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पहले तो भाजपा वालों के लिये महंगाई डायन थी अब महंगाई डायन मौसी कैसे हो गई? : वंदना राजपूत
ढुलाई महंगी होने से सब्जियों के दाम एवं रोजमर्रा के वस्तुओं के मूल्यों में बेताहाशा वृद्धि होना केंद्र सरकार के नाकामी का जीता जागता सबूत है
रायपुर। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के कारण आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ रहे है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी होने से आम आदमी पहले से ही बहुत परेशान है, वही केंद्र सरकार के गलत नीतियों के कारण डीजल- पेट्रोल के दाम बढ़ने से देश में और ज्यादा महंगाई बढ़ गई है। माल ढुलाई महंगी होने से सब्जियाँ एवं रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं के मूल्यों में बेताहाशा वृद्धि होने से हर व्यक्ति खून के आंसू रो रहा है। बाजार में आ रही हरी सब्जियों के बढ़ते दाम, किचन का बजट बिगाड़ रहे हैं। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। वहीं बढ़ती हुई महंगाई पर जनता समझ नहीं पा रही है कि कैसे अपने परिवार का पालन पोषण करे।
वंदना राजपूत ने कहा कि बढ़ती महंगाई घटते रोजगार आर्थिक सुस्ती कैसे दूर करेगी मोदी सरकार? देश में महंगाई बढ़ रही है और रोजगार घट रहा है महंगाई और बेरोजगारी रिकॉर्ड बना रहे है केंद्र सरकार के गलत नीति के कारण कोरोना के इस दौर में हर कोई परेशान है। बढ़ती महंगाई आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही है। मोदी जी महंगाई कम करने के बड़े-बड़े दावे करते थे। अब जब केंद्र में मोदी की सरकार है तो मोदी जी इस बढ़ती हुई महंगाई पर ना कुछ बोलते है और ना ही महंगाई कम करने के लिये आवश्यक कदम उठाते है। केंद्र सरकार गरीब जनता की समस्याओं की ओर ध्यान देने के बजाय प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम करते हैं। सुरषा के मुख की तरह महंगाई बढ़ती जा रही है। महंगाई का इस प्रकार वृद्धि होना चिंता का विषय है।
केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, राज्य सभा सांसद सरोज पांडे एवं अन्य भाजपा नेत्रियों को महिलाओं के हित की यदि चिंता है तो नरेन्द्र मोदी को उसका वादा याद दिलाने चिट्ठी पत्री प्रेषित्र कर मोदी जी को बताये कि मोदी जी आपका नारा था बहुत हुआ महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार। अब जब केंद्र में है मोदी की सरकार है तो क्यों झेल रहे है जनता महंगाई की मार? सरोज दीदी महिलाओं के हित के लिए मोदी जी से महंगाई कम करवाने के लिए बात क्यो नही करती? यूपीए की सरकार के समय जब थोड़ा भी महंगाई बढ़ती थी तो सरोज दीदी और भाजपा को महंगाई डायन लगती थी, अब भाजपा की महंगाई डायन मौसी कैसे हो गई?