भाजपा की परिवर्तन यात्रा बेरौनक, कुर्सियां खाली, पंडाल में पसरा सन्नाटा
भाजपाइयों के मन में छत्तीसगढ़िया प्रथा, परंपरा, खानपान, रीति रिवाज और तीज त्योहारों से इतनी नफ़रत क्यों है?
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के परिवर्तन यात्रा पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रियों और राष्ट्रीय पदाधिकारियों के सहारे निकल गई भाजपा की चुनावी यात्रा विगत 13 दिनों से भीड़ के लिए तरस रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव, केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप, सांसद चुन्नी लाल और पूर्व सांसद चंदूलाल की कल गरियाबंद की सभा में तो हालत यह थी कि गांधी चौक का मैदान 10 प्रतिशत भी नहीं भर पाया, जो कुर्सियां लगाई गई थी वह भी खाली रह गई। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी अब मान चुका है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश पर भरोसे की सरकार का परिवर्तन नामुमकिन है, और यही कारण है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार दो-दो बार अपना दौरा निरस्त कर दिया। जनता के बीच लगातार नाकारे जाने से भाजपा नेता हताशा और निराशा के दौर से गुजर रहे हैं, इसी के चलते गरियाबंद की सभा में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव छत्तीसगढ़ की जनता और छत्तीसगढ़ की संस्कृति का अपमान कर गए। अरुण साव ने भरी सभा में कहा कि बोरेबासी वाली सरकार को बदलना है, भौरा, बाटी खेलने, गेड़ी चढ़ने वाली सरकार को बदलना है। सार्वजनिक मंच पर इनके वक्तव्यों से यह प्रमाणित होता है कि 15 साल छत्तीसगढ़िया जनता और छत्तीसगढ़ी संस्कृति को हिकारत भरी नजरों से देखने वाले भाजपाइयों के मन में आज भी छत्तीसगढ़िया जनता, छत्तीसगढ़ी प्रथा, परंपरा, खानपान, रीति रिवाज, और तीज त्यौहार के प्रति कितनी नफरत है।
वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि आज सरसीवा में भीड़ और स्वीकार्यता को तरसती भाजपाईयों के राजनैतिक स्वार्थ की परिवर्तन यात्रा में केंद्रीय मंत्री बी एल वर्मा और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल की उपस्थिति आज फिर से केवल झूठ ही परोसा गया। प्रदेश के कृषि मंत्री रहते कृषि उपकरणों की सब्सिडी में कमीशनखोरी के लिए काउंटर तय करने वाले, जलकी में किसानों के खेतों की सिंचाई के लिये बनाये गये बांध पर कब्जा करने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने किसनहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तथ्यहीन आरोप लगाए। बृजमोहन अग्रवाल ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़िया के बात करैया, छत्तीसगढ़िया के नाम से सरकार चलैया भूपेश सरकार ला बदलना हे। छत्तीसगढ़ की जनता ने प्रतापगढ़िया, सुपर सीएम और रतलामियों के प्रशासनिक आतंकवाद को भी भोगा है, जब अब छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और आत्मसम्मान जगा है तो भाजपायों को पीड़ा होना स्वाभाविक है। दरअसल भाजपाइयों तक भी यह संकेत स्पष्ट है की आम जनता के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के पर्याय बन चुके भूपेश पर भरोसे की सरकार का कोई विकल्प छत्तीसगढ़ में नहीं है।