R.O. No. :
विविध ख़बरें

SAIL News: बीएसपी के बाद अब Rourkela Steel Plant में ‘इको ब्रिक’ पेवर ब्लॉक का प्रोडक्शन, DIC के हाथों सौगात

दैनिक उत्पादन क्षमता 1,000 इकाइयों की है, जो 3 लाख इकाइयों के वार्षिक उत्पादन में परिवर्तित होती है।

सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई स्टील प्लांट के बाद अब राउरकेला स्टील प्लांट में भी पेवर ब्लॉक का प्रोडक्शन शुरू हो गया है। ‘इको ब्रिक’ का उद्घाटन हो गया है।

सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र के मटेरियल रिकवरी विभाग (एम.आर.डी.) में निदेशक प्रभारी (‍डीआईसी) अतनु भौमिक द्वारा एल.डी. स्लैग के साथ बनाई जाने वाली एक नई पेवर ब्लॉक निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया गया।

इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक प्रभारी (संकार्य) आलोक वर्मा, कार्यपालक निदेशक (परिचालन), बिस्वरंजन पलाई, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) अनिल कुमार, कार्यपालक निदेशक (खान), एम.पी.सिंह, कार्यपालक निदेशक (परियेाजनाएँ), सुदीप पाल चौधरी, मुख्य महा प्रबंधक, विभागाध्यक्ष और विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

यह नवोन्मेषी सुविधा एलडी स्लैग, जो इस्पात निर्माण का एक उप-उत्पाद है, को मुख्य सामग्री के रूप में उपयोग करते हुए पेवर ब्लॉकों के उत्पादन के लिए समर्पित है, जो अपशिष्ट उपयोग और परिपत्र अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करेगी।

नवनिर्मित पेवर ब्लॉक निर्माण सुविधा एम.200 (1:1.5:3) के कंक्रीट ग्रेड और 80 मिमी की ब्लॉक मोटाई के साथ उच्च गुणवत्ता वाले पेवर ब्लॉक का उत्पादन करने के लिए सुसज्जित है।

इस सुविधा की दैनिक उत्पादन क्षमता 1,000 इकाइयों की है, जो 3 लाख इकाइयों के वार्षिक उत्पादन में परिवर्तित होती है।
स्टील मेल्टिंग शॉप (एस.एम.एस.) से 10 लाख टन एल.डी. स्लैग की वार्षिक आमद के साथ, यह सुविधा अभिनव अनुप्रयोगों के लिए स्लैग का उपयोग करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

वर्तमान में, आर.एम.एच.पी., एस.एम.एस.-2, टी.एंड आर.एम. और अन्य विभागों में आंतरिक खपत प्रति वर्ष 2 लाख टन तक सीमित है। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि स्लैग का एक बड़ा हिस्सा फिर से इस्तेमाल होगा, निपटान बोझ को कम किया जा सकेगा और टिकाऊ स्टील उत्पादन में योगदान मिलेगा।

The post SAIL News: बीएसपी के बाद अब Rourkela Steel Plant में ‘इको ब्रिक’ पेवर ब्लॉक का प्रोडक्शन, DIC के हाथों सौगात appeared first on Suchnaji.

Related Articles

Back to top button