अब तक 500 महिलाएं हो चूकिं ई-लिट्रेट
10 वीं बैच के मूल्यांकन में 85 शिक्षार्थी रहे सफल
दुर्ग। गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ योजनांतर्गत संचालित किए जा रहे ई- साक्षरता केन्द्रों में चिप्स रायपुर द्वारा ऑनलाइन बाह्य मूल्यांकन संपन्न कराया गया। ई-केन्द्र खुर्सीपार में आठवी, नवी और दसवी बैच का बाह्य मूल्यांकन संपन्न हुआ। कुल 88 शिक्षाार्थी सम्मिलित हुए जिनमें से कुल 85 शिक्षार्थी सफल रहे। इसी प्रकार ई-केन्द्र पाटन में पाॅचवी बैच में 24 शिक्षार्थी सम्मिलित हुए जिसमें 01 अनुपस्थित एवं 01 शिक्षार्थी असफल रहे। इस प्रकार कुल 23 शिक्षार्थी सफल रहे। असफल शिक्षार्थियों को अगले माह की बाह्य मूल्यांकन परीक्षा में सम्मिलित कराया जाएगा। अब तक साक्षरता केन्द्रों के माध्यम से 500 महिलाएं ई-लिट्रेट हो चुकी हैं। जिले की डी.पी.ओ. डाॅ. रजनी नेलसन द्वारा ई- साक्षरता केन्द्रों का निरीक्षण किया गया एवं रिपोर्ट ली गई। पाटन में सी.ए.सी. श्री महेन्द्र बहादुर उपस्थित थे। खुर्सीपार में प्राचार्य श्रीमती प्रीति गुप्ता एवं श्रीमती शीला बोरकर ने परीक्षा संपन्न कराई। ज्ञानव्य हो कि मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता अंतर्गत जिले में दो ई- साक्षरता केन्द्र खुर्सीपार एवं पाटन में संचालित है जिसमें 14-60 आयु वर्ग महिलाओं को डिजिटली साक्षरता प्रदान की जा रही है। वर्तमान में ई-साक्षरता केन्द्र के रूप में दुर्ग एवं उतई में दो नए केन्द्रों की स्थापना की गई है। उल्लेखनीय है कि दिनांक 18 जनवरी को गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू जी द्वारा ई- केन्द्र उतई का विधिवत् शुभारंभ किया गया। इस केन्द्र में दो बैच में 54 महिलाएं प्रशिक्षित हो रही है। शहरी क्षेत्रों की माताओं एवं बहनों के लिए योजना का लाभ उठाने की मांग निरंतर बढ़ रही है। इसे देखते हुए कुम्हारी नगर पंचायत के अध्यक्ष श्री राजेश्वर सोनकर ने भी शास.उ.मा.वि. कुम्हारी में ई-साक्षरता केन्द्र खोलने हेतु मान. मुख्यमंत्री जी को मांग पत्र भेजा है।
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दुर्ग। शहीद दिवस के अवसर पर जिला कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने 2 मिनट का मौन धारण कर शहीदों को स्मरण किया।
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संभागायुक्त कार्यालय का भृत्य सेवा से पृथक, संदेहास्पद पाई गई अंक सूची
दुर्ग। संभागायुक्त श्री दिलीप वासनीकर ने अपने कार्यालय में पदस्थ भृत्य बसंत कुमार को सेवा से पृथक कर दिया है। बसंत मूल रूप से रामानुजगंज-बलरामपुर जिले का निवासी है। वो अभी प्रोबेशन पीरियड में संभागायुक्त कार्यालय में कार्य कर रहा था। बसंत की मार्कशीट की जांच के दौरान यह इसके फर्जी होने की शंका हुई और इसे जांच के लिए कलेक्टर बलरामपुर के कार्यालय भेजा गया। वहां से भी इसके संदेहास्पद होने का जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही कार्य में भी लापरवाही के आरोप के संबंध में कारण बताओ नोटिस बसंत को जारी किए गए थे। लापरवाही की नोटिस का जवाब निर्धारित समय में बसंत द्वारा नहीं दिया गया। इस प्रकार सिविल सेवा नियम 1961 की अन्तर्गत सेवा शर्तों का पालन नहीं करने पर उन्हें सेवा से पृथक करने का निर्णय लिया गया।