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छत्तीसगढ़

कांग्रेस सरकार को बदनाम करने ईडी साजिश रच रही

यह साबित हो गया ईडी भाजपा की मोर्चा संगठन बन गयी है : कांग्रेस

नोएडा थाने में ई.डी. द्वारा लिखाई गई एफ.आई.आर. भाजपा के राज्य सरकार को बदनाम करने के षड्यंत्र का भाग

       रायपुर। पिछले लगभग एक साल से भाजपा द्वारा राज्य सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से इनकम टैक्स तथा ई.डी. का दुरुपयोग किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी अपने संवैधानिक दायरों से बाहर जाकर कार्यवाही कर रही है। ईडी की कार्यवाही करने के तरीके और कार्यप्रणाली बता रही है कि वह भाजपा के राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये तथा कांग्रेस सरकार के खिलाफ झूठ फैलाने के उद्देश्य से कार्यवाहियां की जा रही अधिकार का। ईडी अपने अधिकारों से बाहर काल्पनिक और मनगढ़त आरोपों के आधार पर कार्यवाही कर रही है। ईडी की असंवैधानिक कार्यवाही अदालत में नहीं टिकने वाली उसका उद्देश्य 2023 के विधानसभा चुनाव में सरकार की छवि खराब करना है।

       ईडी द्वारा कथित शराब घोटाला 2100 करोड़ का बताया गया। चूंकि यह आरोप कल्पना पर आधारित एवं गवाहों को विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित करके पूर्व से ही टाइप किये गये ब्यानों पर हस्ताक्षर कराने के षड्यंत्र पर आधारित था। इसलिये अभी तक 2100 करोड़ में से ई.डी. द्वारा किसी प्रकार की अवैध संपत्ति का पता नहीं लगाया जा सका है। कुछ व्यक्तियों की वैद्य स्त्रोतों से अर्जित संपत्ति, वह भी 200 करोड़ से कम है, को अटैच कर 2100 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाये जाने मात्र से ही ई.डी. एवं भाजपा का षड्यंत्र प्रमाणित हो जाता है।

       ई.डी. द्वारा काल्पनिक शराब घोटाले में सरकार को बदनाम करने के षड्यंत्र में पूरी तरह से विफल रहने के बाद अब भाजपा के इशारे पर नोएडा पुलिस में एक गैरकानूनी एफ.आई.आर. दर्ज की गयी है। देश के इतिहास का संभवतः यह पहला अनोखा प्रकरण होगा जिसमें ई.डी. अधिकारियों द्वारा किसी पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करायी होगी। कानूनी प्रावधान तो यह है कि ई.डी. की कार्यवाही स्वयं किसी अन्य एजेंसी द्वारा एफ.आई.आर लिखे जाने के बाद ही आरंभ हो सकती है। फिर छत्तीसगढ़ में उल्टी गंगा क्यों बहायी जा रही है?

       ई.डी. की संपूर्ण जांच में यह उल्लेख नहीं है कि होलोग्राम टेंडर में अपनायी गयी पूर्णतः पारदर्शी प्रणाली में क्या कमियां थी? ई.डी. अधिकारियों द्वारा न तो शासन के किसी अधिकारी से टेंडर प्रक्रिया की जानकारी ली और न ही टेंडर कमेटी के सदस्यों से किसी प्रकार की कोई जानकारी लेने का प्रयास था। यह इसलिये नहीं किया गया क्योंकि ई.डी. को यह जानकारी थी कि यदि होलोग्राम आपूर्ति के टेंडर की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी प्राप्त की जाती तो यह स्पष्ट हो जाता कि होलोग्राम आपूर्ति के टेंडर में पूर्ण पारदर्शिता बरती गयी थी, जिससे ई.डी. की झूठी कहानी बनती ही नहीं। होलोग्राम क्रय समिति में आबकारी विभाग के अधिकारियों के अलावा एन.आई.टी. के दो प्रोफेसर एन.आई.सी. के प्रतिनिधि एवं वित्त विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। होलोग्राम आपूर्ति की निविदा को विभिन्न चरणों में विस्तृत परीक्षणोंपरान्त ही अंतिम रूप दिया गया था। निविदा समिति का कार्यवाही विवरण संलग्न है।

       ई.डी. द्वारा विशेष न्यायालय रायपुर के समक्ष प्राप्त प्रकरण में यह बताया गया है कि राज्य में अप्रैल 2019 से नकली होलोग्राम की सप्लाई तथा बिना ड्यूटी पटाये शराब की बिक्री आरंभ हुई थी। ई.डी. को इतना बड़ा झूठ बोलते समय यह भी ध्यान नहीं आया कि कथित रूप से नकली होलोग्राम सप्लाई करने वाली नोयडा की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी एण्ड सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विधु गुप्ता द्वारा राज्य में अक्टूबर 2019 के बाद होलोग्राम सप्लाई का कार्य आरंभ किया गया था।

       ई.डी. की फर्जी कहानी एवं अवैधानिक रूप से एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही में एक अन्य गंभीर त्रुटियां यह है कि विधु गुप्ता 80 करोड़ नकली होलोग्राम डिस्टलरों को सप्लाई कर रहा है। डिस्टलर उस नकली होलोग्राम को शराब की बोतलों में लगाकर उसका विक्रय कर रहे हैं। होलोग्राम प्रदायक एवं डिस्टलरी के मालिक इस कथित अवैधानिक कार्यवाही से सर्वाधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं किंतु यह दोनों पक्ष गवाह हैं। होलोग्राम सप्लायर तथा डिस्टलरों की कोई अचल संपत्ति अटैच नहीं की जाती, उनके बैंक खाते सील नहीं किये जाते, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा के उच्च स्तरीय राजनीतिक षड्यंत्र के अंतर्गत ही उन्हें यह आश्वासन दिया गया था कि वे ई.डी. की झूठी कहानी एवं पूर्व से तैयार किये गये ब्यानों पर हस्ताक्षर करें तो उन्हें प्रकरण में गवाह बना लिया जायेगा अन्यथा उन्हें झूठे प्रकरण में फंसा कर जेल भेज दिया जायेगा। यह बात इस तथ्य से भी प्रमाणित होती है कि शराब कारोबारियों के यहां फरवरी 2020 में आयकर विभाग द्वारा मारे गये छापों के बाद आयकर अधिकारी के समक्ष हुये शपथपूर्वक ब्यानों में डिस्टलरों एवं विधु गुप्ता ने राज्य में अवैध शराब के विक्रय से स्पष्ट इंकार किया था। आयकर अधिकारियों के समक्ष हुये ब्यानों की प्रतियां संलग्न है।

       भाजपा में जरा भी नैतिक साहस है तो कांग्रेस के आरोपों का बिंदुवार तथ्यात्मक खंडन करें अन्यथा राज्य की जनता से माफी मांगना चाहिये। राज्य की जनता उन्हें पहले ही ठुकराने का निर्णय ले चुकी थी किंतु ई.डी. के दुरुपयोग के भाजपा के षड्यंत्र से जनता पूरी तरह वाकिफ है जिससे आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य से भाजपा का सफाया होना निश्चित है।

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