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देवी कौशल्या के जन्मभूमि विवाद भाजपा/आरएसएस के महिला विरोधी विचारधारा का हिस्सा है
देवी कौशल्या के मंदिर के नाम से चंदा कमाने का मौका नही मिलने की तिलमिलाहट है भाजपा/आरएसएस में
भाजपा के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने देवी कौशल्या के जन्मस्थल विवाद को हवा देने का काम आरएसएस के निर्देशों पर दिया
छत्तीसगढ़ की रामायण नामक शोधपरक में चंदखुरी को माता कौशल्या का जन्म स्थल बताया है जिसमे अजय चंद्राकर ने भी माना था
भाजपा और आरएसएस के अपने स्वयंसेवक के देवी कौशल्या विरोधी बयान पर माफी मांगनी चाहिये
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख सचिव विकास तिवारी ने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर के नाम पर करोड़ों और अरबो रुपयों के चंदा कमाने वाले और हिसाब नही देने वाले भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के स्थानीय नेताओं को देवी कौशल्या के जन्मस्थल में बनने वाले भव्य मंदिर के नाम पर चंदा नहीं कमाने का मलाल और तिलमिलाहट है, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान प्रवक्ता अजय चंद्राकर द्वारा कौशल राज की राजकुमारी और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की माता देवी कौशल्या के जन्म भूमि पर बनने वाले मंदिर पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया था और कहा था कि चंदखुरी कौशल्या माता का जन्म स्थली नहीं है और उन्होंने कांग्रेस सरकार को चुनौती देते हुए इस विषय को साबित करें जबकि पूर्व में वर्ष 2014 में शोध परक छत्तीसगढ़ रामायण में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि चंदखुरी धाम है देवी कौशल्या का जन्म स्थल है और छत्तीसगढ़ रामायण के इस शोध में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर द्वारा शुभकामनाएं भी प्रेषित किया गया पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर द्वारा इस शोध के प्रकाशन में कहा गया है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ राज्य है और भाजपा के पूर्व बीज निगम आयोग के अध्यक्ष श्याम बैस द्वारा छत्तीसगढ़ रामायण के शोध में उद्धृत किया गया है कि चंदखुरी धाम में स्थित मंदिर ही कौशल्या माता का जन्म स्थल है जिससे अजय चंद्राकर सहमत थे।
तिवारी ने कहा कि भाजपा के पूर्व मंत्री प्रवक्ता अजय चंद्राकर कौशल्या माता के जन्म स्थल पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हैं मीडिया में सुर्खियां बटोरना चाहते हैं और अज्ञानता के कारण हिन्दू धर्म का अपमान कर रहे है,वहीं दूसरी ओर वर्ष 2014 में प्रकाशित छत्तीसगढ़ रामायण में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि चंदखुरी ही देवी कौशल्या माता का जन्म स्थल है इस पर अपनी सहमति भी जाहिर करते हैं लगातार पंद्रह सालो तक सरकार में रहने के बाद अब विपक्ष की भूमिका नही निभा पाने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता गण कमीशनखोरी नही मिलने के कारण गहरे सदमे में आकर सनातन धर्म और हिंदू धर्म विरोधी बयानबाजी कर रहे है। अपने स्वयंसेवक अजय चंद्राकर के इस हिन्दू धर्म विरोधी बयान पर आरएसएस और भाजपा लिखत रूप में माफी मांगे और अजय चंद्राकर को सनातन धर्म विस्तार से समझाये।