R.O. No. :
विविध ख़बरें

सरकार की सोच सामंती : सांवला राम डाहरे

       भिलाई। गोधन योजना छत्तीसगढ़िया मन ला बनाही गोबर बिनईया अऊ छेना धोपईया छत्तीसगढ़ सरकार 21वी शताब्दी टेक्नोलॉजी के योग में गोधन योजना लाकर छत्तीसगढ़िया गरीब, निर्धन, दलित, शोषित और पीड़ितों को गोबर बिनेंगे और 2 रुपये किलो में बेचने का रोजगार दिया है। अब इनके बच्चे आधा दिन गोबर बिनेंगे और आधा दिन पढ़ने जायेंगे। सरकार की इस सामंती सोच ने छत्तीसगढ़ियो को गोबर बिनईया और छेना थोपईया बनाने जा रही है। अब सरकार गरीबों को रोजगार देने का दंभ भरेगी| सरकार नही चाहती की गरीबों के बच्चे पढ़ लिख कर ऑफिसर बने। वो चाहती है गरीबी के दलदल में जन्मे गोबर और छेना के बीच जिंदगी जियें क्योंकी गोबर बीनने का कम गरीबों के बच्चें ही करेंगे कोई आमिर दाऊ या राजा के बच्चे नहीं। यह योजना गरीबों की मानसिकता को कुंठित कर उन्हें पंगु बनने वाली योजना है। गरीब पढ़ लिख कर समाज में सम्मानित जिंदगी जीने का प्रयास कर रहे थे। अब सामंती चारित्र की खोख से जन्में यह योजना छत्तीसगढ़िया गरीबों को गोबर और छेना के दलदल में धकेल रही है। सरकार गोबर का व्यवसाय कर राजस्व बढ़ाना चाहती है तो प्रत्येक गाँव में कर्मचारी रखे गोबर एकत्र करवाए और जैसे शराब बेच रही है वैसे गोबर के पैसे से सरकार चलायें।

Related Articles

Back to top button