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ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन: केवल पीएम मोदी के शब्दों के मायने हैं, भाजपा नेताओं के बयान का महत्व नहीं, पेंशनभोगी ने दिए सबूत

  • एनएसी नेता विभिन्न सांसदों, आरएसएस के दिग्गजों और अन्य लोगों के माध्यम से पीएम से मिलने का समय मांग कर रहे हैं।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईपीएस 95 न्यूतनम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) बढ़ाने को लेकर नेताओं के बयान दोहराए जा रहे हैं।   पुराने बयानों की फाइल निकाली जा रही है। सत्ता से बाहर रहे नेताओं ने जो बयान दिया था, अब उन्हें याद दिलाया जा रहा। सत्ता में लौटने के बाद खामोशी पर तंज कसे जा रहे हैं।

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पेंशनभोगी गौतम चक्रवर्ती (Pensioners Gautam Chakrawarti) ने कहा-विपक्ष में रहते हुए भाजपा के योग्य नेता प्रकाश जावड़ेकर द्वारा दिए गए बयानों को याद करें। उन्होंने वादा किया था कि अगर केंद्र में भाजपा की सरकार बनती है तो तीन महीने के अंदर ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर तीन हजार रुपए कर दी जाएगी।

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क्या दस साल बाद भी वादा पूरा हुआ? नहीं। राजनेता अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग राग अलापते हैं। हम इतने भोले हैं कि हम एनएसी के उच्च सम्मानित नेताओं और यूट्यूबर्स द्वारा सांसदों और मंत्रियों द्वारा किए गए वादों के बारे में दी गई जानकारी पर खुश होते हैं।

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ऐसे वादे बेकार हैं। एक बार सत्ता पक्ष में आने के बाद, वे सत्ता में रहते हुए अपने रुख से आसानी से पीछे हट जाते हैं। हम मांग करते हैं कि श्रम मंत्री मंसुख मांडविया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों ही रिकॉर्ड पर बताएं कि उनके पास हमारे लिए क्या योजना है।

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एक अन्य पेंशनभोगी शेखरमन्त्री आदिनारायण का कहना है कि सरकार के पास ईपीएस पेंशनरों से पेंशन वापस लेने के अलावा कोई योजना नहीं है। प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा याचिका समिति के समक्ष याचिका दायर की, जिसमें सरकार ने महंगाई भत्ते के साथ पेंशन बढ़ाकर 3000 रुपये करने की सिफारिश की थी, लेकिन आज तक इसे लागू नहीं किया गया।

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लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने घोषणा की कि ईपीएस पेंशन को 3000 रुपये तक बढ़ाना संभव नहीं है। हालांकि बंगारू दत्तात्रेय ने इस प्रस्ताव का समर्थन करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया। यही भाजपा सरकार का रवैया था।

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कौशल उप्पल ने कहा-केवल मोदी के शब्द मायने रखते हैं…। किसी भी भाजपा पदाधिकारी द्वारा कही गई बात का कोई महत्व नहीं है। केवल मोदी और कोई नहीं। …..एनएसी उन्हें मनाने के लिए विभिन्न सांसदों, आरएसएस के दिग्गजों और अन्य लोगों के माध्यम से उनसे मिलने का समय मांग करता है।

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