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छत्तीसगढ़ के बस संचालकों ने निकाली बारात

परिवहन मंत्री एवं सभी जिले के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा

       रायपुर। 08 जुलाई, 2021 को दिन गुरूवार को पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालय में सभी बस संचालक अपने परिवार, चालक, परिचालक, हेल्पर, क्लीनर एवं व्यापारी व यात्री कल्याण संघ तथा कुली महासंघ छत्तीसगढ़ के साथ सैंकड़ों की संख्या में बसों की बारात निकालकर राज्य के सभी जिलाधीशों को ज्ञापन सौंपा गया।

       रायपुर जिला मुख्यालय में बसों की बारात निकालकर भारी प्रदर्शन करते हुए माननीय परिवहन मंत्री एवं कलेक्टर रायपुर को ज्ञापन सौंपा गया। रायपुर में न्यू बस स्टैंड पंडरी से 166 बसों की बारात निकली किन्तु पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन रायपुर द्वारा बारात को खालसा स्कूल के सामने कैनाल रोड़ पर रोक लिया गया। अंततः पैदल ही ज्ञापन का कार्यक्रम संपन्न किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के संस्थापक-प्रमोद दुबे, प्रदेश अध्यक्ष सै. अनवर अली, प्रदेश संयोजक-नरेन्द्र पाल सिंह गरचा, प्रमुक्ष सलाहकार-शिवेश सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अब्दुल कदीर, संदीप जैन, कोषाध्यक्ष आकाशदीप सिंह गिल, सचिव शिवरतन गुप्ता, शकील अहमद सिद्दीकी, शेपनारायण कसार, चंपालाल साहू, शकुर मोहम्मद, मयंक दुबे, संजय रावते, अमित मिश्रा, सै.असगर अली, तौसिफ खान, रमेश शर्मा, अब्दुल खान, मोहन कसार, राजेश जगने, विवके शर्मा, अब्दुल कलाम, विश्वजीत रॉय, मारकोस नंदा, विनोद जैन, रवि वर्मा सहित सैंकड़ो बस संचालकगण, व्यापारी संघ के पदाधिकारीगण, कुली महासंघ के सभी पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

       ज्ञापन सौंपकर प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख रूप से मांग की गई कि यात्री किराया बढ़ाया जावे। वर्तमान में केन्द्र सरकार की ओर से डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्वि हो जाने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य में समस्त बस संचालकों को यात्री बस सेवा प्रारंभ करने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बस संचालकगण बढ़े हुए डीजल के मूल्य में बस संचालन नहीं कर पायेंगे क्योंकि वर्तमान में डीजल का मूल्य एवं बसों के प्रतिदिन का खर्च प्रतिदिन के सकल आय से भी ज्यादा हो चुकी है ऐसी स्थिति में एक दिन के बस संचालन में भी भारी आर्थिक नुकसान का अंदेशा है। इसके अलावा पिछले 16 माह से कोरोना महामारी के कारण राज्य में बस संचालन की स्थिति लगभग नहीं के बराबर है। बस संचालक पूरी तरह तबाह हो चुके हैं।

       ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ, प्रदेश यूनियन द्वारा दिनांक 29.05.2021 को तीन सूत्रीय मांगपत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें त्वरित रूप से निराकरण किया जाना एवं यात्री किराया बढ़ाये जाने बाबत् अधिसूचना जारी किया जाना न्यायसंगत होगा ताकि छत्तीसगढ़ राज्य में आम जनता की सुविधा के लिये सभी बसें त्वरित रूप से प्रारंभ हो सके। छत्तीसगढ़ से लगे हुए सभी राज्य क्रमशः मध्यप्रदेश, उडीसा, झारखंड, महाराष्ट्र एवं उ.प्र. में यात्री किराया बढ़ाया चुका है। मध्यप्रदेश राज्य में वर्ष 2018 में 10 प्रतिशत किराया बढ़ाया गया था उस समय छत्तीसगढ़ में नहीं बढाया गया था, माह मई, 2021 में म.प्र. सरकार द्वारा 25 प्रतिशत और किराया बढ़ाया जा चुका है। इस प्रकार कुल कुल 35 प्रतिशत किराया म.प्र. सरकार द्वारा बढ़ाया जा चुका है। इस कारण छत्तीसगढ़ राज्य में भी यात्री किराया बढ़ाया जाना अतिआवश्यक होगा, यह छत्तीसगढ़ सरकार को अवगत करा दिया गया था।

       वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य के बस संचालकों द्वारा आम जनता की यात्री सुविधा को देखते हुए 10 प्रतिशत बसों का संचालन प्रारंभ किया गया है, किन्तु डीजल की कीमतों के कारण उक्त बसें भी मार्ग में संचालन योग्य नहीं रह गयी हैं। प्रतिदिन का खर्च प्रति बस के प्रतिदिन के कलेक्शन से अधिक हो गया है। इस कारण अब बस संचालन करना संभव नहीं है।

       छत्तीसगढ़ राज्य के बस संचालक केवल 40 प्रतिशत यात्री किराया वृद्वि की स्थिति में ही बसों का संचालन कर सकेगें अन्यथा बस संचालन में असमर्थ हो जाने के कारण बस संचालन मजबूरीवश बंद हो जावेगा।

       हमारे यूनियन द्वारा 40 प्रतिशत यात्री किराया वृद्वि की मांग की गई है इससे कम किराया बढ़ाया जाना छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी जिले के बस संचालकों को मान्य नहीं होगा।

       छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में 9 हजार बस संचालकों की बसें संचालित हैं। अप्रत्यक्ष रूप से 1,08,000 लोगों का रोजगार प्रभावित हो रहा है। वर्तमान में केवल 10 प्रतिशत बसें ही संचालित हो रही हैं जिनका प्रतिदिन का खर्च ही आवक से ज्यादा हो गया है। इस कारण राज्य के बस संचालक बस संचालन करने में पूर्ण रूप से असमर्थ हो गए हैं।

       वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा 43 प्रतिशत का कर डीजल पर लिया जा रहा है तथा राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत का कर डीजल पर लिया जा रहा है। पूर्व में बसों की चेचिस एवं बॉडी पर 18 प्रतिशत वेट टेक्स लगता था जो की आज जी.एस.टी के रूप में 28 प्रतिशत हो गया है, इन्शूरेंस की दर में 40 प्रतिशत की वृद्वि हो चुकी है, थर्ड पार्टी इन्शूरेंस की दर में 100 प्रतिशत वृद्वि हो चुकी है। रिमोल्ड टायर पर पहले 12 प्रतिशत वेट कर लगता था जो की अब जी.एस.टी के रूप में 18 प्रतिशत हो चुका है, नया टायर पर पूर्व में 18 प्रतिशत वेट कर लगता था जो की आज जी.एस.टी के रूप में 28 प्रतिशत हो गया है। बसों के स्पेयर पार्टस में पहले 12 प्रतिशत वेट कर लगता था जो की अब 18-28 प्रतिशत कर दिया है। पूर्व में टोल प्लाजा में 10-15 रू. प्रति बस लगता था जो की अब 300-400 रू प्रति बस तथा एक दिन का 1200 रू तक टोल टेक्स लग रहा है। इस प्रकार सभी प्रकार की मंहगाई की मार बस वालों पर पड़ रहीं है।

बसों के निष्प्रयोग की केवल 2 माह की सीमा समाप्त किया जावे

       छत्तीसगढ़ शासन के पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय एक काला कानून दिनांक 15.01.2009 की अधिसूचना द्वारा लाया गया था जिसके अनुसार घटना, दुर्घटना, वर्षाकाल, बसों की मरम्मत, चुनाव कार्य, बसों की यांत्रिक खराबी के लिये बस संचालक केवल 2 माह तक ही अपनी बस को एवं परमिट को निष्प्रयोग में रख सकता था ताकि इस अवधि तक टेक्स न देना पड़े किन्तु अनेकों बार आकस्मिक वर्षा, आकस्मिक दुर्घटना, आकस्मिक यांत्रिक खराबी के कारण बसों को 2 माह से अधिक समय तक मरम्मत नहीं कराया जा सकता। इस कारण एक वर्ष में केवल 2 माह के निष्प्प्रयोग का नियम सैद्वांतिक, व्यवहारिक एवं किसी भी दृष्टिकोण में उचित नहीं है।

चरणबद्व आंदोलन जारी है-

# 1. 28 जून, 2021 दिन सोमवार को संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के जिले के एवं सभी प्रमुख बस स्टैंडों में एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना कोरोना प्रोटोकाल के नियम के तहत् किया गया था।

# 02 जुलाई, 2021 दिन शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालय के जिलाधीशों अर्थात् कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा गया था।

# इसी प्रकार आदोंलन की अगली कड़ी में दिनांक 12 जुलाई, 2021 दिन सोमवार को बुढ़ातालाब रायपुर में धरना स्थल में पूरे प्रदेश के सभी बस संचालक अपने परिवार, चालक, परिचालक, हेल्पर, क्लीनर के साथ एक दिवसीय महाधरना देंगे।

# मांगे पूर्ण न होने पर दिनांक 13 जुलाई, 2021 दिन मंगलवार को पूरे प्रदेश की बसें अनिश्चितकाल के लिये बंद कर दिये जायेंगें।

# यदि उपरोक्त मांगे पूरी नहीं होती है तो दिनांक 14 जुलाई, 2021 दिन गुरूवार को दोपहर 03.00 बजे रायपुर के खारून नदी के तट पर सभी बस संचालक जल समाधि ले लेंगे, इस दरमियान यदि कोई अनहोनी या अनिष्ठ होता है या कोई घटना घटित होती है तो इसकी जिम्मेदार केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों होगी।

उक्ताशय की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष सै. अनवर अली ने विज्ञप्ति के माध्यम से दी है।

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