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सत्ता हाथ से फिसल जाने की पीड़ा रमन सिंह से सहन नहीं हो रही है

रमन सिंह जी अपनी झुंझलाहट, बौखलाहट और गुस्सा 

छोटे अधिकारियों, कर्मचारियों को धमकी देकर न निकाले

रमन सिंह जी का आचरण पूर्व मुख्यमंत्री पद की गरिमा के अनुरूप नही है

रमन सिंह जी को विपक्ष की भूमिका निभाने का मतदाताओं ने दिया है जनादेश

जनादेश का अपमान न करे रमन सिंह जी : त्रिवेदी

 
       रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कवर्धा में बुरी तरह से हुये विफल हुये किसान महापंचायत के कार्यक्रम को लेकर रमन सिंह द्वारा छोटे प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाये गये आरोपों में कोई सत्यता नहीं है। कार्यक्रम परिवर्तन को लेकर छोटे अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगा रहे रमन सिंह विपक्ष की भूमिका को ही लेकर खुद संशय में हैं। रमन सिंह जी और भाजपा को कांग्रेस सरकार के विपक्ष की भूमिका निभाना है लेकिन वे तो छोटे अधिकारियों पर हमला बोल रहे है और छोटे अधिकारियों, कर्मचारियों का विरोध करने को अपना काम समझ बैठने की बड़ी भूल कर बैठे है। छोटे अधिकारियों को लेकर रमन सिंह द्वारा प्रयोग की गयी भाषा बेहद असंतुलित असंयमित और अमर्यादित है। 
       पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर तंज कसते हुये शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि तीन साल बाद सत्ता में आने की बात कहकर धमकी देकर रमन सिंह जी हसीन सपने देख रहे हैं। दरअसल रमन सिंह जी को टिकट मिलेगी ही नहीं। लोकसभा चुनाव में 9-9 सांसदों की टिकट काट दी गयी, रमन सिंह जी कुछ भी नहीं कर सके। उनके पुत्र राजनांदगांव लोकसभा सदस्य अभिषेक सिंह की भी टिकट काटी गयी। 2023 में सत्ता में आना तो बहुत दूर की बात है, पार्टी सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा में रमन सिंह जी को टिकट ही नहीं मिलने वाली है। समय कब बदलते समय नहीं लगता। 15 वर्ष शासन करने के बाद रमन सिंह जी और भाजपा 15 सीटों से कम पर सिमट ही गये। रमन सिंह को जनमत का सम्मान करना चाहिए। विपक्ष की भूमिका निभाने का मतदाताओ ने रमन सिंह जी और भाजपा को जनादेश दिया है। जनादेश का अपमान न करे रमन सिंह जी। रमन सिंह जी परंपराओं को भुला कर छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट कर रहे है। 
 
       रमन सिंह के आरोपों पर कड़ा प्रतिवाद करते हुये त्रिवेदी ने कहा है कि पैसा लेकर नियुक्ति का खेल 15 साल तक रमन सिंह सरकार में खूब चला लेकिन अब बंद हो चुका है। रमन सिंह के बयान में इस खेल के बंद हो जाने का दर्द साफ झलक रहा है। 15 साल के कार्यकाल के आखरी-आखरी में कहे अधिकारियों ने रमन सिंह सरकार में वादा सौदा करके नियुक्यिं लेती और सत्ता जाने के बाद रमन सिंह सरकार को बड़ी राशि का भुगतान नहीं किया। इसी का हिसाब किताब रमन सिंह जी करना चाह रहे है। रमन सिंह जी की यह सोचना कि इस प्रकार की धमकी देकर 15 साल सरकार का बकाया पैसा मिल जायेगा तो यह गलत है।
 
       कवर्धा में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा धमकी और आतंक भरी भाषा के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुये छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अधिकारी, कर्मचारियों के लिए जिस धमकी भरी भाषा का प्रयोग किया है, वह उनकी गरिमा के अनुरूप नही है। पद से हटते ही, सत्ता हाथ से जाते ही इतना बौखला गये रमन सिंह की छोटे-छोटे अधिकारी, कर्मचारी को धमकी दे रहे है। प्रदेश की जनता, मीडिया अधिकारी, कर्मचारी भी समझ रहे है कि रमन सिंह जी गुस्सा हाथ से सत्ता फिसल जाने का है। सत्ता हाथ से फिसल जाने की पीड़ा रमन सिंह जी से सहन नही हो रही है। रमन सिंह जी अपनी झुंझलाहट, बौखलाहट और गुस्सा छोटे अधिकारियों, कर्मचारियों को धमकी देकर निकाल रहे है। 15 साल के शासन के बाद भी 15 सीटो के लायक भी प्रदेश के मतदाताओं ने रमन सिंह और भाजपा को नहीं समझा। इसकी झुंझलाहट, बौखलाहट और गुस्सा डॉ. रमन सिह ऐसी धमकीया दे के निकाल रहे है। जो पूरी तरीके से गलत है।

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