहा है लेकिन कैश कांड से उनकी साख दांव पर लग गई है। क्योंकि इस कैश कांड के चलते तावड़े अब विपक्ष के रडार पर हैं। जी हाँ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाने वाले विनोद तावड़े महाराष्ट्र में मतदान से ठीक एक दिन पहले वोट के बदले कैश बांटने के आरोप में समूचे देश में सुर्खियां बंटोर रहे हैं। चुनाव आयोग की तरफ से तावड़े के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया गया है लेकिन उक्त एफआईआर में कैश कांड का जिक्र नहीं है। वहीं इस एफआईआर की कार्रवाई के बाद राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस और विपक्ष के बड़े नेता तावड़े के जरिए बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विनोद तावड़े के साथ मनमुटाव चल रहा है क्योंकि तावड़े मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदारों में से एक मानें जाते हैं। वहीं वे भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष पद की रेस में भी बताये जा रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति को करीब से जानने वाले बताते हैं कि फडणवीस द्वारा राज्य की राजनीति में विनोद तावड़े को साइड लाइन करने से गृह मंत्री शाह ने उन्हें अपने करीब कर लिया क्योंकि कहा जा रहा है कि अमित शाह फडणवीस को पसंद नहीं करते हैं लेकिन आरएसएस के दवाब के चलते वे शांत हैं। उधर विनोद तावड़े को भाजपा का राष्ट्रिय महासचिव बनाकर पार्टी में उनका ओहदा बड़ा दिया गया। अब तो खबर ये भी है कि विनोद तावड़े भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की रेस में भी हैं। लेकिन मतदान की पूर्व संध्या पर जिस प्रकार से वे कैश कांड में फंस गए हैं उसके पैसा तर्क ये दिया जा रहा है कि तावड़े का कद कम करने के लिए ये एक सुनियोजित चाल पार्टी के ही लोगों द्वारा चली गई है। खैर और केसों की तरह ये केस भी ठंडे बस्ते में चला जायेगा और विनोद तावड़े इस केस से बेदाग बाहर निकल जायेंगे लेकिन फ़िलहाल वे विपक्ष के रडार पर हैं और विपक्ष को तावड़े के जरिए बीजेपी पर निशाना साधने का एक बड़ा मौका हाथ लग गया है।