शहरी स्लम व खदान बस्तियों से खोजे गए टीबी के 15 संभावित मरीज
दुर्ग। टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने के लिए जिले में तीन चरणों में सघन टीबी रोगी खोज अभियान 4 जनवरी से 15 फरवरी 2021 तक चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत आज शहरी स्लम सुपेला, भिलाई-03 एवं पाटन विकासखंड के खदानों में टीबी खोज के लिए निशुल्क जांच एवं उपचार किया गया। शहरी क्षेत्रों के दुर्ग ब्लॉक के खदान मोहल्लों में रुवांबांधा बस्ती, गुरुघासी दास नगर, जामुल, धमधा ब्लॉक के पारधी पारा, बिरझापुर, पाटन ब्लॉक के धौराभांठा माइंस व पुरैना, डबरा पारा, जी-केबिन की बस्तियों में संभावित मरीजों की खोज की गई। आज इस अभियान के तहत खदानों के 55 कर्मचारियों एवं 1854 शहरी स्लम जनसंख्या के बीच 15 संभावित टीबी मरीजों की खोज की गई।
15 संभावित टीबी के मरीजों का स्पॉट सेंपल लेकर डीएमसी भेजा गया। संभावित मरीजों का निशुल्क एक्सरे जांच, सेंपल कलेक्शन एवं ट्रांसपोर्टेशन मेकेनिसम का उपयोग करते हुए स्पूटम परीक्षण एवं सीबी नॉट मशीन से भी जांच कारवाई जाएगी।
जिला टीबी उन्नमूलन अधिकारी डॉ अनिल कुमार शुक्ला ने बताया जिले में सघन टीवी खोज अभियान का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सभी शहरी क्षेत्रों के खदानों एवं पहुंच विहिन क्षेत्रों में बीमारियों के संबंध में लोगों को जागरूक कर उनकी निशुल्क जांच और उपचार के लिए अभियान 4 जनवरी से चलाया जा रहा है। डॉ. शुक्ला ने बताया जिले के विकासखंड धमधा, पाटन दुर्ग एवं शहरी क्षेत्र में टीबी के मरीजों की खोज के लिए क्षेत्र के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम बनाई गई है। इसमें ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला एवं पुरुष, टीबी चैंपियन, मितानिन एवं टीबी कार्यक्रम के कर्मचारी इन क्षेत्रों में घर-घर जाकर सघन जांच करेंगे।
इस अभियान के तहत शहरी क्षेत्रों में उच्च जोखिम क्षेत्र में कच्ची बस्ती, जिला कारागृह, वृद्धा आश्रम, निर्माणाधीन श्रमिक, रेन बसेरा, एड्स मरीज, छात्रावास, अनाथ आश्रम और ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च जोखिम क्षेत्र खदान, क्रेशर, घनी आबादी, दूर-दराज के क्षेत्र, टीबी के पूर्व रोगी एवं कुपोषित क्षेत्र में सघन खोज की जा रही है। डॉ. शुक्ला के नेतृत्व में टीबी रोगी की खोज के लिए जांच कर शतप्रतिशत नोटिफिकेशन की जाएगी। अभियान के दौरान जांच में टीबी के लक्षण मिलने पर बलगम के साथ-साथ कोरोना की भी जांच कर सावधानियां बरती जा रही है। उन्होंने बताया अभियान के तहत लोगों को सावधानियाँ बताते हुए जागरूक किया जाएगा। इस अभियान में टीबी के साथ एड्स के रोगियों की भी पहचान की जाएगी। जिले की शहरी मलिन बस्तियों में घर-घर जाकर, खदान, औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों के लिए टीबी खोज अभियान का कार्ययोजना तैयार किया गया है। टीबी खोजी टीम लोगों से अपील कर रहा है कि इस रोग को छिपाएं नहीं उसका इलाज कराएं। इलाज से टीबी की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है।