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मनरेगा अंतर्गत तकनीकी सहायक पद के लिए प्रायोगिक व कौशल परीक्षा 09 नवंबर को

       दुर्ग। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत जिला पंचायत दुर्ग में तकनीकी सहायक पद हेतु 9 नवंबर 2020 को प्रातः 10ः30 बजे आई.टी.आई, पुलगांव, बालोद रोड, जिला दुर्ग में प्रायोगिक व कौशल परीक्षा अयोजित की जा रही है। परीक्षा में  सम्मिलित होने के लिए कार्यालय से भेजे गए प्रवेश पत्र पर परीक्षार्थी अपना पासपोर्ट साइज का फोटो चस्पा कर उपस्थित होना होगा और अपना परिचय पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पेन कार्ड इत्यादि) अनिवार्यतः लाना होगा। परीक्षार्थी 01 घंटे पूर्व अपनी उपस्थ्तिि परीक्षा स्थल पर देगें।

 

 

खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा खाद्य सामाग्रियों की सैंपल जब्त कर परीक्षण के लिए भेजा गया

       दुर्ग। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा त्यौहार सीजन को ध्यान में रखते हुए खाद्य सामाग्रियों में मिलावटी व नकली पदार्थों के विक्रय को रोकने के लिए अभियान चलाया गया है। विभाग द्वारा नवंबर माह के पहले सप्ताह में 10 प्रतिष्ठानों में दबिश देकर खाद्य सामाग्रियों के सैंपल जब्त कर परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजा गया है। विभाग द्वारा दुर्ग एवं भिलाई स्थित मिठाई की 10 दुकानों से 40 सैंपल लिया गया है। प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने पर संबंधित प्रतिष्ठानों के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत् कार्यवाही की जाएगी।

 

 

संभागायुक्त श्री टीसी महावर की कविताओं पर केंद्रित किताब ‘‘कविता का नया रूपाकार’’ का लोकार्पण

कोरोना की वजह से वर्चुअल लोकार्पण हुआ, प्रख्यात कवि श्री विनोद कुमार शुक्ल ने किया लोकार्पण

श्री महावर की कविताओं पर देश के 30 जाने माने आलोचकों और सुधि पाठकों की प्रतिक्रियाओं का है संग्रह

इनका चयन किया सुप्रसिद्ध कथाकार श्री शशांक ने, प्रकाशन ‘‘पहले पहल’’ प्रकाशन भोपाल द्वारा

 

       दुर्ग। संभागायुक्त श्री टीसी महावर की कविताओं पर केंद्रित किताब ‘‘कविता का नया रूपाकार’’ का लोकार्पण हिंदी कविता के सर्वाधिक महत्वपूर्ण कवि श्री विनोद कुमार शुक्ल के हाथों एक वर्चुअल समारोह में हुआ। इस पुस्तक में 30 आलोचकों, सुधि पाठकों और मित्रों की श्री महावर के कविता संग्रह पर प्रतिक्रियाओं को सम्मिलित किया गया है। इनका चयन सुप्रसिद्ध कथाकार श्री शशांक ने किया है। किताब का प्रकाशन ‘‘पहले पहल’’ प्रकाशन भोपाल द्वारा किया गया है। संग्रहित गद्य को नया रूप देने में कवि कथाकार श्री रामकुमार तिवारी की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। उल्लेखनीय है कि श्री महावर के अब तक ‘‘विस्मित न होना’’, ‘‘इतना ही नमक’’, ‘‘नदी के लिए सोचो’’, ‘‘हिज्जे सुधारता है चांद’’, ‘‘शब्दों से परे’’, इस तरह से पांच कविता संग्रह आ चुके हैं। उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय स्मृति पुरस्कार, नई दिल्ली, अंबिका प्रसाद दिव्य पुरस्कार तथा पंजाब कला साहित्य अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

       इस मौके पर कवि श्री विनोद कुमार शुक्ल ने कहा कि  ‘‘कविताओं में स्मृतियों का लौट आना अच्छा लगता है। स्मृतियों में लौटना सामाजिकता की गहराई को प्रकट करता है। श्री त्रिलोक महावर स्थानीयता से जुड़े हुए कवि हैं इसलिए अनेक कविताओं में स्थानीयता के बिम्ब हैं, जिसे उन्होंने एक तरह से स्थायी बना दिया है। पायली, सोली जैसे नापने की अनेक प्रचलित स्थानीय मापक घटकों का धीरे-धीरे विलुप्त हो जाना और श्री त्रिलोक महावर की कविताओं में उन पुरानी चीजों का वापस लौट आना, मुझे प्रीतिकर लगता है।’’

       सुप्रसिद्ध कवि तथा लेखक श्री संजीव बख्शी ने इस अवसर पर कहा कि ‘‘त्रिलोक महावर की कविताओं पर विमर्श में तीस अलोचकों ने अपनी बात कही है, जिसे इस किताब में संकलित किया गया है। ऐसा काम संभवतः यदा-कदा ही होता है कि कविताओं पर जो अपनी बात कहें उसे भी संकलित कर लिया जाए।’’

       इस अवसर पर कवि-समीक्षक श्री रमेश अनुपम ने कहा कि ‘‘श्री महावर की कविताओं में ‘स्थानीयता’ कहीं गहरे रूप में विद्यमान है। वे कविता की दुनिया में बार-बार इसलिए भी लौटना पसंद करते हैं क्योंकि वहीं दुनिया उनकी अपनी दुनिया है। तीस सुधि पाठकों की आंख से त्रिलोक महावर की कविताओं को देखना, उससे गुजरना और उसमें कहीं-कहीं ठहर जाना मेरे लिए किसी विलक्षण अनुभव से कम नहीं है।’’

       इस अवसर पर अपनी रचना प्रक्रिया तथा कविताओं के विषय में अपनी बात रखते हुए ‘‘कविता का नया रूपाकार’’ पर अपने विचार प्रकट करते हुए श्री महावर ने कहा कि काव्य यात्रा की शुरूआत में बस्तर के जंगल पहाड़, नदी, झरने और आदिवासी जन-जीवन की छवियाँ मेरी कविता में सहज रूप में आई है। समय के साथ-साथ जीवन के विरल अनुभवों ने मुझे जीवन और समाज को देखने की नई दृष्टि प्रदान की। जिसके फलस्वरूप मेरी कविताओं ने समाज की अनेक प्रचलित अप्रचलित छवियों के लिए ‘स्पेस’ निर्मित हुई। नौकरी में रहते हुए तथा अनेक स्थानों पर स्थनांतरित होते हुए जीवन, समाज और प्रकृति को अत्यंत निकट से देखने का अवसर मिला, जिसमें मेरे अनुभव संसार को समृद्ध किया है। प्रकाशन के रूप में ‘‘पहले पहल’’ प्रकाशन के संपादक श्री महेन्द्र गगन ने कहा कि ‘‘श्री महावर की कविताओं में विविधता है। स्थानीयता वैश्विकता की ओर पहुंचती है। यह संकलन काफी महत्वपूर्ण है।’’

       हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि श्री राजेश जोशी ने कहा कि ‘‘एक ऐसे समय में जब आकाश बादलों से भरा हुआ हो और उससे दिशा भ्रम की स्थिति बन रही हो तो त्रिलोक महावर कविता के पास लौट आते है। कविता उनके लिए विभ्रम की स्थिति प्राप्त किया गया शरण स्थल नहीं एक दिशा है।’’

       हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि श्री नरेंद्र जैन का मानना है, ‘‘एक साथ वैचारिक दृष्टि के लिए समकालीन कविता संसार में त्रिलोक महावर की कविताएं  हमारी प्रश्नाकुलता  को बढ़ाती हैं और समय की जटिलताओं को प्रश्न दर प्रश्न हमारे सामने खोलती हैं‘’।

       कविता का नया रूपाकार में जिन कवियों, आलोचकों, सुधि पाठकों, मित्रों की प्रतिक्रियाएं प्रकाशित है उनमें श्री राजेश जोशी, श्री नरेंद्र जैन, श्री शशांक, श्री भालचंद्र जोशी, श्री तेजिंदर, श्री रामकुमार तिवारी, श्री सत्यनारायण, श्री महेश कटारे, श्री अजीत प्रियदर्शी, श्री अशुतोष , श्री सुधीर सक्सेना, श्री उमाशंकर सिंह परमार, श्री नासिर अहमद सिकंदर, श्री कैलाश मण्डेलकर, श्री शाकिर अली, श्री पयोधि, श्री ओम निश्चल, श्री लालमणि तिवारी, श्री नारायण लाल परमार, श्री रऊफ परवेज, श्री मदन आचार्य, श्री सतीश कुमार सिंह, श्री नीलोत्पल रमेश, श्री उर्मिला आचार्य, श्री राधेलाल विजधावने, श्री बच्चन पाठक सलिल, श्री राम अधीर, श्री राघव आलोक, श्री विजय सिंह प्रमुख है।

       श्री महावर ने इस प्रकाशन के लोकार्पण पर प्रमुख वक्ताओं और कवि आलोचकों को अपना मंतव्य प्रकट करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

 

राजपत्रित अधिकारी संघ का गठन, विपिन जैन अध्यक्ष, प्रवास बघेल महासचिव

       दुर्ग। जिले में राजपत्रित अधिकारी संघ का गठन हुआ है। इसके अध्यक्ष जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन बनाये गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल इसके महासचिव बनाये गए हैं। उपाध्यक्ष सीएमएचओ डा. गंभीर सिंह ठाकुर तथा जिला रोजगार अधिकारी श्री राजकुमार कुर्रे बनाये गए हैं। संघ के कोषाध्यक्ष श्री रोशन वर्मा , जिला कोषालय अधिकारी बनाये गए हैं। सचिव रियाज अहमद, स्टेनो, किशोर गोलघाटे माइनिंग आफिसर एवं समीर शर्मा ईई पीएचई बनाये गए हैं।

गौठानों को बनाएं आत्मनिर्भर, गोधन न्याय योजना के बेहतरीन क्रियान्वयन पर रखें नजर

धमधा ब्लाक में चल रही विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करने धमधा पहुंचे कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे

अधिकारियों को दिये निर्देश, धान खरीदी की मुकम्मल तैयारी करें, अहिवारा में एनआरसी के लिए भेजें प्रस्ताव

       दुर्ग। गौठानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करें। गोधन न्याय योजना के माध्यम से गौठानों के आत्मनिर्भर होने का रास्ता तैयार हो गया है। गौठान समितियां जितने उत्साह से कार्य करेंगी, गौठानों की उतनी ज्यादा आर्थिक तरक्की होगी। इसके साथ ही गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों के काम भी आरंभ किये जा रहे हैं। गोधन न्याय योजना और स्वसहायता समूहों को स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिये जाने के लिए तैयार करना ऐसे कार्य होंगे जिससे ग्रामीण विकास का मार्ग तेजी से प्रशस्त होगा। यह निर्देश कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने धमधा में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान दिये। कलेक्टर ने कहा कि गोबर खरीदी शेड्यूल के मुताबिक होती रहे। सभी वर्मी टैंकों में कंपोस्ट खाद बनाने का काम हो। डिकंपोजर का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें। कंपोस्ट खाद के विक्रय के लिए निर्देश भेजे जा चुके हैं इसके मुताबिक इनका विक्रय करें। कलेक्टर ने कहा कि बिहान के अधिकारी देखें कि किस क्षेत्र में किस प्रकार के स्थानीय उत्पादों की जरूरत है। अभी दीवाली के मौके पर इन समूहों ने बेहतरीन उत्पाद तैयार किये हैं और दिखाया है कि किस प्रकार वे हुनर से भरे हुए हैं। ऐसे में अच्छा मौका है कि इनके उत्पादों की विविधता बढ़ाई जाए। इनकी पैकेजिंग आकर्षक की जाए। साथ ही इनके उत्पादों में किस तरह गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है। यह भी देखें। उन्होंने कहा कि धान खरीदी की मुकम्मल तैयारी करें। जिन नई समितियों में धान खरीदी होनी है वहां भी धान खरीदी की पूरी व्यवस्था कर लें। किसानों को इस दौरान किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसके लिए जहां-जहां चबूतरे बनाये जाने थे वे तैयार कर लिये जाएं। बारदाने वगैरह की पर्याप्त व्यवस्था हो।

       अहिवारा में एनआरसी के लिए भेजें प्रस्ताव- बैठक में एसडीएम श्री बृजेश क्षत्रिय ने बताया कि धमधा ब्लाक में एनआरसी नहीं होने की वजह से कुपोषित बच्चों को दुर्ग भेजना पड़ता है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि अहिवारा में एनआरसी आरंभ करने के लिए प्रस्ताव प्रेषित करें। कलेक्टर ने सुपोषण मिशन के क्रियान्वयन पर भी जानकारी ली। एसडीएम ने बताया कि 32 आंगनबाड़ियों में शौचालय की जरूरत है। इस पर कलेक्टर ने प्रस्ताव भेजने कहा। उन्होंने कहा कि गृह भेंट एवं काउंसिलिंग जैसे विभिन्न माध्यमों से पेरेंट्स को जागरूक करें।

       8 लाख सब्जी के पौधे तैयार- धमधा ब्लाक उद्यानिकी फसलों के मामले में काफी अग्रणी है। यहां हो रही विभागीय गतिविधियों एवं नवाचारों की जानकारी भी कलेक्टर ने ली। अधिकारियों ने बताया कि आठ लाख सब्जी के पौधे तैयार किये जा रहे हैं। इसके साथ ही आम, अमरूद, एप्पल बेर जैसे पौधे तैयार किये जा रहे हैं।

       राजस्व न्यायालय के शेड्यूल में किसी तरह की कोताही न हो- कलेक्टर ने कहा कि राजस्व विषयों का समय पर निपटारा बेहद जरूरी है। राजस्व अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इसमें किसी तरह की बाधा न आए। लोगों की समस्याओं का निराकरण न्यूनतम समय में करने की कोशिश करें।

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