उजाड़ बंजर जमीन में ड्रिप से मल्चिंग पद्धति का उपयोग कर उगा रहीं कल्याणी प्रजाति के बैंगन
पाटन ब्लाक की फेकारी की स्वसहायता समूह की महिलाओं की सुंदर बाड़ी, एक साल पहले तक जमीन का कोई उपयोग नहीं हो रहा था
उद्यानिकी विभाग ने उपलब्ध कराई मदद
दुर्ग। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में बाड़ी जैसे परपंरागत पद्धति को लोग तो अपना ही रहे हैं, इसमें आधुनिक समय के अनुरूप नये प्रयोग भी कर रहे हैं। पाटन ब्लाक के ग्राम फेकारी में शक्ति स्व-सहायता समूह ने योजना के अंतर्गत मिली बाड़ी में नया प्रयोग किया है। उन्होंने बाड़ी के दो एकड़ जमीन में कल्याणी बैंगन की फसल लगाई है। इसके लिए ड्रिप आदि की सुविधा विभाग ने उपलब्ध कराई। समूह ने मल्चिंग की पद्धति का प्रयोग किया है। समूह की पदाधिकारी श्रीमती डामिन साहू ने बताया कि हम लोगों ने मल्चिंग पद्धति के बारे में सुना था। इससे पौधे के आसपास खरपतवार नहीं लगते, इससे पौधे को पर्याप्त पोषण प्राप्त होता है। श्रीमती साहू ने बताया कि ड्रिप पद्धति से काफी कम पानी लगता है। अभी केवल पाँच घंटे ही पानी देना पड़ता है, जबकि पास ही बाड़ी में भाजियों की फसल लगाई है वहाँ काफी समय देना पड़ता है। उप संचालक उद्यानिकी श्री सुरेश ठाकुर ने बताया कि कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर डीएमएफ के माध्यम से उद्यानिकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है और स्व-सहायता समूहों को बाड़ी विकास के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जा रहा है। फेकारी में बाड़ी में महिलाओं ने बैंगन के साथ ही खीरा भी लगाया है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन से बैंगन क्षेत्र विस्तार के अंतर्गत 37 हजार रुपए की अनुदान राशि दी गई है। मल्चिंग के लए 32 हजार रुपए की मदद दी गई है। ड्रिप इरीगेशन के लिए डीएमएफ के माध्यम से सहायता दी गई है। इसका उपयोग कर महिलाएं बड़ी मेहनत से कुशलता से अच्छा काम कर रही हैं जिससे अन्य समूहों को भी प्रेरणा मिलेगी।
दो एकड़ में लगाये हैं सात हजार पौधे- श्रीमती साहू ने बताया कि दो एकड़ जमीन में कल्याणी प्रजाति के बैंगन के 7 हजार पौधे लगाये हैं। इनमें एक साल में अनुमानतः एक पौधे में अनुमानतः पाँच किलोग्राम बैंगन की पैदावार होगी। मंडी में रेट पाँच रुपए प्रति किलोग्राम मान लें तो लगभग पौने दो लाख रुपए का बैंगन बिक जाएगा। इसके साथ ही बिल्कुल बगल से भाजी भी समूह की महिलाओं ने लगाई है। बाड़ी के बिल्कुल बगल से तालाब खुदवाया गया है जहाँ पर मछली पालन किया जाएगा।
सुबह मनरेगा में काम करती हैं दोपहर को अपनी बाड़ी में- समूह की महिलाएं सुबह मनरेगा में काम करने जाती हैं और दोपहर को अपनी बाड़ी में जुट जाती हैं। समूह की महिलाओं ने बताया कि वे यह नवाचार कर काफी खुश हैं। हम अपनी बाड़ी में ड्रिप लगा रही हैं मल्चिंग कर रही हैं और आधुनिक तकनीक सीख रही हैं। इससे हमारी आय तेजी से बढ़ेगी।
होली की चमक होगी हर्बल गुलाल से, स्व-सहायता समूह कर रही उत्पादन
स्व-सहायता समूह कर रहे होली के बाजार के लिए तैयारी, जिला पंचायत परिसर में भी बिक्री के लिए रखी जाएगी जगह
दीवाली की तरह ही होली के बाजार में स्व-सहायता समूह की महिलाएं हिस्सेदारी के लिए आई आगे
दुर्ग। इस साल की दीवाली जिले की स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के बनाये दीयों से रौशन हुई थी। इस बार होली की चमक इनके बनाये हर्बल गुलाल से होगी। पलाश, चुकंदर जैसी स्थानीय अहानिकारक सामग्री का उपयोग करते हुए यह हर्बल गुलाल बनाये गये हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर में भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि दीवाली के मौके पर बिहान बाजार जिला पंचायत परिसर में सजाया गया था इसमें लगभग 16 लाख रुपए की सामग्री बिकी थी। स्थानीय उत्पादों को न केवल लोगों ने काफी सराहा अपितु खरीदा भी। दीवाली की सामग्री में महिलाओं की कुशलता तो थी ही, साथ ही उन्होंने अपने हुनर को अपने सौंदर्यबोध से निखारा भी था। इससे स्व-सहायता समूहों को प्रेरणा मिली कि त्योहारों के बड़े बाजार में हिस्सेदारी की जा सकती है। अभी बाजार में रासायनिक रंग हैं। समूह हर्बल रंग उपलब्ध करा रहे हैं चूँकि यह ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे हैं तो इसकी विश्वसनीयता स्वाभाविक रूप से बनी रहती है। जैसे टेसू के फूलों से रंग बनाया गया है तो इसकी डिमांड होगी ही। ग्राम पंचायत मतवारी की गायत्री समूह की पदाधिकारी श्रीमती जागृति साहू ने बताया कि उनके समूह ने होली के अवसर पर हर्बल रंग बनाने का निश्चय किया और जिला पंचायत सीईओ से इस संबंध में चर्चा की, उन्होंने प्रोत्साहन दिया और बहुत जल्दी यह काम कर उन्हें दिखाया। इसकी उन्होंने प्रशंसा की। श्री जागृति ने बताया कि होली में हर्बल रंग ही लेने चाहिए क्योंकि यह त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं। साथ ही स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित हर्बल रंगों की कीमत भी काफी कम रखी गई है जिससे उपभोक्ताओं के लिए गुणवत्तापूर्वक सामग्री कम कीमतों में उपलब्ध है। श्रीमती साहू ने कहा कि बीते पंद्रह दिनों में महिलाओं ने कड़ी मेहनत की है और अब उत्पाद तैयार हो जाने के बाद बहुत अच्छा लग रहा है। उल्लेखनीय है कि समूह की महिलाएं आज जिला पंचायत सीईओ से मिली भी और उन्हें अपने हर्बल रंगों के उत्पाद दिखाये।
डाटा ऑपरेटर के पदो हेतु कौशल परीक्षा 21 मार्च को
दुर्ग। जिला चिकित्सालय दुर्ग में जीवनदीप समिति के अंतर्गत 03 डाटा ऑपरेटर के पदों पर भर्ती हेतु मेरिट सूची जारी कर दी गई है। उम्मीदवारों की कौशल परीक्षा 21 मार्च को जिला चिकित्सालय दुर्ग के मुख्य पंजीयन कक्ष में आयोजित की गई है। विस्तृत जानकारी के लिए दुर्ग जिले की वेबसाइट ूूूण्कनतहण्हवअण्पद का अवलोकन किया जा सकता है।
होली के अवसर पर शुष्क दिवस घोषित
दुर्ग। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने 29 मार्च 2021 को होली के अवसर पर आबकारी आयुक्त के निर्देशानुसार शुष्क दिवस घोषित किया है। इस दौरान जिले मंे स्थित सभी प्रकार की मदिरा दुकानें बंद रहेंगी। कलेक्टर ने होटल बार, असैनिक विनोद गृह, व्यवसायिक क्लब व सैनिक कैंटीन व भाण्डागार 29 मार्च 2021, सोमवार को पूर्णतः बंद रखें जाने केे दिये निर्देश है। इस दौरान किसी भी प्रकार मदिरा का विक्रय होने पर कड़ाई से कार्यवाही की जायेगी।
नेहरू युवा केंद्र संगठन की बैठक 20 मार्च को
दुर्ग। नेहरू युवा केंद्र संगठन की वार्षिक कार्य योजना के नियोजन हेतु बैठक डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में कार्यालय, जिला युवा समन्वयक नेहरू युवा केंद्र में 20 मार्च को दोपहर 3ः30 बजे आयोजित की गई है। बैठक में नेहरू युवा केंद्र की वार्षिक कार्य योजना एवं अन्य विभागों के साथ कार्यक्रम के समन्वयक एवं समीक्षा पर चर्चा की जाएगी।
शीघ्र खोल दिया जाएगा रेलवे ओवरब्रिज आवागमन के लिए
दुर्ग। दुर्ग-दल्ली राजहरा रेल मार्ग में ठगड़ाबांध रेलवे क्रॉसिंग क्रमांक डी.डी.-4 पर रेलवे ओव्हर ब्रिज का निर्माण पूरा किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ विद्युत कंपनी द्वारा ओव्हर ब्रिज के स्ट्रीट लाइट में विद्युत आपूर्ति के लिए ट्रांसफर लगाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके पश्चात शीघ्र ही ओव्हरब्रिज आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा।
लैब तकनीशियन एवं आयुष चिकित्सा अधिकारी के लिए काउंसलिंग 22 मार्च को
दुर्ग। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन दुर्ग के अंतर्गत एनएचएम के संविदा पर चिकित्सा अधिकारी (आयुष), योगा ट्रेनर, लैब तकनीशियन (एन.एच.एम) एवं लैब तकनीशियन (आरबीएसके) के पदों की कौशल परीक्षा के उपरांत चयन सूची दुर्ग जिले की वेबसाइट में अपलोड कर दी गई है। लैब तकनीशियन (एन.एच.एम) एवं आयुष चिकित्सा अधिकारी (आरबीएसके)के लिए काउंसलिंग 22 मार्च को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में आयोजित की गई है। विस्तृत जानकारी के लिए दुर्ग जिले की वेबसाइट ूूूण्कनतहण्हवअण्पद में देखा व डाउनलोड किया जा सकता है।
होली को लेकर प्रशासनिक निर्देश केवल नगरीय क्षेत्रों में प्रभावशील रहेगा
दुर्ग। जिले में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए होली के त्योहार के लिए निर्देश जारी किया गया था। यह निर्देश केवल नगरीय क्षेत्रों में प्रभावशील होगा।