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1 से 7 अगस्त तक पूरे राज्य में मनाया जाएगा विश्व स्तनपान सप्ताह

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जारी किए निर्देश

मदर्स एबसेल्यूट एफेक्शन मां” कार्यक्रम को बढ़ावा देने पर जोर 

       बेमेतरा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में विश्व स्तनपान दिवस पूरे राज्य में मनाया जाएगा। यह सर्वविदित है कि शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार और शिशु का मौलिक अधिकार है। मां का दूध शिशु के लिए मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु स्तनपान अत्यंत आवश्यक है जिसका शिशु एवं बाल जीवितता पर प्रभाव पड़ता है। जिन शिशुओं को 1 घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराया जाता उनमें नवजात मृत्यु दर की संभावना 33% अधिक होती है। 6 माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान कराने पर आम रोग जैसे दस्त-निमोनिया के खतरे में क्रमशः 11 से 15 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है। स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु को भी कम करता है। विभिन्न शोधों से यह स्पष्ट हो चुका है कि स्तनपान से न केवल शिशु और माताओं को बल्कि समाज और देश को भी कई प्रकार के लाभ होते हैं।

       स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि स्तनपान की महत्ता तथा शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी हेतु उसके प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यक है कि जन्म के 1 घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान प्रारंभ कराया जाए। 6 माह तक केवल स्तनपान कराया जाए। शुरू के 6 माह पूरे होने पर संपूरक आहार देना प्रारंभ किया जाए एवं शिशु के 2 वर्ष तक स्तनपान जारी रखा जाए।

       विश्व स्तनपान सप्ताह विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी दिनांक 1 से 7 अगस्त 2021 तक मनाया जाना है। बार का थीम है “स्तनपान की रक्षा एक साझा जिम्मेदारी”। थीम इस बात पर जोर देती है कि स्तनपान पूरी दुनिया भर में सभी के अस्तित्व,स्वास्थ्य और देखभाल में अपना योगदान दे रहा है इसलिए इस तन मन की सुरक्षा पूरी मानव जाति की जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मां (मदर्स एबसेल्यूट एफेक्शन)  कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार इस सप्ताह में करना है।

       स्तनपान संपन्न कराने में माताओं का सहयोग एवं स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण गतिविधि है। जन्म के 6 माह तक केवल स्तनपान 2 साल तक सतत स्तनपान एवं उसके बाद भी स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा एवं पोषक तत्व प्राप्त होती है।

विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान की जाने वाली गतिविधियां

       जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि ब्लॉक स्तरीय बैठक ब्लॉक स्तर पर सभी चिकित्सा इकाइयों एवं स्व सहायता समूह समूह प्राइवेट अस्पतालों तथा एनजीओ संस्थाओं के सौभाग्य के साथ मिलकर एक बैठक का आयोजन करें। बैठक के दौरान मां कार्यक्रम के बारे में जानकारी स्तनपान संबंधित लघु फिल्में रेडियो जिंगल चलाएं। मितानिने अपने क्षेत्र में धात्री माताओं की सतत बैठक लें। स्टाफ लेबर रूम के अंदर मां का सहयोग करें। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के मेडिकल ऑफिसर नर्सिंग स्टाफ को अपनी-अपनी चिकित्सा इकाइयों को बेबी फ्रेंडली बनाने के 10 नियम से परिचित कराएं। ऊपर के दूध एवं बोतल के प्रयोग में होने वाली हानि तथा इनको रोकने के लिए लाए गए इंफैंट मिल्क सब्सीट्यूट (आईएमएफ) एक्ट के संबंध में अधिक से अधिक लोगों को विशेषत: प्राइवेट अस्पताल के लोगों को जानकारी दी जाए। जिन ब्लॉक में पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित है, केंद्र में तैनात चिकित्सक फिडिंग डेमोस्ट्रेटर, स्टाफ नर्स पीएनसी वार्ड में प्रतिदिन जाकर 1 घंटे के लिए इस्तेमाल के लाभ तथा कुपोषण से बचाव एवं रोकथाम के लिए 6 माह तक केवल मां का दूध तथा 6 माह के उपरांत संपूरक आहार के बारे में जानकारी दें

स्तनपान सप्ताह में चर्चा के मुख्य बिंदु

       स्तनपान सप्ताह में चर्चा के बिंदु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने तय किया गया है जिसमें बताया गया है कि मां के दूध में शिशु की आवश्यकतानुसार पानी होता है। 6 माह तक ऊपर से पानी देने की कोई आवश्यकता नहीं होती। धात्री माताओं को प्रसव के बाद सफल स्तनपान के संबंध में बताया जाए तथा यदि किसी कारणवश बच्चे को मां से दूर रखना पड़े तो भी स्तनपान की निरंतरता बनाए रखने के बारे में बताया जाए। स्तनपान बच्चों को बुद्धिमान बनाता है इसकी चर्चा की जाए कि मां के पास जितना नवजात रहेगा नवजात में उतनी भावनात्मक वृद्धि होती है। सुरक्षा तथा आभास रहता है और मां के दूध से कुपोषण का शिकार नहीं हो पाता। बच्चा स्वस्थ एवं बुद्धिमान होता है। नवजात शिशु को केवल मां का ही दूध दिया जाए ऊपर से कुछ भी ना दिया जाए तब तक की चिकित्सक द्वारा बताया गया हो।

 

 

एड्स नियंत्रण, टीबी उन्मूलनव रक्तदान के लिए “नाको” चलाएगी जन जागरूकता अभियान

12 अगस्त से नाको शुरु करेगा युवाओं को जागरूक करने का अभियान “न्यू इंडिया @ 75”

       बेमेतरा। देश की स्वतंत्रता की 75 वी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा समस्त विभागों में जन-जागरुकता अभियान आयोजित किये जायेंगे। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से आजादी के जश्न को यादगार बनाने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) द्वारा “न्यू इंडिया @ 75” कार्यक्रम प्रदेश के उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में जन जागरुकता अभियान के लिए चलाया जाएगा। इसके क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय समिति गठित कर आज वेबीनार के माध्यम से तैयारियों के संबंध में चर्चा की गयी। प्रदेश के 7 लक्षित जिलों में एड्स नियंत्रण, टीबी उन्मूलन व रक्तदान के प्रति युवाओं व किशोरों में जागरूकता को बढावा देने अभियान चलेगा। “नाको” की राज्य इकाई द्वारा तीन चरणों में चयनित 75 स्कूल व 75 कॉलेजों के 11,250 छात्रों को जन जागरुकता अभियान में शामिल किया जाएगा। अभियान का शुभारंभ 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा देशभर में एक साथ शुरु किया जाएगा।

       प्रथम चरण में ” न्यू इंडिया @ 75″ एचआईव्ही, टीबी व रक्तदान के लिए 12 अगस्त 2021 से लक्षित जिला दुर्ग व बेमेतरा में शिक्षा, समाज कल्याण व स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर 25 स्कूल व 25 कॉलेजों के 3750 छात्रों को कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। जन जागरुकता अभियान के तहत 20 अगस्त तक स्कूलों व कॉलेजों को रेड रिबन क्लबों में शामिल किया जाएगा। स्कूल व उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एनएसएस, एनसीसी, एनवाईकेएस, भारत स्काउट और गाइड से कैडर छात्रों को रंगोली, कविता, निबंध, पेंटिंग सहित विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेंगे। इसके लिए जिला स्तरीय समिति गठित कर चिंहाकित स्कूल व कॉलेजों में यह आयोजन किया जाना है।

       दूसरे चरण में एचआईव्ही, टीबी व रक्तदान के लिए ” न्यू इंडिया @ 75″ के तहत 12 अक्टूबर 2021 से प्रदेश के बिलासपुर, जांजगीर-चांपा व कोरबा जिले के 25 स्कूल व 25 कॉलेज के के 3750 छात्रों को शामिल किया जाएगा। वहीं तीसरे चरण में जन जागरुकता अभियान रायपुर व राजनांदगांव जिले के 25 स्कूल व 25 कॉलेज के के 3750 छात्रों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने को विभिन्न आयोजनों व गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। इस चरण में 1 दिसंबर से एचआईवी / एड्स के बारे में , 12 जनवरी से रक्तदान के लिए और 24 मार्च 2022 से टीबी रोग के प्रति जागरुकता लाने अभियान चलाया जाएगा।

       वेबीनार में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं निरज बंसोड ने बताया, “प्रधानमंत्री का संदेश आजादी के 75वी वर्षगांठ पर तीन बिंदुओं पर विकास को बढावा देने के लिए है। देश के विकास में स्वास्थ्य विभाग को अग्रणी भूमिका निभानी है। युवाओं के बीच एचआईवी/एड्स और टीबी से पीड़ित लोगों के प्रति भेदभाव को मिटाने के लिए संक्रमण के बारे में जन जागरुकता लाना है। इसी तरह युवाओं में रक्तदान को प्रोत्साहित कर स्वैच्छिक रक्त को बढावा देने को शिविर आयोजित करना है”।

       आज के वेबीनार में राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष परियोजना संचालक छग राज्य एड्स नियंत्रण समिति, स्वास्थ्य संचालक निरज बंसोड़, उपाध्यक्ष अतिरिक्त परियोजना संचालक एड्स नियंत्रण समिति डॉ. एसके बिंझवार, सीएमएचओ दुर्ग डॉ. गम्भीर सिंह ठाकुर, सीएमएचओ बेमेतरा डॉ. एसके शर्मा, जिला नोडल अधिकारी एचआईवी/टीबी, जिला नोडल अधिकारी ब्लड बैंक, जिला शिक्षा अधिकारी, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।

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