त्रिलोक महावर का शब्दों से परे कविता संग्रह का लोकार्पण 29 को
बिलासपुर। जगदलपुर में जन्मे और पढ़े लिखे सुपरिचित कवि त्रिलोक महावर की कविता संग्रह शब्दों से परे का लोकार्पण 29 अपै्रल 2018 को प्रार्थना भवन, जल संसाधन परिसर, बिलासपुर में संपन्न होगा। इस समारोह में प्रदेश एवं देश के कई जाने-माने साहित्यकार शिरकत करेंगे। लोकार्पण के उपरांत आमंत्रित कवियों द्वारा कविता पाठ किया जाएगा।30 अपै्रल 2018 को आज के समय में कविता विषय पर परिचर्चा भी रखी गयी है।
लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता भोपाल के वरिष्ठ साहित्यकार शशांक करेंगे तथा मुख्य अतिथि रायपुर के प्रसिद्ध साहित्यकार तजिन्दर होंगे। विशेष रूप से आमंत्रित भालचंद जोशी, खगौन, राम कुमार तिवारी, बिलासपुर एवं सुधीर सक्सेना, नई दिल्ली आलेख पढेंग़े। इसके पूर्व महावर के 04 कविता संग्रह-विस्मत न होना, नदी के लिए सोचो, इतना ही नमक एवं हिज्जे सुधारता है चाँद प्रकाशित हो चुके है। उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय स्मृति, आराधक श्री सम्मान नई दिल्ली, अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति सम्मान व पंजाब कला साहित्य अकादमी सम्मान से नवाजा जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि त्रिलोक महावर शासकीय महाविद्यालय धरमपुरा जगदलपुर में अध्यापान भी कर चुके हैं। वर्तमान में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में बिलासपुर संभाग बिलासपुर में संभाग आयुक्त हैं। उन्होंने ड्यूक यूनिवर्सिटी, अमेरिका एवं सांस पो, पेरिस फ्रांस में प्रशासनिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वे धमतरी, जांजगीर-चांपा व मुंगेली जिले के कलेक्टर भी रह चुके हैं।
यहां विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि महावर जगदलपुर में जन्में और पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने लम्बे समय तक जगदलपुर के आकाशावाणी सहित प्रदेश के विभिन्न दूरदर्शन और आकाशवाणी केन्द्रों में भी अपनी रचनाओं के माध्यम से सेवाएं दी हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी महावर पर्यावरण, जनजातीय, बाल साहित्य, कहानी, कविता एवं लघु कथा का चित्रात्मक पोस्टर जैसे विधाओं में विशेष रूचि रखते हैं। वे क्रिकेट, टेबल टेनिस, बेडमिंटन के अच्छे खिलाड़ी भी हैं। वे 1980 से 84 तक रोटरेक्टर क्लब के अध्यक्ष रहे। तरूण साहित्य समिति के सचिव, नव आयाम साहित्यिक व सांस्कृतिक मंच तथा बस्तर प्रकृति बचाओं समिति बेसकान के संस्थापक सदस्य व पदाधिकारी के रूप में अंचल के समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में जुड़े रहे। उन्होंने जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य किया।
श्री महावर के कविता संग्रह-शब्दों से परे के लोकार्पण पर आयोजित दो दिवसीय समारोह में देश भर से ख्यातनाम साहित्यकारों में दिल्ली से हरिनारायण, भोपाल से महेन्द्र गगन,सरगुजा से विजय गुप्त, खण्डवा से कैलाश मण्डलेकर, के अलावा रायपुर से संजीव बख्शी, डॉ. संजय अलग व रमेश अनुपम, जगदलपुर से विजय सिंह, बिलासपुर से सतीश जायसवाल,नथमल शर्मा, विश्वेश ठाकरे, रफीक खान, शाकिर अली, जांजगीर से सतीश सिंह, विजय राठौर, कोरबा से भास्कर चौधरी, सरगुजा से विजय गुप्त जैसे जाने-माने साहित्यकार जुट रहे हैं। यह आयोजन पहले-पहल प्रकाशन भोपाल एवं कथादेश दिल्ली की ओर से आयोजित किया जा रहा है।