CCI Fines More than Rs 230 Crore Against Meta for Sharing Data of WhatsApp

इस पॉलिसी के तहत, वॉट्सऐप और Facebook जैसी Meta की अन्य फर्मों के बीच डेटा शेयरिंग को अनिवार्य किया गया था। इससे यूजर्स की प्राइवेसी और मार्केट में निष्पक्षता को लेकर सवाल उठे थे। CCI के फैसले में इसे अनुचित शर्त बताया गया है, जो कॉम्पिटिशन एक्ट का उल्लंघन है। Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए Meta पर 213.14 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है। CCI ने Meta और वॉट्सऐप को एक निश्चित अवधि में सुधार के कुछ उपाय करने के भी निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि विज्ञापनों के लिए डेटा की कोई शेयरिंग नहीं की जाएगी।
वॉट्सऐप पर विज्ञापनों के उद्देश्य से Meta की फर्मों के साथ यूजर्स का डेटा शेयर करने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही वॉट्सऐप को यह स्पष्ट तौर पर बताना होगा कि Meta की फर्मों के साथ कौन सा डेटा शेयर किया जाता है और प्रत्येक प्रकार के डेटा को विशेष उद्देश्यों के साथ लिक करना होगा। CCI ने इस कंपनी को ऑनलाइन डिस्प्ले एडवर्टाइजिंग के मार्केट में कॉम्पिटिटर्स के लिए रुकावटें डालने का दोषी भी पाया है। कंपनी इसके लिए वॉट्सऐप के यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल करती है। Meta का कहना है कि CCI के इस फैसले के खिलाफ वह अपील करने पर विचार कर रही है।
हाल ही में CCI ने Samsung, Xiaomi और अन्य स्मार्टफोन मेकर्स पर ई-कॉमर्स कंपनियों Amazon और Flipkart के साथ गठजोड़ कर कॉम्पिटिशन से जुड़े कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इन स्मार्टफोन मेकर ने देश में ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट्स पर प्रोडक्ट्स का एक्सक्लूसिव लॉन्च किया था, जो कॉम्पिटिशन से जुड़े कानून का उल्लंघन है। CCI की ओर से की गई जांच में पाया गया था कि एमेजॉन और फ्लिपकार्ट ने चुनिंदा रिटेलर्स को प्रायरिटी देकर और भारी डिस्काउंट की पेशकश करने के जरिए अन्य कंपनियों को नुकसान पहुंचाया था।
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