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छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चावल लेने से भाजपा की केंद्र सरकार का साफ इनकार

धान खरीदी में नुकसान और धन की बर्बादी को लेकर छत्तीसगढ़ में भाजपा मचाती है झूठा हाहाकार

छत्तीसगढ़ किसान और धान के खिलाफ साजिश में  CG.+  के भाजपा नेता भागीदार


       रायपुर।
धान के खराब होने पर भाजपा के घड़ियाली आंसू बहाने पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के परिणामस्वरूप धान और चावल का उठाव नही हो पाया। भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानो धान से बना चावल लेने से इंकार किया। छत्तीसगढ़ के माटी में बने एफसीआई के गोदामों से छत्तीसगढ़ का चावल नही रहेगा तो कँहा का चांवल रहेगा? भाजपा की केन्द्र सरकार ने पहले कहा था, 60 लाख टन चावल लेंगे। उसको घटाकर 24 लाख टन कर दिया। केन्द्रीय मंत्री और भाजपा की केन्द्र सरकार लगातार हठधर्मितापूर्ण  तरीके से बदले की भावना से छत्तीसगढ़ के खिलाफ, किसानो के खिलाफ फैसले ले रही है। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता अपनी केन्द्र सरकार के फैसलों के परिणाम स्वरूप उत्पन्न स्थिति के लिये राज्य सरकार को दोषी ठहराने की साजिशें रच रहे है। भाजपा नेता छत्तीसगढ़ के हितों के खिलाफ झूठ प्रपंच और षडयंत्र रचकर बड़ी-बड़ी बाते कर रहे है।
त्रिवेदी जी ने कहा है कि भाजपा के शासन में हुये धान घोटाले में स्कूटर से 24-24 टन धान का परिवहन हुआ और धान का मोवा सहकारी समिति का बड़ा घोटाला हुआ। रमन सिंह के शासनकाल में नान जैसे 36 हजार करोड़ के घोटाले हुये। सर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबे भाजपा नेताओं को ऐसी बड़ी बाते करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा है कि भाजपा यह न भूले की केन्द्र सरकार की एजेन्सी के रूप में राज्य सरकार धान की खरीदी करती है और केन्द्र सरकार ने अपने सारे दायित्वों से हाथ खींचकर राजनैतिक प्रतिशोध की नई नजीर सामने रखी है।

धान की बर्बादी के दोषी मोदी, रमन और भाजपा की केंद्र सरकार : कांग्रेस


शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राज्य में धान बर्बादी की असली जिम्मेदार भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार है। छत्तीसगढ़ में राज्य बनने के साथ ही सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी की परंपरा है। राज्य की पहली कांग्रेस की सरकार ने धान और चावल के जो भंडारण के गोदाम बनाने शुरू किये उसके अलावा भाजपा की रमन सरकार ने 15 साल में धान को सुरक्षित रखने के लिये कोई गोडाऊन नहीं बनवाये। भाजपा की सरकार के समय भी औसतन 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होती थी, लेकिन भाजपा सरकार ने अपने पूर्ववर्ती सरकार के बनाये 5 लाख मीट्रिक टन क्षमता की भंडारण क्षमता को नहीं बढ़ाया राज्य में धान को खुले में और तिरपाल में एक कर रखने की परंपरा बन गयी। भाजपा की रमन सरकार ने बड़ी-बड़ी अट्टालिकायें बनवाई। नई राजधानी में फिजूल के 14000 रू. का निर्माण कार्य करवाया। स्काईवाक जैसे अनुपयोगी निर्माण करवाया लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों की मेहनत की उपज धान को सुरक्षित रखने के लिये कुछ नहीं किया। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में धान के गोदाम बनाने के लिये कार्ययोजना बनाना शुरू किया। धान खरीदी केन्द्रों पर चबूतरे बनाये गये ताकि धान की बर्बादी बंद हो। भाजपा धान बर्बादी पर घडियाली आंसू बहाना बंद करे।

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