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ग्राम खपरी में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ करवाई

       दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देशानुसार आज  नगर तथा ग्राम निवेश विभाग दुर्ग व राजस्व विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से ग्राम खपरी में विकसित किए जा रहे कालोनियों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि विकासकर्ताओं के द्वारा नियमानुसार अभिन्यास अनुमोदन किये बगैर कृषि भूमि पर अवैध रूप से मार्गों का निर्माण कर भूखंड चिन्हित कर भूखंडों का विक्रय किया जा रहा है जिससे अवैध कालोनियां विकसित हो रही है जिसमें श्री रघुनाथ ठाकुर एवं अन्य, श्री माखनलाल वर्मा, मेसर्स श्याम इंफ्रा के प्रोपराइटर श्री रूपनारायण एवं  रामसिंह, श्री सत्यम अग्रवाल, राजीव रतन अग्रवाल, सत्यपाल बंसल, रवि अग्रवाल, रमा अग्रवाल एवं अन्य  के द्वारा किये जा रहे हैं। अवैध विकास व कालोनियों की जांच की गई तथा अवैध विकासकर्ताओं की छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों के तहत नोटिस जारी की गई है। जिला कलेक्टर दुर्ग के द्वारा जिले में अवैध विकास कर्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही के सख्त निर्देश प्राप्त है जिससे तारतम्य में राजस्व विभाग के सहयोग से अवैध कालोनियों के विरुद्ध कार्यवाही आरंभ है। अवैध विकास कर्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही में श्री खेमलाल वर्मा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) दुर्ग , श्री विमल बग्वैया प्रभारी संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश दुर्ग, श्री प्रदीप दीक्षित सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश दुर्ग, श्री राजेश डूम्भर वरिष्ठ मानचित्रकार, श्रीमती वर्षा दीवान मिश्रा वरिष्ठ शोध सहायक, श्री अनूप गढ़े वरिष्ठ शोध सहायक, श्री संदीप पटेल उप अभियंता, श्री अमर सिंह बघेल अभियंता व संबंधित ग्राम के पटवारी श्री रज्जाक मियां, श्री वर्मा पटवारी जेवरा सिरसा इत्यादि उपस्थित थे।

 

देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के अस्थाई संरक्षण के लिए अभिभावकों से आवेदन आमंत्रित

       दुर्ग। जिले में संचालित किशोर न्याय बालकों की देखरेख व संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 41 के अंतर्गत पंजीकृत बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 44 तथा मॉडल गाइडलाइन फॉर  फोस्टर केयर 2016 के प्रावधान अस्थाई संरक्षण में दिए जाने हेतु फोस्टर केयर में भारतीय दंपतियों से आवेदन आमंत्रित है। फोस्टर केयर परिवार का दायित्व होगा कि वह बालक को समुचित भोजन, वस्त्र, आश्रय, शिक्षा, देखभाल एवं संरक्षण आवश्यकतानुसार सभी प्रकार की चिकित्सा उपचार, आयु एवं रुचि अनुसार

       व्यवसायिक  प्रशिक्षण बालक की विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति बालक की शोषण, दुर्व्यवहार,  हानि, उपेक्षा से सुरक्षा तथा बालक एवं उसके जैविक परिवार की निजता का सम्मान करें। इसके साथ ही फोस्टर केयर मार्गदर्शिका 2016 में उल्लेखित सभी दायित्व एवं शर्तों तथा बालक कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।ऐसे भारतीय दंपति जो देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को अस्थाई रूप से संरक्षण में लेना चाहते हैं । वह कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी व जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं विभाग, पांच बिल्डिंग परिसर दुर्ग दूरभाष क्रमांक 0788-2213363 में संपर्क कर निर्धारित प्रपत्र में कार्यालय  में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के पश्चात उक्त अधिनियम एवं गाइड लाइन के प्रकाश में गृह अध्ययन प्रतिवेदन तथा स्पॉन्सरशिप एवं फोस्टर केयर अनुमोदन समिति की अनुशंसा के आधार पर जिले की बाल कल्याण समिति द्वारा देखरेख एवं संरक्षण हेतु बालक संबंधित दंपति को फोस्टर केयर में  दिया जा सकेगा।

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