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छत्तीसगढ़

शैक्षणिक संस्थाओं में 58 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का मंत्रिमंडल का निर्णय स्वागतेष

भाजपा के षड़यंत्रों के कारण 76 प्रतिशत आरक्षण राजभवन में अटका है

       रायपुर। राज्य मंत्रिमंडल द्वारा सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के अनुसार शैक्षणिक संस्थाओं में 58 प्रतिशत आरक्षण लागू किये जाने के निर्णय का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने स्वागत करते हुये कहा कि कांग्रेस सरकार तो राज्य के आरक्षित वर्ग के लोगों को 76 प्रतिशत आरक्षण देना चाहती है इस हेतु भूपेश सरकार ने विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित करवा कर राजभवन भेजा है। भारतीय जनता पार्टी के षड़यंत्रों के कारण आरक्षित वर्गो को अधिकार पिछले 8 माह से राजभवन में लंबित है। राजभवन से हस्ताक्षर नहीं होने के कारण प्रदेश में 76 प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं हो पा रहा है।

       दीपक बैज ने कहा कि भाजपा और संघ के राष्ट्रीय नेता तथा राज्य के नेता एक राय होकर सर्व समाज के आरक्षण को राजभवन में रोकवा कर रखे हुये है। आरक्षण बढ़ाने संबंधी विधेयक जब कर्नाटक विधानसभा में पारित होता है तब वहां पर राज्यपाल हस्ताक्षर करते है जब वैसा ही आरक्षण विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा और झारखंड विधानसभा में पारित किया जाता है तो राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करती है। कर्नाटक में भाजपा सरकार ने विधेयक बनाया श्रेय आपकी पार्टी (भाजपा) को मिलेगा तो वहां ठीक छत्तीसगढ़, झारखंड में कांग्रेस की सरकार है वहां विरोध कर रहे।

       सरकार ने सभी संवैधानिक पहलुओं की पड़ताल करके उसका तथ्यात्मक निराकरण करके आरक्षण संशोधन विधेयक बनाया है। जिसे विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस पर राज्यपाल को अविलंब हस्ताक्षर करना चाहिये। अनावश्यक विलंब करने से हर वर्ग को नुकसान हो रहा सभी के हित में यह जरूरी है कि राजभवन विधेयक पर तत्काल निर्णय ले। कांग्रेस सरकार ने वर्तमान विधेयक को बनाने के ठोस आधारों का अध्ययन किया है। कांग्रेस ने सर्व समाज को आरक्षण देने अपना काम पूरी ईमानदारी से करके सभी वर्गो के लिये आरक्षण का प्रावधान किया है। अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति को उनकी जनगणना के आधार पर तथा पिछड़ा वर्ग को क्वांटी फायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया। इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिये 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिये 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगो को भी 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। 76 प्रतिशत का आरक्षण सभी वर्गो की आबादी के अनुसार निर्णय लिया है। यह विधेयक यदि कानून का रूप लेगा तो हर वर्ग के लोग संतुष्ट होंगे। सभी वंचित वर्ग के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने सामाजिक न्याय को लागू करने यह विधेयक बनाया गया है। इस विधेयक को विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया है इसको रोकना जनमत का अपमान है।

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