दुर्ग में बेहतर प्रबंधन से कोरोना काल में हो रहा समस्याओं का त्वरित समाधान….
दुर्ग। कोरोना काल में भी बेहतर प्रबंधन की बदौलत जन समस्याओं का त्वरित समाधान कर दुर्ग नगर निगम ने एक मिसाल पेश की है। दुर्ग शहर विधायक श्री अरुण वोरा के मार्गदर्शन में महापौर श्री धीरज बाकलीवाल और नगर निगम अपनी टीम के साथ लगातार दुर्ग शहर के विभिन्न वार्डों का धुंआधार दौरा कर रहे हैं और समस्याओं के समाधान के लिए कारगर कदम उठा रहे हैं। छोटी-छोटी समस्याओं का तो मौके पर ही निराकरण किया जा रहा है। लॉकडाउन के चलते रोज कमाने-खाने वाले गरीब परिवारों के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई थी। उनके घरों तक अनाज, किराना सामान और हरी सब्जियों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। पका हुआ खाना भी वितरित कराया गया। बाहर से आने वाले श्रमिकों के लिए बनाए गए क्वारंटीन सेंटर का भी विधायक, महापौर लगातार अवलोकन कर रहे हैं और वहां रुके प्रवासी मजदूरों को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
नगर निगम का चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था का ही यह सुपरिणाम है कि जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार होने से दुर्ग के बाशिंदे बचे हुए हैं। लाकडाउन में नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं और सब्जियों की दिक्कत न हों इसके लिए सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए बाजार को सुव्यवस्थित किया गया है। नगर निगम का पूरा अमला इस काम में जुटा हुआ है जिसकी मानिटरिंग भी कर रहे हैं।
कोरोना सहित अन्य संक्रमण रोगों की रोकथाम के लिए नगर निगम ने शहर के सभी वार्डों युद्ध स्तर पर साफ-सफाई अभियान चलाया गया। शंकर नाला की भी पहली बार व्यापक स्तर पर सफाई कराई गई है। हर साल गर्मी के मौसम में दुर्ग शहर के अंधिकाश वार्डों में पेयजल और निस्तार की समस्या विकट हो जाती थी। टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति कराने के लिए पार्षदों की फिल्टर प्लांट में कतार लग जाया करती थी किंतु इस बार बेहतर प्रबंधन की बदौलत कहीं पेयजल संकट की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। सभी नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो रहा है। टैंकर से पेयजल आपूर्ति की जरुरत ही नहीं पड़ी है।
कोरोना काल में विधायक श्री अरुण वोरा, महापौर श्री धीरज बाकलीवाल सुबह से देर शाम तक शहर का भ्रमण करते हुए जन समस्याओं का जायजा लेते रहे हैं। समस्त पार्षद भी अपने-अपने वार्डों में सक्रिय हैं। यही वजह है कि साफ-सफाई और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए नागरिकों को तरसना नहीं पड़ रहा है। नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी पूरी मुस्तैदी से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। सभी के समवेत प्रयास की वजह से ही कोरोना के कहर से दुर्ग शहर बचा हुआ है।
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डीएमएफ की बैठक का आयोजन
दुर्ग। जिला खनिज संस्थान न्यास की शासी परिषद् की बैठक माननीय मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, माननीय मंत्री परिवहन आवास एवं पर्यावरण, वन, निधि एवं विधायी कार्य एवं विधायक कवर्धा एवं अध्यक्ष शासी परिषद्, जिला खनिज संस्थान न्यास, दुर्ग की अध्यक्षता में दिनांक 19 मई दिन मंगलवार को दोपहर 01ः00 बजे से दोपहर 02ः30 बजे तक, कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में विडियों कान्फ्रेंस के माध्यम से बैठक आयोजित की गई है।
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छत्तीसगढ़ के पारंपरिक घुरूवा को मिला विज्ञान का साथ जैविक डी -कंपोजर से घुरूवा का हो रहा उन्नयन, अब 30 से 40 दिनों में तैयार हो रही बढ़िया कम्पोस्ट खाद
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो डी-कंपोजर के इस्तमाल से जैविक खाद उत्पादन में आ सकती है क्रांति
इस विधि से अब तक 9 हजार से अधिक घुरूवा उन्नयन कार्य पूर्ण
जिले के 216 गौठानों में तैयार 786 नाडेप टैंकों में बन रही कम्पोस्ट खाद
दुर्ग। परंपरा को अगर विज्ञान का साथ मिल जाए तो सोने पे सुहागा ही समझिए। हमारे छत्तीसगढ़ में घुरूवा के माध्यम जैविक खाद तैयार करने की परंपरा रही है। अब इसी पारंपरिक घुरूवा को हम वैज्ञानिक विधि से उन्नत कर रहे हैं उन्नयन के बाद 30 से 40 दिनों में बढ़िया कम्पोस्ट खाद तैयार हो जाती है। हमारे गौठानों में कम्पोस्ट खाद के लिए नाडेप टैंक, वर्मी कम्पोस्ट टैंक तैयार किए जा रहे हैं। जिले के 216 गौठानों में 786 नाडेप टैंकों में भी कम्पोस्ट खाद बनाई जा रही है। इस कार्य में महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़कर उन्हें आय अर्जित करने के अवसर भी मिलने लगे हैं। अब तो खाद तैयार भी हो गई और महिलाओं ने बिक्री भी शुरू कर दी। पिछले दिनों ढ़ौर की महिलाओं ने उद्यानिकी विभाग को 1 टन कम्पोस्ट खाद बेचकर 10 हजार रुपए अर्जित किए।
इसके अलावा कृषकों के खेत, बाड़ी व उपयुक्त स्थलों पर नाडेप, भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट व बायोगैस प्लांट का निर्माण कृषक स्वयं के द्वारा मनरेगा और अन्य विभागीय योजनाओं के माध्यम से कर रहे हैं। कृषि विभाग के प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्तमान में किसानों के घुरूवा उन्नयन का कार्यक्रम वृहत पैमाने पर लिया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में घुरूवा उन्नयन हेतु 7980 का लक्ष्य मिला था जिसकी शत-प्रतिशत पूर्ति की गई है। इसी प्रकार चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 14716 लक्ष्य के विरूद्ध अद्यतन 1035 की पूर्ति कर दी गई एवं शेष लक्ष्य की पूर्ति हेतु कार्य जारी है। जिसका उपयोग किसान भाई अपने खेतों और बाड़ियों में कर रहे हैं। जैविक खाद के उत्पादन को लगातार प्रोत्साहित करने उन्नत घुरूवा का निर्माण किया जा रहा है।
जैविक खाद की बढ़ने लगी है मांग- राज्य सरकार द्वारा जैविक खेती को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है
गौठानों में बनी खाद का उपयोग खेतों और बाड़ियों में किया जा रहा है। मांग भी बढ़ रही है। हमारी परम्पराओं को सहेजने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सबल करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने नरवा गरूवा घुरूवा बाड़ी योजना शुरू की जिससे आज हम सुराजी गांव की अवधारणा को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। घुरूवा इस योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
कैसे होता है पारंपरिक घुरूवा से उन्नत घुरूवा का निर्माण-
वैज्ञानिक विधि में वेस्ट डी-कम्पोजर के उपयोग से घुरूवा का उन्नयन किया जाता है कम्पोस्ट खाद जो जैविक पदार्थों के अपघटन एवं पुनःचक्रण से प्राप्त की जाती है। यह जैविक खेती का मुख्य घटक है। कम्पोस्ट बनाने का सबसे सरल तरीका है। जैव पदार्थों (जैसे पत्तियाँ, बचा-खुचा खाना आदि) के विघटन हो जाने तक प्रतीक्षा करना ताकि ह्यूमस में बदल जाता है। घुरूवा उन्नयन में वेस्ट डी-कंपोजर का उपयोग करके गोबर तथा अन्य पशु अपशिष्ट, कचरे का विघटन के माध्यम से जैविक खाद के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। कचरा अपघटक को तकनीक की सहायता से खाद बनाने पर किसी भी मानक संरचना और आवश्यक पैरा मीटर के साथ उच्च गुणवत्ता वाली कम्पोस्ट का उत्पादन हो सकता है। वेस्ट डी-कम्पोजर के उपयोग से 30-40 दिवस के भीतर जैविक खाद उत्पाद तैयार किया जा सकता है।
वेस्ट डी-कम्पोजर क्या है-
एक प्रकार कार्बनिक पढ़ार्थ के अपघटक के सूक्ष्म जीव है जो जैविक खाद बनाने मे मदद करती है इसके उपयोग से बहुत कम समय मे जमीन की उर्वरक शक्ति को बढ़ाती हैं, वेस्ट डी-कम्पोजर देसी गाय के गोबर से निकला गया सूक्ष्म जीवों का संघ है जिसमे सभी प्रकार के कार्बनिक पदार्थो के अपघटक सूक्ष्म जीव सम्मिलित होते है. इसकी 30 ग्राम की बोतल होती है व कीमत 20/- रु. प्रति बोतल है। एक प्रकार कार्बनिक पढ़ार्थ के अपघटक के सूक्ष्म जीव है जो जैविक खाद बनाने मे मदद करती है इसके उपयोग से बहुत कम समय मे जमीन की उर्वरक शक्ति को बढ़ाती हैं।
डी-कंपोजर के इस्तेमाल के फायदे –
आज के दौर में सरकार के प्रयासों ,किसानों की जागरूकता से जैविक कृषि का क्षेत्रफल बढा है। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता बढ़ी है। मगर जैविक खाद निर्माण में छोटी सी दिक्कत ये है कि इसमें जीवांश्मो को सड़ाने गलाने में समस्याए होती है। इसके लिए डी-कंपोजर का उपयोग बहुत कारगर साबित हुआ है। डी-कंपोजर 40 दिनों में कृषि अपशिष्ट, पशु अपशिष्ट, रसोई अपशिष्ट, शहर के अपशिष्ट जैसे सभी जैव अपघटन योग्य सामग्री को अपघटित कर अच्छी खाद का निर्माण कर देता है। परम्परागत विधियों से तुलना करें तो यह खाद बनाने की अब तक की सबसे तीव्र विधि है । जिससे जैविक खेती का रकबा बढ़ाने के कार्य को अधिक गति मिल सकती है। अपशिष्ट डी-कंम्पोजर को पर्णीय छिडकाव के रूप में भी उपयोग लिया जा सकता है जो विभिन्न फसलों में विभिन्न प्रकार की जीवाणु, फफूंद और विषाणु जनित बीमारियों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है, किसान रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग किए बिना वेस्ट डी-कंपोजर के उपयोग से जैविक खेती कर सकते हैं। जल धारण क्षमता भी विकसित होती है।इस तहर खाद उत्पादन भी बढ़ेगा ग्रामीणों की आमदनी भी बढ़ेगी।
किसान कम्पोस्ट खाद बनाने डी-कम्पोजर घोल कैसे बनाएं
ड्रम या टंकी मे 200 ली. पानी लेकर उसमे 2 किलो गुड डालकर अच्छे से मिलाएँ वेस्ट डी कंपोजर 200 ग्राम का एक डिब्बा पूरा इस ड्रम या टंकी मे डाल दे और अच्छे से मिलाएँ, (ध्यान रखे की इस दवा को सीधे हाथ के संपर्क मे न आए) लकड़ी के सहायता से मिलाएँ, अब इसे अच्छी तरह से लकड़ी से मिलाएँ और ड्रम या टंकी को पेपर की सहायता से ढँककर छोड़ दें, 7 दिवस के भीतर घोल तैयार हो जाएगा। अब इस घोल का छिड़काव कर 30-40 दिवस के भीतर कम्पोस्ट खाद उत्पादन किया जा सकता है।
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संपत्तिकर एवं विवरणी जमा करने की अंतिम तिथि अब होगी 31 मई
दुर्ग। संपत्तिकर एवं विवरणी जमा करने की अंतिम तिथि में एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है अब यह तिथि 31 मई हो गई है जिससे करदाताओं को राहत मिलेगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय से आदेश जारी होने के बाद संपत्तिकर तथा विवरणी जमा करने की अंतिम तिथि में 15 दिवस की विशेष छूट प्रदान की गई है और अब यह तिथि 31 मई 2020 हो गई है। तिथि बढ़ने के बाद से ही निगम मुख्यालय में टैक्स जमा करने वाले आकर इसका लाभ उठा रहे हैं। आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने स्पैरो सॉफ्ट. लिमिटेड भिलाई को टैक्स वसूली में 15 दिवस की छूट से संबंधित आदेश जारी कर दिया है। वर्ष 2019-20 के कर दाता अपना संपत्तिकर 31 मई 2020 तक जमा कर सकते हैं जिनको कोई अधिभार नहीं देना पड़ेगा। निगम मुख्यालय में संपत्ति कर जमा करने आने वाले करदाताओं के लिए सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने की कयावद की जा रही है। निगम मुख्यालय के अतिरिक्त जोन कार्यालयों में भी संपत्तिकर जमा किए जा सकते हैं इसके लिए स्पैरो सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड ने जोन कार्यालयों में व्यवस्था की हुई है। टैक्स जमा करने वाले करदाता ूूूण्बहेनकंण्बवउ में ऑनलाइन पेमेंट को क्लिक करके भिलाई मुंसिपल कारपोरेशन का चयन कर सकते हैं इसके उपरांत वार्ड एवं अपना आईडी नंबर डालकर डेबिट, क्रेडिट एवं नेट बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता है। इस वेबसाइट पर टैक्स की वर्षवार जानकारी भी देख सकते हैं। ऑनलाइन में किसी प्रकार की समस्या होने पर हेल्पलाइन नंबर 18001216505 पर संपर्क कर सकते हैं। स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड भिलाई द्वारा डोर टू डोर जाकर टैक्स कलेक्शन किया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 का संपत्तिकर 31 मई 2020 तक जमा करने वालों को टैक्स में 6.25 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है जिसका लाभ कई करदाता उठा रहे हैं। करदाताओं को सोशल डिस्टेंस मेंटेन कराने के लिए पूर्व वाहन शाखा के समीप कक्ष में पृथक से काउंटर खोला गया है दो अलग काउंटर होने से आसानी से बिना भीड़ के कर जमा किया जा सकता है।
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सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने वालों पर निगम की टीम ने की कार्यवाही, लाॅकडाउन में नियमों का उल्लंघन करने वाले 57 लोगों से 6550 रुपए वसूला गया जुर्माना
दुर्ग। कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के तहत घर से बाहर निकलने वाले सभी व्यक्तियों मास्क लगाना तथा सोशल डिस्टेंस का पालन किया जाना है। लाकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ निगम प्रशासन सख्त कार्यवाही कर रहा है। निगम के सभी जोनों के राजस्व विभाग की टीम सार्वजनिक स्थान पर थूकने व मास्क पहने बिना निकलने वाले तथा सोशल डिस्टेंस मेंटेन नहीं करने वाले व्यक्तियों पर अर्थदंड की कार्यवाही कर रही है। निगम की टीम बाजार क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र एवं दुकानों का निरीक्षण कर रहे और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही कर रहे है। दो दिनों में निगम के विभिन्न क्षेत्रों में 57 लोगों से 6550 रुपए अर्थदंड वसूला गया। जोन क्रं. 01 के नेहरू नगर क्षेत्र में 04 लोगों से 700 रुपए, जोन क्रं. 02 वैशालीनगर में 32 लोगों से 2750 रुपए, जोन क्रं. 03 मदरटेरेसा नगर क्षेत्र में 04 लोगों से 400 रुपए, जोन क्रं. 04 शिवाजी नगर क्षेत्र में 10 लोगों से 1100 रुपए तथा जोन क्रं. 05 में 07 लोगों से 1400 रूपए अर्थदंड वसूली की गई।
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आगामी वर्षा ऋतु एवं जलभराव की स्थिति को देखते हुए, वर्षों से जमा हुए नालियों से मलबा हटाकर की जा रहा है सफाई
दुर्ग। नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत नेहरू नगर चैक से केपीएस चैक तक लगभग 1000 मीटर नाली की सफाई मलबे को हटाकर की जा रही है। जोन आयुक्त अमिताभ शर्मा ने बताया कि विगत कई वर्षों से नेहरू नगर चैक से लेकर केपीएस चैक तक नाली से मलबा नहीं निकाला गया था, नाली से सटकर दुकान एवं घर बनाने के कारण नाली पूरी तरह मलबा से पट गया था। अभी हाल में हुई बारिश के दौरान जलभराव होने की स्थिति और पानी निकासी नहीं होने का जायजा क्षेत्र भ्रमण करते हुए लिया गया जिस पर नाली निर्माण की कार्यवाही की जा रही है। पिछले 2 दिनों में खुदाई करते हुए लगभग 230 मीटर लंबाई से मलबा निकालकर नाली का स्वरूप दिया जा चुका है ताकि आने वाले बारिश के दिनों में इस नाली से जल प्रवाह निरंतर हो सके और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति न बने। जोन आयुक्त ने निरीक्षण के दौरान यह देखा कि नेहरू नगर चैक से केपीएस चैक तक की नाली का स्वरूप ही नहीं है, नाली ही दिखाई प्रतीत नहीं हो रही है, जिससे जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने तत्काल पूरे मलबे को हटाकर नाली तैयार करने के निर्देश दिए! इस कार्य में 12 से 15 कर्मचारी कार्यरत है। घड़ी चैक से लेकर लक्ष्मी मार्केट एवं अग्रसेन चैक से लेकर शासकीय स्कूल मार्ग के नाली की भी इसी प्रकार से स्थिति थी जिसे नाली का स्वरूप दिया गया है।
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अधिक कीमत में नमक विक्रय पर लगातार कार्रवाई जारी
दुर्ग। जिले में नमक की कृत्रिम कमी के संबंध में हो रही अफवाहों के तारतम्य में प्राप्त हो रही शिकायतों पर खाद्य विभाग, नगरीय निकाय, एवं नाप तौल विभाग के मैदानी अमलों द्वारा दिनांक 15 मई 2020 को 11 प्रतिष्ठानों की जांच की गई, जिसमें अधिक कीमत में नमक विक्रय करते पाये जाने के फलस्वरूप विकास ट्रेडर्स इंदिरा मार्केट 2000 रु., प्रसिद्धि ट्रेडर्स गंजपारा 15000 रु., चांदमल ट्रेडर्स गंजपारा 5000 रु., बालाजी साल्ट गंजपारा 30000 रु., नागर इंटरप्राईजेस लिंक रोड भिलाई 10000 रु., इसके अतिरिक्त नैना ट्रेडर्स लिंक रोड, अग्रवाल ट्रेडर्स, बालाजी ट्रेडर्स लिंक रोड, खूबचंद मेघवानी भिलाई -3, तोतामल जेठामल भिलाई-3 की भी जांच की गई। इनमें नमक विक्रय के संबंध में अनियमितता नहीं पाई गई। खाद्य नियंत्रक ने जिले वासियों से नमक की कमी की अफवाहों पर ध्यान न देकर आवश्यकतानुसार नमक क्रय करने की समझाईश दी है कि खुले बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। नमक व्यवसाय को लेकर स्थिति सामान्य है, किन्तु नमक के अवैध विक्रय को लेकर जांच नियमित रूप से जारी रहेगी।