मौत के बाद भी सबक न लेने का खेल खेल रहा बीएसपी, जान हथेली पर लेकर चलते रहिए…
- एक और कर्मी चढ़ गया प्रबंधन के गैर जिम्मेदाराना रवैये की भेंट।
- प्रबंधन की लापरवाही और यूनियनों की निष्क्रियता से हुई एक और मौत।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 13 अगस्त की रात्रि लगभग 10 बजकर 7 मिनट पर भिलाई स्टील प्लांट मेन गेट (Bhilai Steel Plant Main Gate) के सामने एसएस शॉप (SS Shop) के कर्मचारी रामजीत सिंह सड़क दुर्घटना में जख्मी हुए। रातभर इलाज चलता रहा, सुबह मौत हो गई। मौत ने आखिरकार कइयों की पोल और लापरवाही को उजागर कर दिया है।
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अंदरूनी गंभीर चोट लगी थी। सुबह से ही अस्पताल में ट्रेड यूनियन नेताओं (Trade Union Leaders) का जमावड़ा लगा। कुछ लोग अपनी रोटी सेकते नजर आए। एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि सड़क पर मवेशी बैठा था। इससे बचने के लिए कर्मचारी ने अपनी एक्टिव को घुमाया और होर्डिंग के लिए लगे पोल से टकरा गया। जख्मी हुआ और मौत आ गई।
प्रबंधन नहीं देता सुझाव पर ध्यान
नाराज बीएसपी कर्मचारियों (BSP Employees) ने बोल दिया है कि प्रबंधन सुझावों पर ध्यान नहीं देता है, जिसकी वजह से इस तरह के हादसे हो रहे हैं। जैसे ही मृत्यु की खबर लगी कर्मी एवं यूनियन प्रतिनिधि घटना स्थल पर पहुंचे और अपना आक्रोष जताते हुए कहा की प्रबंधन घटनाओं का इंतजार कर रहा है। अन्यथा इतनी बड़ी घटना होने से बचा जा सकता था।
प्रबंधन जानबूझकर कर्मियों में पैनिक क्रिएट कर रहा है, जिसकी वजह से लगातर सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। लगातर हो रही घटनाओं से सबक लेकर यूनियनों एवं कर्मियों द्वारा दिए जा रहे सुझाव पर अमल करने के बजाय कान बंद करके बैठा हुआ है और आज सड़कों की स्थिति जस के तस है।
सभी गेटो पर स्थिति अभी भी बद से बदतर
एक तरफ सड़कों पर मावेशियों का जमावड़ा है। दूसरी तरफ बोरिया गेट, मेन गेट, खुर्सीपार गेट, मरोदा गेट में ट्रकों का जमावड़ा है। प्रबंधन कहीं पर भी उनको व्यवस्थित करने की दिशा में काम करता हुआ नहीं दिख रहा है। यूनियनों ने आशंका जताई है कि प्रबंधन का यही रावैया रहा तो आने वाले दिनों में और घटनाएं हो सकती है।
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पहले हुई मौतों से सबक नहीं लिया प्रबंधन
3 जून को बोरिया गेट (Boria Gate) के सामने सीआईएसएफ कर्मचारी (CISF Employee) की पत्नी की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हुई थी। लेकिन उसके बाद भी प्रबंधन वाहन की स्थिति सुधारने की दिशा में कार्य करता हुआ नहीं दिखा। जबकी उसी दिन लार्ज ग्रुप इंटरएक्शन प्रोग्राम में एक यूनियन प्रतिनिधि ने बाकायदा सवाल किया था। DIC के सामने ED MM ने कहा था कि 10 दिनों के भीतर व्यवस्था सुधार लेंगे। आज लगभग दो माह बीत गया है, स्थिति बद से बतर है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रबंधन और दुर्घटनाओं के इंतजार में है।
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जीएम आइआर जेएन ठाकुर के साथ यूनियन नेताओं की बैठक
घटना की जानकारी लगते ही इंटक, बीएमएस, सीटू, एचएमएस, एटक सहित संयुक्त यूनियन के पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे। महाप्रबंधक आइआर जेएन ठाकुर एवं विकास चंद्रा से मुलाकात कर संयंत्र के भीतर से गाय एवं सूअर बाहर करने एवं मेन गेट के पास सर्विस रोड पर से होर्डिंग्स को हटाने की मांग किया गया।
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प्रबंधन ने सहमति जताया। यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि रामजीत के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति मिलने में किसी भी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए।
इस दौरान इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह, पूरन वर्मा, एटक महासचिव विनोद कुमार सोनी, शिव शंकर सिंह, प्रदीप पाल, राजकुमार, आईपी मिश्रा, टेकराम डडसेना, दिल्ली राव, पूरन साहू, जगजीत सिंह वेंकटरमन आदि उपस्थित थे।
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