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वचन पत्र के हर वादे को पूरा करेगी सरकार, एक साल में 365 वचन किये पूरे : घनघोरिया

आपकी सरकार आपके द्वार योजना के तहत पनागर के छत्तरपुर में 

आयोजित शिविर में 72 हितग्राहियों को 47 लाख के हितलाभ वितरित

 

       जबलपुर। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की विकास की सोच केवल बिजली, पानी, सड़क और पुल-पुलिया के निर्माण तक सीमित नहीं बल्कि विकास की उनकी परिभाषा में बच्चों को अच्छी शिक्षा, लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराना भी शामिल है।  ये उद्गार प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया ने पनागर विकासखण्ड के ग्राम छत्तरपुर में आपकी सरकार आपके द्वार योजना के तहत आज शनिवार को आयोजित शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। 

       मंत्री श्री घनघोरिया ने कहा कि श्री कमलनाथ की सरकार योजनाओं और विकास कार्यों को धरातल पर उतारने वाली सरकार है। अपने वचन पत्र में जनता से किये गये वादों को पूरा करने वाली सरकार है।  एक साल के कम समय में ही 365 वचनों को पूरा कर इस सरकार ने यह बता दिया है कि यह केवल घोषणायें या दिखावा नहीं करती बल्कि जनहित की तथा विकास की कोई भी योजना प्रारंभ करने के पूर्व उनपर अमल कैसे होगा इसका खाका पहले तैयार करती है।

       श्री घनघोरिया ने कहा कि इस सरकार ने न केवल समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं बल्कि खाद्य पदार्थों में मिलावट कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर भी अंकुश लगाने का काम भी किया है। इससे आगे बढ़कर अब आम जनता को माफिया के आतंक से मुक्ति दिलाने के अभियान का शंखनाद भी इस सरकार द्वारा कर दिया गया है। 

       श्री घनघोरिया ने कहा कि चाहे शुद्ध के लिए युद्ध हो या माफिया के खिलाफ की जा रही कार्यवाही मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की सरकार वास्तव में जनता को राहत दिलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि आपकी सरकार आपके द्वार योजना भी श्री कमलनाथ की इसी सोच का प्रतिफल है।  अब गाँव की जनता को आपने कामों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाना पड़ रहे हैं बल्कि सरकारी अमला खुद उनके गाँव तक जाकर न केवल उनकी समस्याओं का निराकरण कर रहा है बल्कि गाँव की विकास की आवश्यकताओं का आंकलन भी इन शिविरों के माध्यम से किया जा रहा है।

       शिविर की अध्यक्षता करते हुए श्री सम्मति सैनी ने अपने संबोधन में आपकी सरकार आपके द्वार योजना को मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ द्वारा आम जनता की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए शुरू की गई एक अच्छी पहल बताया।  श्री सैनी ने कहा कि ये शिविर न केवल लोगों की उन समस्याओं के निराकरण का माध्यम बन रहे हैं जिनके लिए उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। बल्कि सरकार की जनहित की योजनाओं के तहत हितलाभों का वितरण भी इन शिविरों में जरूरतमंदों को किया जा रहा है। श्री सैनी ने इस मौके पर उनके प्रयासों से पनागर क्षेत्र में बीते एक वर्ष में चार नई सड़कों के निर्माण और 40 नलकूपों के खनन की स्वीकृति का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता को उनका अधिकार दिलाने के लिए वे कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे। 

       शिविर में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती विजय कांति पटेल एवं श्री शारदा यादव एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रियंक मिश्रा, श्री विमल जैन, श्रीमती संगीता सिंह, शरद खजांची, बृजबिहारी पटेल, बाबू खान, प्रदीप पटेल आदि जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। 

       आपकी सरकार आपके द्वार योजना के इस शिविर का शुभारंभ सामाजिक न्याय मंत्री द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। श्री घनघोरिया ने इस मौके पर सात दिव्यांगजनों को ट्रायसाइकिल प्रदान की और विभिन्न योजनाओं के तहत 72 हितग्राहियों को 47 लाख 15 हजार रूपये के हितलाभ प्रदान किये।  सामाजिक न्याय मंत्री ने शिविर में शासकीय विभागों द्वारा योजनाओं को प्रदर्शित करने लगाये गये स्टॉलों का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन भी किया गया था। शिविर में ग्रामीणों से 106 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से अधिकांश का मौके पर ही निराकरण कर दिया गया।

संभागायुक्त श्री मिश्रा ने किया जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ के संयंत्र का निरीक्षण 

 

       जबलपुर। संभागायुक्त और जबलपुर दुग्ध संघ के प्राधिकृत अधिकारी रविन्द्र कुमार मिश्रा ने जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ द्वारा संचालित दुग्ध संयंत्र का भ्रमण किया। उन्होंने दुग्ध संघ के विस्तारीकरण की पांच वर्षीय योजना-विजन डाक्यूमेंट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। संघ की अधोसंरचना संबंधी सभी जरूरतों और संयंत्र विस्तारीकरण की योजना भी बनाने के निर्देश दिए गए।

       संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि दुग्ध संघ द्वारा प्रतिमाह तैयार किए जाने वाले एमआईएस मासिक प्रतिवेदन आंकड़ों को ग्राफ और चार्ट के रूप में भी प्रस्तुत किया जाए। एमआईएस शाखा देश के डेयरी उद्योग को ध्यान में रखते हुए उत्पादन की मांग और लागत की निरन्तर समीक्षा करें तथा उन्हें अवगत कराएं। उन्होंने अधिकारियों को दुग्ध संकलन और विक्रय बढ़ाने के लिए सभी जरूरी उपाए करने के निर्देश दिए। 

       संभागायुक्त ने संयंत्र निरीक्षण के दौरान पैकेजिंग, मिल्क उत्पाद जैसे मिल्क केक, नारियल बर्फी, सांची पेड़ा, श्रीखण्ड, छेना रबड़ी के उत्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन किया। संयंत्र में स्थापित गुण नियंत्रण प्रयोगशाला का भी विस्तृत निरीक्षण किया गया। उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली। संयंत्र में उत्पादन तथा अन्य जानकारियां लीं तथा दिशा-निर्देश दिए।

सत्यसांई सेवा संगठन के सहयोग से जिला

अस्पताल में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में 257 हृदयरोगी बच्चों का पंजीयन

       जबलपुर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विक्टोरिया जिला चिकित्सालय में आयोजित दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर में पहले दिन आज जबलपुर, रीवा, सागर संभाग से आए 18 वर्ष तक के 257 हृदय रोगी बच्चों का पंजीयन किया गया। यह शिविर सत्यसांई सेवा संगठन अहमदाबाद एवं राजकोट गुजरात के सहयोग से आयोजित किया गया। डॉ ज्वलंत देसाई व डॉ विशाल जंघेला, सत्यसांई हार्ट हास्पिटल अहमदाबाद एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर डॉ मनीष मिश्र, उप संचालक आरबीएसके डॉ मनीष सिंह की उपस्थिति में शिविर का शुभारंभ किया गया। 

       शिविर में प्रत्येक मरीज को संभागीय टीम के सदस्यों द्वारा सत्यसांई हार्ट हा‍स्पिटल अहमदाबाद, राजकोट के डॉक्टरों द्वारा जांच एवं स्क्रीनिंग के पश्चात् नि:शुल्क आपरेशन की स्वीकृति प्रदान कराई गई तथा चिन्हित बच्चों को आपरेशन के लिए अलग-अलग तिथि भी दी गई ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। शिविर में आए मरीज एवं उनके परिजनों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा चाय, पानी एवं भोजन की व्यवस्था की गई थी। यह शिविर रविवार 29 दिसम्बर को भी जारी रहेगा व नए मरीजों का पंजीयन कर स्क्रीनिंग की जाएगी। इस शिविर में  आज पहले दिन अनूपपुर से 6, छिंदवाड़ा से 19, डिंडोरी से 6, जबलपुर से 99, कटनी से 11, मण्डला से 28, नरसिंहपुर से 46, सतना से 25, सिवनी से 8, सिंगरौली से 4 तथा उमरिया जिले से 5 हृदय रोगियों का पंजीयन किया गया। बाहर से आए मरीजों को रूकने एवं भोजन व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिंधी धर्मशाला घंटाघर में की गई है। दूसरे दिन रविवार 29 दिसम्बर को प्रात: 9 बजे से मरीजों का पंजीयन एवं स्क्रीनिंग प्रारंभ की जाएगी। 

औद्योगिक स्वरूप में विकसित किया जाएगा जिला डिण्डौरी : मंत्री श्री मरकाम

समनापुर जनपद मेंआपकी सरकारआपके द्वारकार्यक्रम

       जबलपुर। आदिमजाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम ने शुक्रवार को डिण्डौरी जिले की जनपद समनापुर मेंआपकी सरकारआपके द्वारकार्यक्रम में कहा कि आदिवासियों में पलायन की प्रवृत्ति को रोकने के लिए डिण्डौरी को औद्योगिक जिले के स्वरूप में विकसित किया जाएगा। इससे स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि डिण्डौरी जिले में कोदोकुटकी की मार्केटिंग के लिये 42 करोड़ रूपये की योजना मंजूरी की गई है।

       मंत्री श्री मरकाम ने बताया कि राज्य सरकार ने अपने वचनपत्र में किये गये वायदे के अनुसार प्रदेश में पहली बार 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाने के लिये शासकीय अवकाश घोषित किया। इस दिन जिला और जनपद स्तरों पर आदिवासी कल्याण के कार्यक्रम आयोजित करने की परम्परा शुरू की गई। आदिवासी क्षेत्रों के सभी गाँवों को मदद योजना में 25-25 हजार रूपये मूल्य के बर्तन उपलब्ध करवाये गये। आदिवासियों को छठी, बारसा में 50 किलो और दसगात्र के लिये एक क्विंटल अनाज इस योजना में नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।

       डिण्डौरी जिले के विकास की चर्चा करते हुए मंत्री श्री मरकाम ने बताया कि गाँवगाँव पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 3 करोड़ लागत से सर्वे कार्य शुरू किया गया है। आदिवासी अंचलों में लोगों के लिये हाट बाजारों में .टी.एम. खोले जा रहे हैं। आदिवासियों के देवस्थानों के संरक्षण की आस्ठान योजना में डिण्डौरी जिले के करवेमट्टा और राम्हेपुर को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि डिण्डौरी में आदिवासी सांस्कृतिक केन्द्र स्थापित करने के लिये 5 करोड़ मंजूर किये गये हैं। जिले के आदिवासी विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा में दक्ष करने के लिये 5 करोड़ की लागत से कम्प्यूटर सेन्टर खोला जा रहा है। साथ ही, जिले में 40 आँगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण के लिये 3 करोड़ 50 लाख की राशि जारी की गई है।

       मंत्री श्री मरकाम ने अधिकारियों को जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में जॉब कार्डधारियों को अनिवार्य रूप से 100 दिन का रोजगार देने के निर्देश दिये। उन्होंने रोजगार गांरटी योजना के कार्यों में जनसंरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता देने को भी कहा। श्री मरकाम ने शिविर में सब की समस्याओं को सुना और निराकरण के निर्देश दिये। उन्होंने विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की महिला मुखिया को आहार अनुदान राशि और दिव्यांगों को उपकरण वितरित किये।

नये उच्चदाब विद्युत कनेक्शन पर ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट : ऊर्जा मंत्री सिंह

 

       जबलपुर। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने कहा है कि ऊर्जा विभाग द्वारा किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं के साथ ही उद्योगों को भी सहूलियत दी गयी है। उन्होंने बताया कि नये उच्चदाब कनेक्शनों को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत, अधिकतम एक रुपये प्रति यूनिट की छूट 5 वर्ष तक देने का निर्णय लिया गया है। विद्यमान निम्नदाब उपभोक्ता द्वारा उच्चदाब कनेक्शन में परिवर्तन करवाने पर ऊर्जा प्रभार में एक रुपये प्रति यूनिट की छूट दी गयी है।

       मंत्री श्री सिंह ने बताया है कि ऑफपीक अवधि में (रात 10 से सुबह 6 बजे तक) बिजली खपत पर ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट दी गयी है। ग्रामीण फीडरों पर जुड़े उच्चदाब औद्योगिक उपभोक्तओं को न्यूनतम खपत में 20 प्रतिशत और नियत प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट दी गयी है।

ईज ऑफ डुइंग बिजनेस

       ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के अन्तर्गत उच्चदाब संयोजन के लिए ऑनलाइन आवेदन और ऑनलाइन भुगतान पर कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी है। उद्योगों को मात्र 2 दस्तावेजों, पहचानपत्र और मालिकाना/कब्जे के प्रमाणपत्र के आधार पर नवीन बिजली कनेक्शन की सुविधा दी गयी है। तैंतीस के.व्ही. तक के बिजली कनेक्शनों के लिए बिजली निरीक्षक से चार्जिंग परमिशन की बाध्यता को समाप्त कर निजी चार्टर्ड बिजली सुरक्षा इंजीनियर की सहायता से स्वप्रमाणन की सुविधा दी गयी है। अग्रिम भुगतान पर एक प्रतिशत की छूट दी गयी है। बिजली कम्पनियों के मोबाईल एप एवं पोर्टल के माध्यम से भी उपभोक्ता सेवा उपलब्ध करवायी गयी है।

विशेष लेख

नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में आगे बढ़ता मध्यप्रदेश

 

       जबलपुर। मध्यप्रदेश में पारम्परिक ऊर्जा उत्पादन के साथ ही नवकरणीय ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों से ऊर्जा उत्पादन के प्रयासों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में नित नये नवाचार भी किये जा रहे हैं। बीते एक वर्ष में प्रदेश में ग्रिड कनेक्टेड और ऑफ ग्रिड परियोजनाओं ने आकार लिया है। इस समय प्रदेश में सौर, पवन, बायोमास, लघु जल विद्युत परियोजनाओं से कुल 668.64 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश में तीन नए सोलर पार्क भी विकसित किए जा रहे हैं। नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश में मिसाल कायम करने की दिशा में मध्यप्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है।

       प्रदेश की बंजर भूमि पर नवकरणीय ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना शुरू की गई है। रीवा और मंदसौर परियोजना स्थल भी पूर्व में बंजर भूमि के कारण जाने जाते थे। आगर, शाजापुर, नीमच सोलर पार्क के लिए भी बंजर भूमि का ही चयन किया गया है। रेस्को निविदाओं में छोटे निवेशकों को हिस्सेदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। नवम्बर 2018 तक प्रदेश में सौर ऊर्जा से 1537 मेगावाट बिजली मिल रही थी, जो इस साल बढ़कर करीब 2200 मेगावाट हो गई है। बायोमास ऊर्जा उत्पादन में भी 92.55 मेगावाट को बढ़ाकर 116.35 मेगावाट करने में सफलता मिली है। नवम्बर-2018 तक 14 हजार सोलर पम्प थे, पिछले एक साल में ये बढ़कर 18 हजार हो गए हैं।

       आने वाले समय में मध्यप्रदेश में ढ़ाई हजार मेगावाट नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन होने लगेगा। नए सोलर पार्कों से 1750 मेगावाट और इंदिरा सागर तथा ओंकारेश्वर जलाशय से एक हजार मेगावाट बिजली फ्लोटिंग सौर संयंत्र से प्राप्त हो सकेगी।

       सोलर रूफ टॉप संयंत्रों से नवम्बर, 2018 तक अर्जित की जा रही 15 हजार 548 किलोवाट क्षमता को एक वर्ष में 24 हजार किलोवाट तक पहुँचा दिया गया है। एलईडी बल्ब, ट्यूबलाईट्स के साथ ही 5 स्टार रेटेड पंखों का चलन भी बढ़ गया है। प्रमुख रूप से पुलिस मुख्यालय, दूर संचार कार्यालयों, चिकित्सा महाविद्यालयों और राज्य सरकार के कई विभागों तथा निगममंडलों के कार्यालयों में सौर ऊर्जा का उपयोग शुरू हो गया है।

       रीवा परियोजना से प्राप्त बिजली में प्रदेश की कुल बिजली खपत का करीब छठवां हिस्सा मिलने से ताप विद्युत संयंत्रों के दबाव को कम करने में मदद मिली है। रीवा सोलर पार्क से दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन और मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड को बिजली दी जा रही है। परियोजना से अद्यतन 730 मेगावाट क्षमता कमीशन हो चुकी हैं और बाकी 20 मेगावाट दिसम्बर माह के अंत तक कमीशन किया जाना है। मंदसौर सोलर पार्क से 250 मेगावाट की कुल क्षमता कमीशन की जा चुकी है और निरंतर विद्युत उत्पादन हो रहा है।

       नीमच में 500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क के लिए राजस्व भूमि आवंटित की जा चुकी है। पार्क से इंडियन रेलवे एवं प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कम्पनी को बिजली दी जाएगी। आगर जिले की आगर और सुसनेर तहसील में कुल 1271 हेक्टेयर राजस्व भूमि सोलर पार्क के लिये आवंटित की गई है। इस 550 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क से मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी को बिजली दी जाएगी।

       भोपाल की बड़ी झील के पास स्थित ब्रिज एवं रिटेनिंग वॉल पर 500 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र की स्थापना की गई है। इस संयंत्र से पास के कर्बला स्थित पम्प हाउस की दिवस कालीन ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकेगी। इससे प्रति वर्ष 40 लाख रूपये की बचत के साथ 10 हजार वृक्षों के बराबर पर्यावरण सुधार की स्थिति निर्मित होगी। स्मार्ट सिटी उज्जैन स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लॉट में 1200 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। इससे प्रतिवर्ष लगभग 94 लाख रूपये की विद्युत की बचत के साथ ही 24 हजार वृक्षों के बराबर पर्यावरण सुधार की स्थिति निर्मित होगी।

       भोपाल के समीप औद्योगिक और व्यवसायिक क्षेत्र की इकाइयों में औद्योगिक विकास निगम की साझेदारी में रेस्को( रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कम्पनी) मॉडल आधारित संयंत्र की स्थापनाओं और सौर विद्युत के विक्रय की योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना में सौर विद्युत के विक्रय के लिये अनुबंध किया जाएगा। इस अनुबंध पर क्रेता इकाई, विक्रेता इकाई, औद्योगिक विकास निगम एवं ऊर्जा विकास निगम द्वारा हस्ताक्षर किए जायेंगे। इससे रेस्को इकाइयों को प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्रस्तावित करने में आसानी होगी।

       रेस्को निविदाओं में किये गये नवाचारों के फलस्वरूप शासकीय क्षेत्र के लिये न्यूनतम विद्युत टैरिफ 1.38 रूपये प्रति यूनिट प्राप्त हुई है जबकि औद्योगिक क्षेत्रों के लिये 4.61 रूपये की दर प्राप्त हुई है। उल्लेखनीय है कि शासकीय क्षेत्रों के लिये 45 प्रतिशत तक की शासकीय वित्तीय सहायता उपलब्ध थी जबकि औद्योगिक क्षेत्रों के लिये किसी अनुदान का प्रावधान नहीं था। रेस्को परियोजना में लगभग 30 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। सोलर पम्प उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण के लिए कॉल सेन्टर भी स्थापित किए जा रहे हैं।

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