नोवेल कोरोना वायरस की संक्रमण को रोकने देशव्यापी लाॅकडाउन के दौरान लागू की गई व्यवस्थाओं का हो पालन
लाॅकडाउन के दौरान मवेशियों की व्यवस्था भी
सुनिश्चित कराएं
संभागायुक्त ने कलेक्टरों को दिए निर्देश
दुर्ग। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में संभागायुक्त ने कलेक्टरों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। विभिन्न जिलों के ऐसे मजदूर जो खाने-कमाने अन्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में गये थे तथा दूसरे ऐसे लोग जो लाॅकडाउन के पश्चात आपके जिला के अंतर्गत विभिन्न स्थानों में ठहराना पड़ गया है, वे सभी लोग अपने मूल स्थान या गंतव्य तक पहुंचने के लिए प्रयासरत है। कुछ लोग मुख्य रोड से या अंदर की सड़कों से पैदल निकल रहे हैं। जब इस तरह के लोगो को जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन व पुलिस प्रशासन के व्यवस्था में ठहराया गया है, उनके लिए सभी आवश्यक सभी व्यवस्थाएॅ प्रशासन द्वारा, दानदाताओं व स्थानीय प्रशासन की व्यवस्था में की जा रही है, तो ऐसी स्थिति में लाॅकडाउन के तहत बनाए गए व्यवस्थाओं का पालन करना लोगो के लिए अनिवार्य है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगो को रोका जा सके।
उपरोक्त स्थिति को रोकने व नियंत्रित करने आवश्यक कार्रवाई के निर्देश संभागायुक्त ने दिए है- पुलिस पेट्रोलिंग निरंतर मुख्य सड़क व अंदर के सड़को में निरंतर रूप से की जाय। इस दौरान जो भी लोग ठहराए गए स्थान से आगे जाना पाया जाता है, तो वे जिस गांव की सीमा में मिलते है उन्ही गांव में सर्व सुविधायुक्त शासकीय भवन में ठहराया जाए तथा उनके लिए समुचित व्यवस्था किया जाए। उनके देखरेख व सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय कर्मचारियों की टीम तैनात किया जाए। जिस स्थान पर उन्हें पहले रोका गया था वहाॅ के जिला प्रशासन व स्थानीय प्रशासन को तत्काल अवगत कराया जाए तथा जिन अधिकारियों के नियंत्रण व अभिरक्षा में ऐसे लोगो को ठहराया गया था उनके द्वारा दायित्व निर्वहन भलीभांति नहीं करने के कारण उन्हें जिम्मेदार ठहराया जावे ताकि संबंधित अधिकारी/कर्मचारी अपनी ड्यूटी पूर्ण जिम्मेदारी व लगन के साथ करें। अब जिले के सीमा के अन्तर्गत जहाॅ-जहाॅ लोगो को ठहराया गया है, उस स्थान से कोई भी व्यक्ति महिला, पुरूष, बच्चे आगे कदापि न बढ़े। उस पर विशेष नियंत्रण रखा जाए। जिले के अंतर्गत जहाॅ-जहाॅ लोगों को ठहराया गया है वहाॅ के पंचायतो से या नगरीय निकाय बाॅडी के पास जो वाचनालय होगा अथवा ग्रामीण क्षेत्रो में स्वामी आत्मानंद वाचनालय से लोगों को पुस्तक प्रदाय कर बारी-बारी से पुस्तको को स्वाध्याय करने समझाईश दिया जाए। उचित होगा ऐसे लोगो को ठहराए गए स्थानो में स्थानीय कर्मचारियों/अधिकारियों के माध्यम से जीवन उपयोगी व्यवहारिक बाते अथवा ज्ञान एवं भारत सरकार व राज्य सरकार के योजनाओं की जानकारी देकर योजना क्रियान्वयन में ऐसे लोगो की सहभागिता बढ़ाने उन्हें प्रेरित किया जाए। इसी तरह और भी बाते व गतिविधि उनको दूर-दूर बैठाकर किया जा सकता है।
नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने प्रवास से वापस आए लोगो की जानकारी- अभी तक यह तथ्य प्रकाश में आया है कि छत्तीसगढ़ में नोवेल कोरोना वायरस का संक्रमण विदेश यात्रा कर वापस आये व देश के बड़े शहरो से प्रवास कर वापस आए लोगों के कारण वायरस बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में इस तरह के लोगो को तथा उनके सम्पर्क में आए लोगों की पहचान कर उनका मेडिकल चेकअप, उन्हे आइसोलेशन में रखने व क्वारेंटाईन मे रखने की सख्त आवश्यकता है ताकि कोरोना वायरस की संक्रमण से समाज के अन्य लोगो को बचाया जा सकें।
विदेशो से जिले में आए लोगों, देश के विभिन्न बड़े शहरों से जिले में आए लोगों व छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से देश के अंदर रोजगार हेतु या कमाने-खाने गए और वापस आए लोगो की जानकारी तैयार कर प्रेषित करने का निर्देश दिया गया है।
संभागायुक्त श्री जी.आर. चुरेन्द्र ने लॉक डाउन के दौरान मवेशियों को आने वाली दिक्कतों के संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है।
उन्होंने कहा है कि लाॅक डाउन के कारण शहरों एवं गांवों में चहल-पहल लगभग थम सा गया है। शहरों में होटल व अन्य भोजन/नाश्ता स्थल शत-प्रतिशत बंद हो गया है। शहरों में इन स्थानो पर शहर के मवेशियों को भोजन व पानी मिल जाया करता था तथा गांवों में ग्रामीणों की चहल-पहल वाले दिनचर्या के चलते इन्हें खाना पानी मिलता रहा है। इसी तरह नगरीय/शहरी क्षेत्रों में गाय, भैंस एवं अन्य पशुओं को पेयजल होटल, भोजन/नाश्ता के अन्य स्थान, दुकानदारों व मकान मालिकों से मिल जाया करता था, लेकिन शहर/नगर बंद होने से जनजीवन में चहल-पहल कम होने के कारण इन जानवरों को पानी की दिक्कत हो सकती है। अब गर्मी बढ़ने की आशंका है। अतः शहरी क्षेत्रों में मवेशियो, जानवरों की पेयजल व्यवस्था नगरीय निकायों के माध्यम से तथा नगरीय क्षेत्र के निवासिया के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए। शहर एवं गावों में मवेशियों को खाना लाॅकडाउन के दौरान सही ढंग से नही मिल रहा है, जिससे कुत्ते भूख से विचलित होकर गाय, बछड़ो को काटने दौड़ रहे हैं, यहाॅ तक कि आदमियों को काटने दौड़ा रहे हैं, इससे डॉग बाइट की घटनाओं में इजाफा हो सकता है। अतः ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में क्रमशः ग्राम पंचायतों व नगरीय निकायों या स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से उनकी भोजन व पेयजल का तत्काल प्रबंध किये जाने के निर्देश श्री चुरेन्द्र ने दिए हैं।
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लॉक डाउन की अवधि में निर्धारित तिथि में देना होगा
फैक्ट्री वर्कर को सैलरी, लॉक डाउन की अवधि में किराया
देने के लिए श्रमिकों को नहीं किया जा सकेगा विवश
दुर्ग। कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने हेतु प्रभावशील की गयी लाॅक डाउन की अवधि में फैक्ट्री, वाणिज्यिक संस्थान, दुकानों इत्यादि द्वारा नियोजित किए गए अकुशल, अर्द्ध कुशल एवं कुशल श्रमिकों को निर्धारित नियत तिथि में बिना किसी कटौती के पारिश्रमिकध्मानदेयध्वेतन का भुगतान तत्परता से नियोक्ता द्वारा किया जाएगा। यदि कोई श्रमिक (जिले के बाहर से आकर रह रहे श्रमिक सहित) किराये के मकान में निवासरत् है, तो मकान मालिक द्वारा न ही उस व्यक्ति को बेदखल करने की कार्यवाही की जाएगी और न ही लाॅक डाउन की अवधि में उसे इस अवधि के दौरान किराया भुगतान हेतु विवश किया जाएगा। उक्त आदेश का उल्लंघन दण्डनीय कृत्य होगा एवं आई.पी.सी. की धारा 188 सहित अन्य सुसंगत धाराओं के तहत् कार्यवाही की जा सकेगी।