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भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय पेंशन अनुसंधान सम्मेलन 2025: जुटे विश्व बैंक और दुनियाभर के एक्सपर्ट, NPS-UPS पर ये दावा

  • सभी के लिए पेंशन एक राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए: पंकज चौधरी।
  • एकीकृत पेंशन प्रणाली के शुभारंभ से हम सुरक्षित सेवानिवृत्ति के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं: सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस)।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। नई दिल्ली में आयोजित पहला अंतर्राष्ट्रीय पेंशन अनुसंधान सम्मेलन (आईआरसीपी) 2025 (First International Pension Research Conference (IRCP) 2025) संपन्न हुआ। इसका उद्घाटन भारत मंडपम में भारत सरकार के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने किया।

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इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) (Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA)) ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएमए) के सहयोग से किया था ताकि भारत की मजबूत वृद्धावस्था आय सुरक्षा की ऐतिहासिक यात्रा को महत्‍वपूर्ण बनाया जा सके।

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नीति निर्माता, विद्वान, उद्योग जगत के प्रमुख और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ पेंशन सुधारों में हो रहे परिवर्तनों, सेवानिवृत्ति के लिए वित्तीय तैयारी और वृद्ध होती आबादी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नवीन रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच पर आए।

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भारत के जनसांख्यिकीय स्थिति में बड़े बदलाव का उल्‍लेख करते हुए, अपनी वृद्ध होती आबादी के लिए एक सम्मानजनक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए तत्काल और समावेशी पेंशन सुधारों की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि आने वाले दशकों में भारत का जनसांख्यिकीय स्थिति बहुत तेज़ी से बदल रही है।

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पाँच में से एक भारतीय 60 वर्ष से अधिक आयु का होगा

2050 तक, पाँच में से एक भारतीय 60 वर्ष से अधिक आयु का होगा, और 2047 तक, बुज़ुर्गों की संख्या बच्चों की संख्‍या से अधिक हो जाएगी। अनुमान है कि सदी के मध्य तक 19 प्रतिशत आबादी बुज़ुर्ग होगी- जिनमें मुख्य रूप से महिलाएँ होंगी-समावेशी पेंशन योजनाओं के माध्यम से वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करना केवल एक लक्ष्य नहीं है बल्कि देश के लिए एक आवश्यकता है। ‘सभी के लिए पेंशन’ एक राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए, जिसके लिए हमारी वृद्ध हो रही आबादी के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत योजना की आवश्यकता है।

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भारत की पेंशन व्‍यवस्‍था में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन

अपने संबोधन में, वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव नागराजू मद्दिराला ने कहा कि भारत की पेंशन व्‍यवस्‍था में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहा है और एकीकृत पेंशन प्रणाली की शुरूआत तथा इसमें अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के प्रयासों के माध्यम से हम सुरक्षित सेवानिवृत्ति के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं।

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यूपीएस में सेवानिवृत्ति से पहले…

यूपीएस में सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में प्रदान करने का प्रावधान है। भारत की पेंशन परिसंपत्तियाँ, जो सकल घरेलू उत्पादन का लगभग 17 प्रतिशत है, ओईसीडी औसत से बहुत कम है, जहाँ वे आम तौर पर 80 प्रतिशत से अधिक होती हैं। यह सेवानिवृत्ति की तैयारी में एक बड़ी असमानता को दर्शाता है।

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14.4 लाख करोड़ रुपये का संचित कोष

विशिष्ट अतिथियों, वैश्विक विचारकों और उद्योग जगत के हितधारकों का स्वागत करते हुए, पीएफआरडीए के अध्यक्ष डॉ. दीपक मोहंती ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) भारत के पेंशन क्षेत्र की आधारशिला के रूप में उभरी है, जो लाखों लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देती है।

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इसमें 14.4 लाख करोड़ रुपये का संचित कोष और एनपीएस और एपीवाई के तहत 8.4 करोड़ ग्राहक हैं। जैसा कि हम प्रौद्योगिकी-आधारित पहलों और नए नीतिगत समाधानों को अपनाते हैं, हमारा ध्‍यान अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और भावी पीढ़ियों के लिए पेंशन-समावेशी समाज बनाने पर रहता है।

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पेंशन उद्योग में नए और अभिनव निवेश प्रणालियों से वैश्विक सबक

पैनल का संचालन 16वें वित्त आयोग के सदस्य सौम्या कांति घोष ने किया और इसे पीएफआरडीए के अध्यक्ष डॉ. दीपक मोहंती, दक्षिण अफ्रीका के एफएससीए की उपायुक्‍त एस्ट्रिड लुडिन, नाइजीरिया के पेनकॉम की महानिदेशक ओमोलोला ओलोवोरान और डी3पी ग्लोबल के सीईओ श्री विलियम प्राइस ने संबोधित किया।

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इसके बाद “पेंशन उद्योग में नए और अभिनव निवेश प्रणालियों से वैश्विक सबक” का आयोजन किया गया जिसमें भारत के पेंशन क्षेत्र को प्रेरित करने के लिए अभिनव निवेश विधियों, उत्पाद डिजाइन के लिए दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय सफलता की कहानियों को साझा किया गया। सत्र का संचालन आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक प्रो. अभिमान दास ने किया और विश्व बैंक के वित्तीय क्षेत्र के वरिष्ठ विशेषज्ञ श्री तुषार अरोड़ा ने सह-संचालन किया और इसे ब्रायन एम. मिलर, वैनगार्ड, डॉ. पॉल यू, निदेशक, एमपीएफएसए, हांगकांग, चीन, श्री विलियम प्राइस, सीईओ, डी3पी ग्लोबल, प्रो. प्राची मिश्रा, निदेशक और प्रमुख, अशोका आइजैक सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी और श्री आर. मार्क डेविस, वित्तीय क्षेत्र के वरिष्ठ विशेषज्ञ, विश्व बैंक ने संबोधित किया।

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