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चटाई क्वार्टर क्षेत्र में होगा 60 पट्टों का वितरण, जनसमस्या निवारण शिविरों के पश्चात मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालयों में अक्टूबर महीने से समस्याओं का होगा निदान

कलेक्टर ने भिलाई निगम की बैठक में दिये निर्देश, अधिकारियों को कहा प्रमुखता से शिविरों में समस्याओं का निराकरण करें

       दुर्ग। जोन-3 स्थित चटाई क्वार्टर क्षेत्र में वितरण के लिए 60 पट्टे तैयार कर लिये गये हैं। इन्हें शीघ्र ही वितरित किया जाएगा। इस संबंध में निगम अधिकारियों को निर्देश कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने दिये। कलेक्टर ने अन्य जगहों में भी पट्टा वितरण के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने जनसमस्या निवारण शिविरों में आ रहे समस्याओं के निराकरण के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शिविरों का आयोजन सितंबर माह तक होना है। इसके पश्चात मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालयों में अक्टूबर महीने से लोगों के आवेदन लिये जाएं और मौके पर ही समस्याओं का निराकरण करें। कलेक्टर ने कहा कि लोगों की समस्याओं का निराकरण सबसे पहली प्राथमिकता है। अधिकारी लगातार इस बात की मानिटरिंग करें। इसके साथ ही निदान 1100 आदि माध्यमों से आई शिकायतों की भी त्वरित मानिटरिंग करें। इस दौरान निगम आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

लो प्रेशर वाले क्षेत्रों में बूस्टर लाइन डाली जा रही, सुबह-सुबह औचक स्थिति का निरीक्षण करने पहुँचेंगे कलेक्टर-

       कलेक्टर ने बीते दिनों लो प्रेशर वाले इलाकों और पानी की दिक्कत वाली जगहों के संबंध में रिपोर्ट माँगी थी। साथ ही इनकी समस्या के निराकरण पर हो रही कार्रवाई के संबंध में भी पूछा था। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए प्रेशर पंप लगाये गये हैं तथा प्रभावित इलाकों में बूस्टर लाइन डाली जा रही है। जिससे समस्या के निराकरण के संबंध में प्रगति हासिल हो रही है। कलेक्टर ने कहा कि सूची में जो जगह शामिल हैं वे औचक रूप से इनका निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि वे किसी भी प्रभावित इलाके में सुबह 6 बजे पहुँचेंगे और यहां पर पेयजल प्रदाय की स्थिति देखेंगे। कलेक्टर ने रिसाली निगम में पेयजल की स्थिति की जानकारी भी ली। कलेक्टर ने बैठक में टाउनशिप क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि इसमें पर्याप्त सुधार आया है। कलेक्टर ने जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता से प्लांट के लिए छोड़े जा रहे पानी के संबंध में जानकारी भी ली। ईई श्री पांडे ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में पानी भेजा जा रहा है।

 

चंपा से बढ़ेगी कैनाल रोड की सुंदरता-

       कैनाल रोड के संबंध में भी कलेक्टर ने जानकारी ली। उन्होंने इसमें चंपा, टर्मीनेलिया आदि लगाने की सलाह दी। चंपा का फूल बेहद खूबसूरत फूल होता है और इसकी सुंदरता मन मोह लेती है। इसके साथ ही उन्होंने सभी उद्यानों में सफाई कराने को कहा। उन्होंने कहा कि उद्यान नागरिकों की शाम की तफरीह के लिए अधिक अनुकूल हो, अतएव इसे सुंदर बनाने की दिशा में काम करें।

 

जिले के तालाबों को सौर ऊर्जा से मिलेगी संजीवनी
सौर ऊर्जा से एनीकट का जल भेजा जाएगा तालाबों में, कार्ययोजना तैयार
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने ली क्रेडा के अधिकारियों की बैठक
सबसे ज्यादा लाभ होगा धमधा को क्योंकि यहां के सबसे कम तालाब एनीकटों से जुड़े
       दुर्ग। जिले के अनेक गांवों के तालाबों में गर्मी के दिनों में पानी सूख जाता है और इसके कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब यह समस्या दूर हो सकेगी। शासन के क्रेडा विभाग ने इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है और इसके मुताबिक कार्य आरंभ हो जाएगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज इस पर विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दुर्ग और पाटन ब्लाक के गांवों में तालाबों को इन एनीकट के साथ जोड़ा गया है। कुछ तालाबों को जिन्हें नहीं जोड़ा गया हो, उन्हें भी कार्ययोजना में शामिल करें। धमधा ब्लाक के अनेक तालाब इससे अछूते हैं। इसकी कार्ययोजना कलेक्टर ने देखी और सुझावोंपरांत अंतिम रूप से मंगलवार को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। आज बैठक में उपस्थित क्रेडा अधिकारी ने बताया कि शिवनाथ के बांयी ओर के तालाबों में ये समस्या है और इन्हें प्रमुखता से चिन्हांकित किया गया है। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने भी विभिन्न क्षेत्रों के बारे में बताया जहां सोलर इरीगेशन प्रोजेक्ट के माध्यम से सफलता हासिल की जा सकती है।
भूमिगत जल का स्तर बढ़ेगा-
       एनीकट में अतिरिक्त पानी का प्रवाह तालाबों में सोलर लिफ्ट के माध्यम से किया जा सकेगा। इससे तालाबों में जलस्तर बढ़ेगा। तालाबों में जलस्तर बढ़ने का प्रभाव आसपास के क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर में वृद्धि के रूप में होगा। निस्तारी की दिक्कत भी इससे दूर हो सकेगी। पानी के उचित उपयोग और एक-एक बूंद जल के संरक्षण के साथ ही जलसंरक्षण के परंपरागत स्रोतों तालाबों की धरोहरों को भी उपयोगी बनाने में यह योजना सहायक होगी।
डेढ़ किमी की दूरी तक स्थित तालाबों को जोड़ा जाएगा-
       इस योजना से नदी अथवा एनीकट से अधिकतम डेढ़ किमी की दूरी तक स्थित तालाबों को चुना जा सकेगा। इसमें दस बाई दो एचपी के दो मोटर लगाये जाएंगे। अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाई जाएगी। पांच साल तक क्रेडा इसका रख-रखाव भी करेगी।
पहले सर्विस रोड मेंटेनेंस में 7 लेबर लगे थे अब 30 लेबर लग गये
कलेक्टर ने निरीक्षण के बाद निर्माण एजेंसी ने मरम्मत कार्य में लगाये लेबर की संख्या बढ़ाई
       दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बुधवार को कुम्हारी में निर्माणाधीन ओवरब्रिज का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने मेंटेनेंस कार्य में कम श्रमिकों की संख्या पर नाराजगी जाहिर की थी। इसके पश्चात सर्विस रोड मेंटेंनेंस कार्य में श्रमिकों की संख्या बढ़ाई गई है। पहले 7 लेबर लगे थे और अब इनकी संख्या 30 कर दी गई है। कलेक्टर ने अपने दौरे में 15 अक्टूबर तक ओवरब्रिज को छोटी गाड़ियों के लिए खोल देने के निर्देश दिये थे। साथ ही इसके अनुपालन के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिये थे। इसके साथ ही उन्होंने सर्विस रोड रिपेयर के कार्य में धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की थी। सर्विस रोड रिपेयर कार्य के लिए अब 30 लेबर लग  गये हैं। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने कल ही एनएच के अधिकारियों को निर्देशित किया था कि हैवी ट्रैफिक होने की वजह से और हर दिन हजारों लोगों के इस रूट से गुजरने की वजह से सड़क का काम तय समय पर पूरा करना है। यह कार्य जितनी तेजी से संपादित होगा, उतना ही लोगों को सुविधा मिल पाएगी।
झीठ अस्पताल में हुई पहली सीजेरियन डिलीवरी, नसबंदी आपरेशन भी हुआ
गले में तीन तहों तक फंसी थी नाल, कुशलतापूर्वक सी-सेक्शन से निकाला गया
       दुर्ग। झीठ सीएचसी से एक सुखद खबर आई है। यहां पहली सीजेरियन डिलीवरी संपन्न हुई। बच्चे के गले में तीन लेयर में नाल फंस गई थी। कुशलतापूर्वक सी-सेक्शन से बच्चे को निकाला गया। बच्चा और जच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं। झीठ सेक्टर की बात करें तो यहां गर्भवती महिलाओं के एएनएसी रजिस्ट्रेशन हर साल 1500 होते हैं। इस लिहाज से सीजेरियन डिलीवरी की सुविधा इसी केंद्र में होने से लोगों के लिए राहत भरी खबर है। यह उन माताओं के लिए और भी अच्छी खबर है, जिनकी पहली संतान  सीजेरियन डिलीवरी से हुई है और दूसरी संतान के लिए उन्हें रायपुर के अस्पताल में जाना पड़ता था। आज यहां अस्पताल में श्रीमती रंजना साहू ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। आपरेशन अच्छे से संपन्न हुआ और शिशु तथा माँ दोनों का स्वास्थ्य अच्छा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बीएमओ डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि शासन द्वारा अस्पताल को अपग्रेड किये जाने के लिए आपरेशन थियेटर की सुविधा आरंभ की गई। इसके पश्चात यहां प्लान्ड सर्जरी की हमने योजना बनाई। सीजेरियन डिलीवरी की जरूरत को देखते हुए कल ही टीम को लाइनअप कर लिया गया था। आज डॉ. बी कठौतिया, प्रभारी अधिकारी सीएचसी झीठ, सर्जन डॉ. केके डहरिया, एनस्थेटिक डॉ. अजय ठाकुर, पीडियाट्रिशियन डॉ. वाय किरण, ओटी असिस्टेंट श्री जितेंद्र निर्मलकर, श्री गिरिवर, स्टाफ नर्स श्रीमती मेनका, संयोगिता कुर्रे, नेहा चंद्राकर, फार्मासिस्ट श्री नरेंद्र घिल्लारे की टीम ने यह आपरेशन किया, साथ ही नसबंदी भी की। डॉ. शर्मा ने बताया कि प्लान्ड सर्जरी आरंभ होने का लाभ केंद्र के आसपास की गर्भवती माताओं को मिल सकेगा। आपरेशन थियेटर में सारी व्यवस्थाएं मौजूद हैं। भविष्य में भी इसी तरह से जरूरत के मुताबिक सर्जरी की जा सकेगी।

ड्रोन से ग्रामीण आबादी का तैयार किया जा रहा है मानचित्रण
जिले के 7 गांव में ड्रोन से हुआ आबादी का सर्वे
       दुर्ग। स्वामित्व योजना के तहत भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी पट्टे का वितरण किया जाना है। इस योजना के तहत दुर्ग के सभी ग्रामों में सर्वेक्षण कार्य किया जाएगा। सर्वेक्षण का कार्य अत्याधुनिक ड्रोन कैमरे से किया जा रहा है। इसी के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कवर्धा-कबीरधाम एवं दुर्ग जिले को चयनित किया गया है। जिले में सर्वेक्षण कार्य 22 सितंबर से प्रारंभ किया जा चुका है। आज दुर्ग तहसील में भटगांव, जेवरा एवं खपरी, पाटन तहसील में कापसी एवं कोपेडीह और धमधा तहसील में राजपुर एवं नंदौरी ग्राम में ड्रोन सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया गया है। ड्रोन के माध्यम से खींचे गए चित्रों को सर्वे ऑफ इंडिया अपनी भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशाला (जिओग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम लैब) में संसाधित करेगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश में ग्रामीण आबादी के सर्वे के लिए राजस्व और पंचायत एवं ग्रामीण विकास की टीम गठित की गई है, जो कि केंद्रीय टीम की मदद करेगी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आर.आई., पटवारी और पंचायत की टीमें भी विशेष ड्यूटी के लिए लगाई गई है। योजना का उद्देश्य एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन की व्यवस्था बनाना है।
       ड्रोन से सर्वे के बाद प्रारूप नक्शा तहसीलदार और पटवारियों को सौंपा जाएगा। वे प्रारूप से अपने रिकॉर्ड का मिलान करेंगे। हर एक मकान व भूमि का रिकॉर्ड मोबाइल एप पर अपलोड होगा।
योजना का क्रियान्वयन –
       पंचायती राज मंत्रालय, राज्य पंचायती राज विभाग और राज्य राजस्व विभाग की आपसी साझेदारी के साथ ड्रोन सर्वेक्षण टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए, आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन (आबादी क्षेत्र में आवासीय भूमि, आबादी के नजदीक की बसावट और ग्रामीण क्षेत्रों में बाड़ी-बस्ती शामिल हैं) किया जाएगा। संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार देने के लिए हवाई सर्वेक्षण से उच्च गुणवत्ता (हाई रेजोल्यूशन) और सटीक माप वाले मानचित्र मिलेंगे। इन्हीं मानचित्रों या आंकड़ों के आधार पर, ग्रामीण परिवार के स्वामियों को संपत्ति कार्ड जारी किए जाएंगे।
आबादी सर्वेक्षण से होंगे ये लाभ-
       आबादी सर्वेक्षण से ग्रामवासियों के लिए ग्रामीण संपत्तियों का अधिकार अभिलेख प्राप्त होगा, प्रत्येक संपत्ति धारक को उसकी संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र मिलेगा। संपत्तियों पर बैक से ऋण लेना आसान होगा। संपत्तियों के पारिवारिक विभाजन, संपत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया सुगम होगी। पारिवारिक सम्पत्ति के विवाद कम होंगे। इसी प्रकार ग्राम पंचायतों को संपत्ति शुल्क के रूप में पंचायत को स्थानीय आय के साधन प्राप्त होगा। पंचायत स्तर पर ग्राम विकास की योजना बनाने में सुविधा होगी। शासकीय एवं सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा एवं रख-रखाव आसान होगा। संपत्ति संबंधित विवादों में कमी आएगी तथा संपत्ति के नामांतरण एवं बटवारा का प्रत्यक्ष अधिकार प्राप्त होगा।
       जिला प्रशासन के द्वारा ग्रामवासियों से स्वामित्व योजना के इस सर्वेक्षण में बढ़-चढ़कर भाग लेने एवं सहयोग प्रदान करने की अपील की गई है।

चिकित्सा विभाग में विशेषज्ञों की भर्ती
       दुर्ग। कलेक्टर सह-अध्यक्ष प्रबंधकारिणी समिति डीएमएफ छत्तीसगढ़ के अनुसार चिकित्सा विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारी के पदों पर भर्ती की स्वीकृति दी गई है। इच्छुक उम्मीदवार निर्धारित प्रारूप में संपूर्ण दस्तावेज के साथ तय तिथि 30 सितंबर को वाक इन इटरव्यू के लिए सम्मिलित हो सकते है। विस्तृत जानकारी के लिए आवेदक जिला स्वास्थ्य विभाग दुर्ग में संपर्क कर सकते है।
दिव्यांगजनों के रोजमर्रा यात्रा होगी सरल
       दुर्ग। शासन,समाज कल्याण विभाग के माध्यम से जिले  के विभिन्न विभागों में अधीनस्थ अस्थि बाधित दिव्यांगजनों को पेट्रोल चलित टू व्हीलर वाहन( दो अतिरिक्त पहियों के साथ) उपलब्ध कराएगी। योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को कार्यालय में कार्यरत होने का प्रमाण पत्र तथा अन्य पात्रता पूरी करनी होगी। इस पर समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक ने बताया कि लाभार्थी दिए गए प्रारूप के अनुसार आवेदन पत्र भरकर योजना का लाभ उठा सकता है।
स्व. रामानुज प्रताप सिंह स्मृति पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित
       दुर्ग। राज्य शासन की ओर से श्रम विभाग द्वारा श्रम के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले व्यक्ति या संस्था को स्व. रामानुज प्रताप सिंहदेव स्मृति श्रम यशस्वी पुरस्कार दिया जाता है। इसके अंतर्गत दो लाख रूपए और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। आवेदक श्रम विभाग की वेबसाइट/लिंक www.cglabour.in/alankran.aspx के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए श्रमायुक्त कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

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