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छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास के लिए मुख्यमंत्री साय की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से महत्वपूर्ण बैठक

नागपुर औद्योगिक कॉरिडोर से जुड़ने का प्रस्ताव

रायपुर में अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सुविधाओं की आवश्यकता

कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए एपीडा कार्यालय की स्थापना

कॉनकोर कंटेनर डिपो की क्षमता बढ़ाने पर चर्चा

नवा रायपुर में आईटी सेवा सेज और मल्टी-सेक्टर सेज का प्रस्ताव

नई औद्योगिक नीति 2024-29 का प्रस्तुतिकरण

       रायपुर। छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास पर मुख्यमंत्री साय और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की बैठक नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल से मुलाकात की, जिसमें राज्य के औद्योगिक विकास के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक का उद्देश्य राज्य की औद्योगिक संभावनाओं को नए आयाम देना और बुनियादी ढांचे में सुधार करना था। केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रस्तुत प्रस्तावों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए शीघ्र मंजूरी देने का आश्वासन दिया।

औद्योगिक कॉरिडोर और बुनियादी ढांचे पर चर्चा

       मुख्यमंत्री साय ने कोरबा-बिलासपुर-रायपुर क्षेत्र को नागपुर औद्योगिक कॉरिडोर से जोड़ने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करना है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस परियोजना पर तेजी से काम शुरू करने का वादा किया और अधिकारियों को इसके शीघ्र क्रियान्वयन के निर्देश दिए।

अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सुविधाओं की आवश्यकता

       बैठक में रायपुर में अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सुविधाओं की स्थापना की भी मांग की गई। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि रायपुर के पुराने हवाई अड्डा टर्मिनल का उपयोग एयर कार्गो संचालन के लिए किया जा सकता है। यह सुविधा राज्य के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगी। श्री गोयल ने इस प्रस्ताव को भी शीघ्र मंजूरी देने का वादा किया ताकि राज्य के उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।

एपीडा कार्यालय की स्थापना का प्रस्ताव

       मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) का एक क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के कृषि उत्पादों को वैश्विक पहचान मिलेगी और किसान सीधे लाभान्वित होंगे। केंद्रीय मंत्री ने इस मांग को मंजूरी देने की सहमति दी और हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

कॉनकोर कंटेनर डिपो का विस्तार

       बैठक में रायपुर स्थित कॉनकोर कंटेनर डिपो की क्षमता बढ़ाने पर भी बात हुई। वर्तमान में इसकी कुल क्षमता का केवल 15% ही उपयोग हो रहा है। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि शिपिंग लाइनों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि निर्यात की लागत कम हो सके और व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिले। केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे को शिपिंग मंत्रालय के साथ मिलकर हल करने का वादा किया।

विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) और मल्टी-सेक्टर सेज

       मुख्यमंत्री ने राज्य में आईटी सेवा विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) और मल्टी-सेक्टर सेज स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। नवा रायपुर में आईटी सेज और जांजगीर-राजनांदगांव में मल्टी-सेक्टर सेज का उद्देश्य राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। इससे कच्चे माल का निर्यात रोकने और राज्य में उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य है।

नई औद्योगिक नीति 2024-29

       अंत में, मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2024-29 की जानकारी दी, जो राज्य के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। यह नीति “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन @ 2047” के तहत औद्योगिक गतिविधियों को गति देने और राज्य में रोजगार के अवसर सृजित करने पर केंद्रित है। केंद्रीय मंत्री ने इस नीति का समर्थन किया और इसके सफल क्रियान्वयन में सहयोग का वादा किया।

निचोड़

       इस महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। इन प्रस्तावों के क्रियान्वयन से राज्य की औद्योगिक क्षमता को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा।

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