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छत्तीसगढ़

भाजपा नेताओं को झूठ बोलने की बीमारी

पीएससी मामले में ओपी चौधरी तथ्यात्मक शिकायत करने से क्यों डर रहे हैं

       रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने ओपी चौधरी को चुनौती देते हुए कहा कि उनके पास पीएससी में गड़बड़ियों की तथ्यात्मक जानकारी है तो सीधा शिकायत दर्ज कराये अन्यथा पीएससी के खिलाफ ओछी राजनीति के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगे। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में मुद्दों के दिवालियापन के दौर से गुजर रही है इसलिए पीएससी,शिक्षक भर्ती,वन विभाग में भर्ती के साथ सरकारी विभाग में हो रही भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ झूठा और दुष्प्रचार  की राजनीति कर रही है।

       वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि किसी भी परीक्षा या सरकारी नौकरी में राजनेता या अधिकारियों के पुत्र पुत्री का चयन होने को भारतीय जनता पार्टी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी  मानती है। तो भाजपा के नेता बताये 2019 के यूपीएससी की परीक्षा में लोकसभा  अध्यक्ष की पुत्री के चयन  होना योग्यता है या धांधली? 2022-23 के यूपीएससी की परीक्षा में भाजपा और संघ के कई नेताओं के पुत्र पुत्री का चयन हुआ है कई अधिकारियों के बच्चों का चयन हुआ है तो क्या बीजेपी इन सभी चयनित बच्चो के खिलाफ नरेंद्र मोदी से जांच करवाएंगे या पीएससी में चयनित के बच्चों के खिलाफ ही दुष्प्रचार करेंगे?

       भाजपा नेताओं को झूठ बोलने बीमारी है।इस बीमारी से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से लेकर वार्ड स्तर के नेता ग्रसित हैं।पीएससी मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गड़बड़ियों की तथ्यात्मक शिकायत मिलने पर जांच करने और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन  दिये हैं। ऐसे में ओपी चौधरी और भाजपा नेताओं के द्वारा पीएससी में गड़बड़ियों की तथ्यतात्मक शिकायत करने से भागना और सिर्फ बयानबाजी करना इस बात का प्रमाण है की भाजपा पीएससी मामले में सिर्फ राजनीति कर रही है। इनके पास कोई तथ्यात्मक प्रमाण गड़बड़ी के नही है सिर्फ जमाजुबानी खर्चा ही हैं।

       पूरा प्रदेश ने देखा है कि रमन भाजपा के 15 साल में पीएससी की परीक्षाओं में कितनी गड़बड़ियां होती थी कई दफा पीएससी की परीक्षाएं रद्द हुई है वर्षा डोंगरे के पक्ष में हाईकोर्ट ने फैसला दिया था उसे फैसले को भी रमन सरकार ने स्वीकार नहीं किया था। पीएससी ही नहीं रमन सरकार के दौरान सभी सरकारी विभागों में कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार का काला खेल खेला जाता था। अब पारदर्शी तरीके से सभी सरकारी पदों पर भर्ती हो रही है तो कमीशनखोरी भ्रष्टाचार की गंदी मानसिकता से ग्रसित भाजपा के नेता झूठे आरोप लगाकर चयनित बच्चों की योग्यता पर सवाल उठा रहे हैं।

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