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छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिये कांग्रेस सरकार निरंतर काम कर रही है

1हाट बाजार क्लिनिको को मिली बड़ी सफलता और लोकप्रियता
सितंबर माह में 2 लाख 20 हजार मरीजों ने उठाया हाट बाजार योजना का लाभ
जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधायें पहुंचाने के लिये समर्पित कांग्रेस सरकार
सुपेबेड़ा के पीड़ितों को राहत पहुंचाना कांग्रेस सरकार का लक्ष्य
2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर विधानसभा के विशेष सत्र के ही दिन स्वयं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव गये थे सुपेबेड़ा
सुपेबेड़ा वृहद पेयजल योजना की निविदा की जा रही है जारी
 

       रायपुर। तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल द्वारा 18 जून 2018 को सुपेबेड़ा का दौरा कर तैयार की गयी रिपोर्ट को जारी करते हुये स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास की बहाली के लिये भूपेश बघेल सरकार ने प्रभावी कदम उठाये है। जिनमें सुपेबेड़ा उप स्वास्थ्य केन्द्र को उन्नयनकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाना और विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती शामिल है। सुपेबेड़ावासियों को राहत पहुंचाने के लिये वृहद पेयजल योजना तैयार कर इसकी निविदा जारी की जा रही है ताकि सुपेबेड़ावासियों को समस्या का मूल कारण हैवी मेटल युक्त पानी से छुटकारा मिल सके। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर विधानसभा के विशेष सत्र के ही दिन स्वयं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव दोबारा सुपेबेड़ा गये थे। कांग्रेस सरकार के द्वारा काम सम्हालने के बाद सुपेबेड़ा में किये गये कार्यो और कार्ययोजना स्पष्ट रूप से भूपेश बघेल सरकार का संकल्प है। सुगम आवागमन के लिये सुपेबेड़ा निवासियों द्वारा की गई मांग की अनुरूप तेलनदी पर पुलिया हेतु सुपेबेड़ा निवासियों ने मांग की थी जिसकी स्वीकृति की प्रक्रिया भी पूर्ण हो गयी। पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल में ही सुपेबेड़ा में पीने के पानी से यह बीमारी फैली और रमन सरकार में जो लापरवाही बरती गयी उसके परिणामस्वरूप लोग स्वास्थ्य सेवा में विश्वास खो बैठे।

       सुपेबेड़ा में 70 से अधिक मौतों के लिये भाजपा सरकार में बरती गयी लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुये स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में कांग्रेस सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। सुपेबेड़ा के साथ-साथ नसबंदी कांड और आंखफोड़वा कांड जैसी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटनाओं के लिये जिम्मेदार सरकार के मुखिया रहे रमन सिंह जी द्वारा इस मामले में की जा रही राजनीति पर सवाल उठाते हुये कांग्रेस नेता द्वय ने कहा है कि आज सबसे बड़ा काम भाजपा सरकार के समय स्वास्थ्य सेवा तंत्र में और सरकार में भरोसा खो बैठे लोगों के विश्वास की बहाली है जिसके लिये लगातार काम हो रहा है।

संलग्न :- 1 वर्तमान मुख्यमंत्री और तत्कालीन छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भूपेश बघेल के साथ कांग्रेस के दल का 18 जून 2018 के सुपेबेड़ा दौरे की रिपोर्ट।


2 सुपेबेड़ा हेतु स्वास्थ्य विभाग का कार्यवाही प्रतिवेदन एवं आगामी कार्ययोजना

हाट बाजार क्लिनिको को मिली बड़ी सफलता और लोकप्रियता
 
सितंबर माह में 2 लाख 20 हजार मरीजों ने उठाया हाट बाजार योजना का लाभ
 
जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधायें पहुंचाने के लिये समर्पित कांग्रेस सरकार

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधायें पहुंचाने के लिये कांग्रेस सरकार के समर्पित होने का हाट बाजार योजना जीताजागता सबूत है। हाट बाजार क्लिनिको को मिली बड़ी सफलता और लोकप्रियता मिली है और सितंबर 2019 माह में 2 लाख 20 हजार मरीजों ने हाट बाजार योजना का लाभ उठाया। कुल 4468 हाट बाजार लगे जिसमें 3335 हाट बाजार में क्लिनिक लगाये गये। ऐसी ही जनोपयोगी योजनाओं को सतत क्रियान्वित करने के लिये कांग्रेस सरकार संकल्पित है। 


विज्ञप्ति के साथ मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना की प्रगति का मासिक प्रतिवेदन सितबंर 2019 संलग्न है।

 


छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
रिपोर्ट 18 जून 2018 
सुपेबेड़ा को राजकीय आपदा घोषित कर तत्काल एक वृहद पेयजल योजना की घोषणा करे सरकार : कांग्रेस
ऽ सूपेबेड़ा में ही सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, इसके लिए ज़िम्मेदार रमन सिंह और उनकी सरकार है
ऽ हर घर में एक न एक मरीज़, एक एक करके मौत के मुंह में समा रहे हैं ग्रामीण, इलाज भी ठीक से नहीं मिल रहा
ऽ अब लोग ओडिशा में शामिल होना चाहते हैं यह मुख्यमंत्री के कथित विकास के मुंह पर तमाचा

सोमवार, 18 जून, 2018 को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के साथ कांग्रेस की एक टीम ने सुपेबेड़ा का दौरा किया था।

उन्होंने ग्रामीणों का दुख दर्द सुना और उनकी परेशानियों से रूबरू हुए. वे उन घरों में भी गए जहां बीमारी से पीड़ित लोग हैं और उन घरों में भी जहां हाल ही में मौतें हुई हैं।


सुपेबेड़ा का हाल

. गरियाबंद ब्लॉक के सुपेबेड़ा गांव में दूषित पानी से लोगों के दांत पीले पड़ रहे हैं और आख़रिकार किडनी फेल होने से लोगों की मौतें हो रही हैं।
. सरकारी आंकड़ों के अनुसार क़रीब 1500 की आबादी वाले गांव में 64 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन गांव वालों ने बताया कि बुज़ुर्गों से लेकर 10 वर्ष के बच्चों तक कुल 170 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है।
. लगभग हर घर में एक न एक विधवा है और पिछले पांच वर्षों से वहां लड़कों की शादी रुकी हुई है क्योंकि वहां कोई लड़की ही नहीं देना चाहता।
. सरकार आंकड़े छिपा रही है।
. गांव वालों का कहना है कि इस समय भी गांव में हर कम से कम दो सौ किडनी रोग के मरीज़ हैं।
. ये वे लोग हैं जिनकी जांच हो चुकी है. गांव वालों का मानना है कि जिनकी जांच नहीं हुई है, उनमें भी किसी न किसी दिन लक्षण उभर आएगा।
. गांव के लोग बताते हैं कि सुपेबेड़ा के अलावा निदितगुड़ा, सेंदमुड़ा, परेवापाली, मोटरापारा, सागौनबाड़ी, खम्हारगुड़ा, खोक्सरा, बिरलीगुड़ा और झिरिपानी जैसे एक दर्जन गावों में भी किडनी की समस्याएं सामने आई हैं और वहां भी कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं।
. इसका मतलब है कि सुपेबेड़ा और आसपास के गांवों में किडनी की बीमारी का मरीज़ हैं, जिनका इलाज आसपास में उपलब्ध चिकित्सकों से चल रहा है।

. ग्रामीणों का कहना है कि परिवार अपना इलाज ज़मीन बेचकर और गहने गिरवी रखकर करवा रहे हैं।

पीने का साफ़ पानी है भीषण समस्या

. सुपेबेड़ा गांव में यह समस्या वर्ष 2005 के आसपास पता चली थी।

. फिर धीरे धीरे यह समस्या बढ़ती गई।
. गांव वालों का कहना है कि सरकार को करीब दस साल से इस समस्या के बारे में पता है लेकिन कदम पिछले एक डेढ़ साल में ही उठाए गए जब समस्या को मीडिया में जगह मिली।
. सुपेबेड़ा में कुछ जल शोधन संयंत्र लगाए गए हैं लेकिन ग्रामीण उसके पानी को लेकर भी आश्वस्त नहीं हैं।
. सरकार ने कोई दो किलोमीटर दूर एक बोर करवाया है जिसका पानी पाइप के ज़रिए गांव में आता है। गांव वाले यह नहीं जानते कि वह पानी भी प्रदूषण से मुक्त है या नहीं।
. पानी की जो वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, वह भी अनियमित है।
. कभी सोलर पंप नहीं चलता तो कभी कोई और परेशानी रहती है।
. पूरे गरियाबंद ब्लॉक में जगह जगह पानी में भारी तत्वों यानी हेवी मेटल्स की उपस्थिति ख़तरनाक स्तर तक पाई गई है।
. सरकार की ओर से हाल ही में 221 स्कूलों में हैंडपंप के पानी की जांच करवाई गई है. इनमें से 64 की रिपोर्ट आ गई है और पाया गया कि 40 स्कूलों के पानी में भारी तत्व हैं।
. कई स्कूलों में तो भारी तत्वों की मात्रा सूपेबेड़ा से भी अधिक है।

. शेष रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि स्थिति कितनी विस्फोटक है।

चिकित्सा का अभाव

. गांव वालों का कहना है कि देवभोग में डॉ मार्कंडेय पदस्थ थे और वो बहुत अच्छे डॉक्टर थे लेकिन पता नहीं क्यों सरकार ने उनका तबादला कर दिया।

. मरीजों का इलाज संजीवनी चिकित्सा कोष से किया जा रहा है. लेकिन पहले जो सुविधा एक निजी अस्पताल में थी उसे बदलकर मेकाहारा कर दिया गया।
. मेकाहारा यानी अंबेडकर अस्पताल में चल रहे इलाज से मरीज बेहद असंतुष्ट हैं।
. वे बताते हैं कि नेफ़्रोलॉजी विभाग के प्रमुख पुनीत गुप्ता ऐसी दवाइयां लिखते हैं जो अस्पताल में नहीं मिलती और बाहर भी मुश्किल से मिलती है और बहुत महंगी है।

. ग्रामीण अब इलाज के लिए मेकाहारा जाने की बजाय अपने खर्च पर इलाज करवाने के लिए वॉल्टेयर के अस्पताल में जाने लगे हैं। गांव में एक अस्थाई क्लिनिक खोल दी गई है लेकिन गांव वाले बताते हैं कि वहां काम की दवाइयां नहीं मिलतीं।

विकास की पोल खुली

. ‘विकास यात्रा’ पर जनता का करोड़ों रुपया खर्च करने वाले रमन सिंह को एक बार सुपेबेड़ा आकर ज़रूर देखना चाहिए।

. वे जगह जगह पानी पीकर विकास दिखा रहे हैं तो एक बार वे ग्रामीणों के समक्ष वहां नल का पानी भी पीकर दिखाएं जिसे पीने की सलाह उनकी सरकार ग्रामीणों को दे रही है।
. रमन सिंह और उनकी सरकार पिछले 13 वर्षों से आंखें मूंदे बैठी रही. वह अब तक हुई 170 मौतों के लिए सीधे ज़िम्मेदार है।
. ग्रामीणों ने कहा कि इससे तो बेहतर है कि पूरे देवभोग को छत्तीसगढ़ राज्य से काटकर ओडिशा को दे दिया जाए। 15 साल से सत्ता पर काबिज सरकार के लिए इससे ज़्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता कि लोग राज्य छोड़कर जाना चाहते हों।

. अगर बीमारी का पता चलने के बाद भी इलाज नहीं हो पा रहा है तो यह दुखद है।

कांग्रेस की मांग

. सुपेबेड़ा और आसपास के दर्जन भर गांवों में जो समस्या है वह एक तरह की महामारी में बदलती जा रही है।

. इसे तत्काल राजकीय आपदा घोषित करके उपाय किए जाने चाहिए।
. सबसे पहले सरकार को एक वृहद पेयजल परियोजना की घोषणा करनी चाहिए, जिससे सभी गांवों में पीने का शुद्ध जल उपलब्ध हो सके।
. सुपेबेड़ा में तत्काल एक रेफ़रल हॉस्पिटल शुरु किया जाए जिससे कि मरीजों को जल्दी इलाज उपलब्ध हो और तुरंत रायपुर पहुंचाया जा सके।
. हर गांव में हर परिवार के सभी सदस्यों की पूरी जांच के लिए सघन अभियान चलाया जाए।
. नेफ़्रॉलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ पुनीत गुप्ता पर ग्रामीण जो आरोप लगा रहे हैं उनकी जांच होनी चाहिए। क्यों वे महंगी और ऐसी दवाएं लिख रहे हैं जो अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं।
. डॉ पुनीत गुप्ता ने मैक-डी नाम के एक उपकरण का बहुत प्रचार करवाया था और एक अवॉर्ड भी हासिल कर लिया था, क्यों वे इसका प्रयोग सुपेबेड़ा में करते?
. उन स्कूलों में पीने के पानी की तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की जाए जहां का पानी दूषित पाया गया है।
. शेष स्कूलों की रिपोर्ट तत्काल मंगवाई जाए और कार्रवाई की जाए।

शैलेश नितिन त्रिवेदी
महामंत्री एवं अध्यक्ष संचार विभाग
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

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