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अरसनारा की पूर्णिमा पेंडरिया ने मेहनत से कमाया नाम और सम्मान

छोटी-छोटी बचत कर शुरू किया काम फिर बिहान योजना से भी मिली मदद

मछलीपालन और मुर्गीपालन शुरू कर ले रही अच्छी आमदनी

       दुर्ग। हम सबने ये तो सुना ही है कि इंसान का काम बोलता है या अंग्रेजी में कहेंगे तो “वर्क हार्ड इन साइलेंस लेट योर सक्सेस बी योर नॉइज” यानि कि शांति से कड़ी मेहनत कीजिये, एक दिन आपकी कामयाबी आपकी आवाज बनेगी। यह बात अरसनारा की पूर्णिमा पेंडरिया पर भी लागू होती है जिन्होंने अपने काम और अपनी मेहनत से अपने गांव में अपनी एक पहचान  बनाई। पूर्णिमा बताती हैं उनकी मन में बहुत दिनों से विचार था अपना खुद का काम शुरु करें। छोटी-छोटी बचत शुरू की। पूर्णिमा की इच्छा थी कि पोल्ट्री का व्यवसाय शुरू करें लेकिन अकेले यह मुश्किल था इसलिए उन्होंने अपने गांव के महिलाओं को मनाने और समझाने का सोचा। कुछ महिलाओं को जोड़कर समूह भी बनाया नाम रखा भगवती स्व-सहायता समूह। जब गांव की महिलाओं को उन्होंने बताया कि पोल्ट्री के व्यवसाय में अच्छा फायदा है, तो शुरुआत में कोई मान नहीं रहा था। लेकिन पूर्णिमा अपना मन बना चुकी थी उनको खुद का काम शुरु करना है इसलिए शुरुआत में अपनी छोटी-छोटी बचत से बचाए रुपयों से उन्होंने कड़कनाथ वेराइटी और वनराज वेरायटी के चूजे खरीदे। एक दिन उनको सीआरपी यानि कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन सरिता साहू से बिहान योजना के बारे में पता चला कि इसके माध्यम से आजीविका स्थापित करने के लिए उनको अच्छा लोन मिल सकता है। जब उन्होंने अपने इस विचार के बारे में बताया तो जनपद पंचायत की ओर से उनको मदद मिली। समूह को 1 लाख रुपए का लोन भी मिला। लगातार समझा बुझा कर कुछ महिलाओं को राजी भी कर लिया। इसके बाद 30 हजार की लागत से मुर्गी शेड और 20 हजार की लागत से मछली पालन के लिए टंकी बनवाई। अगस्त 2020 में 12 हजार रुपये का मोंगरी मछली का बीज व 5000 रुपये का दाना खर्च किया गया, जिससे 2 महीने बाद 5 हजार रुपए की आमदनी हुई तथा कुल आमदनी अबतक 15000 रुपए हो चुकी है। इसी तरह मुर्गीपालन में मुर्गी चूजा व दाना पानी हेतु कुल 10000 रुपये खर्च किया गया और 3 महीने में 16000 रुपये की आमदनी हुई है।

       बैंक लिंकेज से मिला 1 लाख और बिहान से 60 हजार रिवॉल्विंग फंड, 15 हजार का अनुदान भी दूसरी महिलाएं भी हो रही हैं प्रेरित- पूर्णिमा बताती है कि शुरुआत में थोड़ी दिक्कत हुई लेकिन धीरे-धीरे मेहनत और लगन से सक्रिय महिला के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बना ली थी। पूर्णिमा बताती है कि जो महिलाएं पहले उनकी घर नहीं आती थी, वह भी उनके घर आने लगी और बातचीत भी करने लगी। इतना ही नहीं महिलाओं को प्रेरणा भी मिली कि किस तरह से अपना खुद का काम शुरू कर के कामयाबी मिल सकती है। लगातार दूसरी महिलाओं को प्रेरित करती रहती हैं कि अपनी आजीविका शुरू कीजिए इसके लिए शासन की ओर से बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं इतना ही नहीं जनपद पंचायत द्वारा बैंक लिंकेज के माध्यम से महिला समूह को 100000 रुपये का ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है। पूर्णिमा बताती हैं कि उनको बिहान योजना के तहत 60 हजार रुपए का रिवाल्विंग फंड और सक्रिय महिला समूह होने के नाते 15 हजार रुपए का अनुदान भी मिला है। मछली पालन और मुर्गी पालन से हो रही आमदनी समूह के खाते में जमा कर रहे हैं ताकि इस व्यवसाय को और बड़ा रूप दे सकें।

बिहान योजना से महिलाएँ बन रही आत्मनिर्भर

पंदर की महिलाओं ने भी शुरू किया कड़कनाथ पालन

पोल्ट्री व्यवसाय से तीन माह में कमाए 50 हजार रुपए

पाटन ब्लॉक के पंदर गांव की महिलाओं ने डेढ़ साल पहले

       जुलाई 2019 में स्वामी आत्मानंद स्व-सहायता समूह का गठन किया। अध्यक्ष इन्दिरा वर्मा बताती हैं कि शासन की ओर से महिलाओं को आजीविका स्थापना के लिए काफी मदद उपलब्ध कराई जा रही ही इसलिए उन्होंने भी सोचा कि कुछ व्यवसाय शुरू करें।उन्होंने बताया कि सी आर पी राउण्ड के दौरान बिहान योजना के बारे में जानकारी मिली तो जुलाई 2019 को महिलाओं ने मिलकर स्वामी आत्मानंद स्व सहायता समूह का गठन किया।पहले सभी महिलाएं खेती और मजदूरी करके जीवन यापन करती थी।

       इसके बाद समूह के 11 सदस्यों के द्वारा साप्ताहिक बचत 20 रुपये करते हुए निरन्तर समूह का संचालन जारी था।इसके बाद हमारे द्वारा आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आजीविका कार्य आरम्भ की सोची। इसके बाद  कड़क नाथ व ब्रायलर मुर्गी पालन शुरू किया। जुलाई 2020 से आजीविका शुरू की जिसमें चूजा खरीदी, शेड निर्माण व दाना पानी हेतु एक लाख रुपये का खर्च हुआ। काम शुरू होने के 2 माह बाद प्रति माह 10 हजार रुपये की आय प्राप्त हो रही है अब तक कुल 50 हजार रुपये की आय हो चुकी है। सचिव शकुन वर्मा बताती है कि इस आजीविका गतिविधि को प्रारम्भ कर हम सभी सदस्य आत्मनिर्भर हो रहे है व दूसरे समूह भी इससे प्रेरित हो रहे है।

       महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए शासन प्रशासन है संकल्पित-जिला पंचायत के सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि तीनों जनपद पंचायतों के माध्यम से महिलाओं को बिहान योजना के तहत जोड़ा जा रहा है छत्तीसगढ़ सरकार गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है उन्होंने बताया कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरंेद्र भूरे के निरंतर मार्गदर्शन में ग्रामीण अंचल को फोकस करते हुए शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है कि आलोक ने कहा कि महिलाओं के पास यदि रुपए बचते हैं तो उनसे परिवार की आर्थिक सुदृढ़ता मिलती है इसलिए हमारा फोकस महिलाओं के स्वावलंबन पर रहता है।

 

शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में संविदा भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित

       दुर्ग। दुर्ग जिले में संचालित शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सा विशेषज्ञों (सर्जरी विशेषज्ञ एवं एमडी मेडिसिन) की संविदा नियुक्ति के लिए 31 दिसंबर को प्रातः 10ः30 बजे से 12ः30 बजे तक कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग में वॉक इन इंटरव्यू आयोजित की गई है। इस हेतु इच्छुक आवेदक अपने संपूर्ण दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन निर्धारित तिथि एवं समय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में शामिल हो सकते हैं। विस्तृत विज्ञापन एवं आवेदन प्रारूप जिले की वेबसाइट www.durg.gov.in में देखा जा सकता है।

सामाजिक न्याय के संबंध में विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण
अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने के लिए करते हैं पूरा प्रयास
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव ने कहा
प्रेस वार्ता में दी नालसा योजनाओं की जानकारी
       दुर्ग। लोकतंत्र के स्तंभों के बीच आपस में समन्वय बेहद जरूरी है जिससे लोकतंत्र मजबूत होता है। मीडिया एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। न्यायपालिका लोगों को न्याय दिलाने का कार्य करती है। इसके लिए लोगों में जागरूकता फैले, उन्हें न्यायिक मदद मिल पाए, इस दृष्टि से विधिक सेवा प्राधिकरण कार्य करता है। प्राधिकरण के कार्यों को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह बात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिले, इसके लिए प्राधिकरण के माध्यम से निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाते हैं। प्राधिकरण लोगों द्वारा मिली शिकायतों को संज्ञान में लेता है और उस पर नियमानुसार कार्रवाई करता है। उन्होंने कहा कि दुर्ग में लीगल लिट्रेसी के संबंध में विभिन्न कार्यक्रम चलाये जाने की योजना है। उन्होंने नालसा की योजनाओं के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नालसा की अनेक योजनाएं हैं जिनसे पीड़ितों को आर्थिक मदद मिलती है। कार्यशालाओं के माध्यम से इनकी जानकारी दी जाती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नियमित रूप से ऐसे मामलों में राहत पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले में ट्रैफिक के नियमों के संबंध में जानकारी देने पैरालीगल वालंटियर द्वारा अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के दायित्वों के संबंध में और कार्यक्षेत्र के संबंध में मीडिया को विस्तार से जानकारी आज बैठक में दी गई है। आप लोगों की ओर से भी जनसरोकारों को रखा जाएगा और प्राधिकरण इस पर अविलंब कार्रवाई करेगा। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों के संबंध में राहत देने प्राधिकरण कार्य करता है। इस दिशा में भी कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि नशे की दुष्प्रवृत्ति से बचाने भी विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्य बेहद महत्वपूर्ण हैं और सामाजिक न्याय दिलाने की दिशा में इनका अहम योगदान है। हम लगातार लीगल लिट्रेसी के लिए कार्यशालाएं करते हैं। मीडिया का सहयोग इसके प्रचार प्रसार में मिलता रहता है। इस प्रकार कार्यशाला में बताई गई बातों को बहुत विस्तार मिलता है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर मीडिया के साथ वर्कशाप का आयोजन भी प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। इन आयोजनों में लीगल लिट्रेसी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। साथ ही मीडिया के लिए भी जो उपयोगी बिन्दु हैं उन्हें भी विस्तार से बताया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने अपने जांजगीर के विधिक सेवा संबंधी अनुभवों के बारे में भी बताया। बैठक में प्राधिकरण के सचिव श्री राहुल शर्मा, सीजेएम श्री मोहन सिंह कोर्राम भी उपस्थित थे।

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