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छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

जय माँ शाकाम्भरी स्व सहायता समूह: भिलाई की महिलाओं की आत्मनिर्भरता की मिसाल

सफलता की कहानी

सब्जी उत्पादन से 15-18 हजार रुपये मासिक आय अर्जित कर महिलाओं ने रचा स्वावलंबन का नया अध्याय

दुर्ग। शासन द्वारा संचालित दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से नगर पालिक निगम भिलाई चरौदा के वार्ड नंबर 40 गनियारी पटेल पारा की महिलाओं ने जय माँ शाकाम्भरी स्व सहायता समूह के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की राह पकड़ ली। समूह में पन्द्रह महिला सदस्य है। महिला समूह के सदस्यों ने शुरूआत से ही स्वंय की सहायता हेतु बचत कर अपने समूह को सशक्त बनाने का प्रण लिया था। महिलाएं अपनी मेहनत और लगन से आत्मनिर्भर बन चुकी है। प्रारंभ में महिलाओं ने प्रति सदस्य 100 रूपए के आधार पर 1500 रूपए हर महीने बैंक में जमा करना प्रारंभ किया, जिसके उपरांत समूह को केन्द्र शासन की महत्वपूर्ण योजना दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत 10 हजार रूपए आवर्ति निधि प्रदान की गई। समूह की महिलाओं ने संकलित जमा राशि से और बैंक लिंकेज के माध्यम से एच.डी.एफ.सी. बैंक भिलाई-3 से 50 हजार रूपए ऋण प्राप्त करके 40 डिसमिल जमीन में सब्जी उत्पादन का कार्य प्रारंभ किये। समूह की महिलाएं उत्पादित सब्जी को गांव के सप्ताहिकी और आस-पास के बाजारों में बेचकर 15 से 18 हजार रूपए तक की आदमनी अर्जित करने लगे हैं। सब्जी की खेती से समूह की महिलाओं को रोजगार मिला है। साथ ही बैंक ऋण चुकाते हुए उनकी इस उपलब्धि से समूह आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो गया है।

 

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