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बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने NJCS यूनियनों-नेताओं पर निकाली भड़ास, पढ़िए 25 प्वाइंट और लाखों का नुकसान

  • बोकारो बीएकेएस का कहना है कि गैर निर्वाचित नेताओं का समूह वेज रीविजन समझौते पर बिखरा रहा और कर्मचारियों को नुकसान हुआ।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल कर्मचारियों (SAIL Employees) के लंबित मांगों की फेहरिस्त काफी लंबी है। आर्थिक नुकसान का ठीकरा सेल प्रबंधन के साथ एनजेसीएस यूनियनों पर फोड़ा जा रहा है। बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने एनजेसीएस यूनियनों और नेताओं की नाकामी का पोल खोला है। सेल प्रबंधन के साथ साँठ गाँठ का आरोप लगाया गया। कर्मचारियों को लगातार नुकसान कराने पर यूनियनों को आईना दिखाया गया है।

एनजेसीएस यूनियनों व नेताओं की नाकामी से नुकसान की सूची

1 . समय पर वेज रीविजन नहीं करना

2001 (1997) वेज रीविजन से प्रत्येक रीविजन को 4-8 साल लेट किया जा रहा है, जिसके कारण कर्मचारियों को कई नुकसान उठाना पड़ रहा है।

(क) पर्क्स का एरियर
बोकारो बीएकेएस का कहना है कि गैर निर्वाचित नेताओं का समूह वेज रीविजन समझौते पर सरकार के मंजूरी मिलने के दिन से पर्क्स में वृद्धि को प्रभावी करता है। जिसके कारण सेल NoN Ex को पर्क्स का एरियर का भुगतान नहीं किया जाता है, जबकि सेल के अधिकारी तथा बाकि पीएसयू के कर्मचारियों को पर्क्स का एरियर का भुगतान किया जाता है।

(ख) वेज रीविजन लेट से ब्याज का नुकसान
समय पर वेज रीविजन नहीं करने से बढ़ा हुआ वेतन तथा एरियर नहीं दिया जाता है, जिसका ब्याज का फायदा मैनेजमेंट को होता है तथा कर्मचारियों को नुकसान होता है।

2. मुद्दों का भरमार परंतु एनजेसीएस मीटिंग पूरे वर्ष में एक या दो ही आयोजित की जाती है।

292वीं NJCS मीटिंग: 20-21 अक्टूबर 2021
293वीं एनजेसीएस मीटिंग: 19 जुलाई 2022
294वीं एनजेसीएस मीटिंग: 20 जनवरी 2024

3 . फिटमेंट बेनिफिट का लाभ (MGB ) को दूसरे प्रमुख महारत्न कंपनियों के तर्ज पर 15% नहीं करना

4 . पर्क्स प्रतिशत को 35% नहीं दिलाना।

5 . 39 माह का फिटमेंट एरियर का भुगतान नही होना।

6 . 58 माह का पर्क्स एरियर का भुगतान नहीं होना।

7 . अधिकारियों के तर्ज पर हाउस पर्क्युजीट मद में 50% आयकर टैक्स का छुट नहीं दिलवाना।

8 . ग्रेज्यूटी सीलिंग करवाकर, ग्रेच्युटी को फिक्सड करवाने से प्रत्येक कर्मचारी 5 लाख से लेकर 12 लाख रुपया तक नुकसान करवाना।

9. अधिकारियों के पेंशन को 2007 से लागू करवाना तथा कर्मचारियों के पेंशन को 2012 से लागू करवाना।

पेंशन अंशदान में भी भेदभाव करना। जनवरी 2012 से लेकर अक्टूबर 2021 तक अधिकारी वर्ग को 9% (लाभ में), 3% (घाटे मे) के बदले कर्मचारियों को क्रमशः 6% और 2% ही लाभ देना।

10. छुट्टियों में भारी भेदभाव करवाना।

11 . वेतन समझौता विलम्ब के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई हेतु दो विशेष इंक्रीमेंट का भुगतान नहीं होना।

12 . बंद नॉन सैचुअरिटी बेनिफिट जैसे आवास ऋण, वाहन ऋण को दूसरे महारत्ना कंपनियों के समतुल्य नहीं होना।

13 .फेस्टिवल एडवांसश की राशि को एक महीने के डीए बेसिक के बराबर नहीं किया जाना

14 . कर्मियों के बच्चों को मिलने वाले स्कॉलरशिप को रिवाइज्ड नहीं किया जाना।

15 . लैपटॉप एडवांस, फर्नीचर एडवांस को शुरू नहीं किया जाना।

16 . बच्चो की उच्च शिक्षा हेतु शिक्षा ऋण का प्रावधान नहीं होना।

17. सेल की जमीन पर संचालित होने वाले निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले कर्मियों के बच्चों का शुल्क केंद्रीय विद्यालय द्वारा तय की गई दर नहीं होना। अथवा केंद्र सरकार के तर्ज पर शिक्षा भत्ता का भुगतान नहीं होना।

18 . ट्रेनीज कर्मचारियों को मैनेजमेंट ट्रेनीज के तर्ज पर प्रशिक्षण अवधि में डीए बेसिक का भुगतान नहीं होना।

19. जिस तरह अधिकारी वर्ग को नियुक्ति तथा पदनाम में नवरत्ना कंपनियों के मुकाबले एक ग्रेड का अतिरिक्त लाभ दिया गया है, उसी तरह नवरत्न स्टील पीएसयू “आरआईएनएल” मे नियुक्ति ग्रेड तथा लागू पदनाम को सेल कर्मियों हेतु एक ग्रेड अपग्रेड नहीं होना। सेल कर्मियों को महारत्ना स्टेटस का लाभ नहीं मिलना।

20. पर्क्स एरियर का पूर्ण भुगतान के बाद ही एलटीसी/एलएलटीसी राशि की कटौती पर रोक नहीं लगवाना।

21 . औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अध्याय 2 के तीसरे बिंदु जिसमे साफ लिखा है कि नियोजित कर्मकारों के प्रतिनिधियो की समिति के द्वारा ही मैनेजमेंट का बँटवारा होगा, जबकि एनजेसीएस में 25 में से मात्र 5 प्रतिनिधि ही लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित हैं। वहीं, 25 में से 12 प्रतिनिधि बाहरी तथा सेवानिवृत व्यक्ति हैं।

22 . इस्को, बीएसएल, एएसपी, डीएसपी, सीएफपी चंद्रपुर से बगैर सदस्यता वेरिफिकेशन या गुप्त मतदान प्रणाली द्वारा यूनियन चयन नहीं होना। फिर भी अवैध व्यक्तियों को प्रतिनिधियों को रिकॉगनाईजेशन का लाभ देने पर रोक नहीं लगाना।

23. एचआरए को शुरू नहीं करना

कंपनी का लगभग सभी आवास अपनी आयु पुरी कर चुका है। आवास और शहरी मंत्रालय की रिपोर्ट का अनुसार सीमेंट से बने आवासो की आयु 40 साल होती है। वही, कंपनी के आवासों का लगातार अनुरक्षण भी नहीं होता है। वहीं, कंपनी आवास का क्षेत्रफल /डिजाईन भी वर्तमान आधुनिक जरूरतों को पूरा करने हेतु पर्याप्त नहीं है।

24. होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस, गुरुनानक जयंती, दुर्गापुजा, मई दिवस जैसे त्योहारों के दिन ड्युटी करने पर एक अतिरिक्त दिवस का वेतन भुगतान नहीं करवा पाना। सेल की कोलियरी में यह सुविधा पहले से लागू है। उस दिन अधिकतर-अधिकारी भी छुट्टी पर रहते हैं।

25. नीड बेस की जगह पर सभी कार्यरत कर्मचारियों को मोबाइल खरीदने तथा बात करने हेतु सीम या मोबाइल भत्ता (एक माह का इंटरनेट तथा कॉलिंग पैक) शुरू नहीं करवाना।

अध्यक्ष हरिओम ने ये कहा…

एनजेसीएस यूनियने तथा नेता कर्मचारियों के लिए कार्य नहीं करते हैं, बल्कि सेल प्रबंधन को फायदा पहुँचाने के लिए कार्य करते हैं। कर्मचारियों के बगैर हल हुए मुद्दों की सूची, एनजेसीएस यूनियने तथा उसके नेताओं की विफलता की कहानी बता रहे हैं।
हरिओम,
अध्यक्ष-बीएकेएस बोकारो

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