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शाला से मिला इतना कुछ कि इससे ऋण होना असंभव – मुख्यमंत्री बघेल

मर्रा हायर सेकेंडरी स्कूल में की थी मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पढ़ाई, गुरुजनों से लिया आशीर्वाद

सहपाठियों के साथ बिताए आत्मीय क्षण, स्कूल के दौर को किया साझा

बजट में मर्रा में कृषि महाविद्यालय की कराई घोषणा ताकि जिले में खेती किसानी को बेहतर करने मिले बल

इस बार बजट का 22 फीसदी हिस्सा कृषि को

       दुर्ग। अपने स्कूल को देखता हूं तो बहुत सी स्मृतियां आती हैं। अपने गुरुजनों की, सहपाठियों की। इनका इतना आशीर्वाद मिला कि आज मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री हूँ। यह इतना बड़ा ऋण है कि इससे ऋण होना असंभव है।  

अपने सबसे मधुर दिन मैंने यहां बिताये, इसलिए कृषि महाविद्यालय

       मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती किसानी विकसित हो इसके लिए नर्रा में कृषि महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया। इसके आरम्भ हो जाने से बेहतर कृषि विशेषज्ञ तैयार हो पाएंगे और वे क्षेत्र में खेती किसानी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। आज जब सभी दोस्तों से मुलाकात हुई तो लगा कि पुराने दिन वापस आ गए। यहां अब नई बिल्डिंग बन गई है लेकिन मुझे वो पुरानी बिल्डिंग ही अच्छी लगती थी। तब साईकल से स्कूल आते थे। 
शिक्षकों की व्यवस्था के लिए उठाई थी आवाज 
       मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि व्यवस्था में बेहतर बदलाव के लिए संघर्ष मैंने नर्रा से ही सीखा। यहां शिक्षकों की कमी थी। जब हमने संघर्ष किया तो यह कमी पूरी हुई। यह सीख हमेशा याद रही और मैं संघर्ष से कभी पीछे नहीं रहा।

इस बार 22 फीसदी बजट कृषि के लिए

       मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बजट में सर्वाधिक 22 फीसदी कृषि के लिए रखा गया है। हम नरूवा, गरुवा, घुरूवा और बारी का विचार लेकर गांव के विकास को लेकर काम कर रहे हैं। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विस्तार देने बड़ी भूमिका निभाएंगे। हमारा पशुधन एक बार फिर हमारी शक्ति बनेगा। जैविक खाद से लेकर बायो गैस तक गौठान से हमे प्राप्त होंगे। यह ऐसा संसाधन है जो मुफ्त है और हमेशा के लिए है।

किसानों की स्थिति बेहतर होने का असर व्यापार पर भी

       मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्ज माफी तथा 2500 रुपये धान के समर्थन मूल्य से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है जिसका असर बाजार में अगले तीन महीनों में दिखने लगेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के पास जो धन आया है। उससे वे छोटी छोटी खुशियां पूरी कर सकेंगे। कुछ लोगों ने तो बाइक ली और लिखा लिया, 2500 रुपये समर्थन मूल्य से प्राप्त। यह सब सुनकर बहुत अच्छा लगता है। 
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छत्तीसगढ़िया सरकार छत्तीसगढ़ के विकास के लिए मजबूती से ले रही निर्णय

विप्र समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा

       दुर्ग। विप्र समाज के कार्यक्रम में भाग लेने पाटन पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूँ वहां लोगों के चेहरे में काफी उत्साह महसूस करता हूँ। सभी कहते हैं कि पहली बार ऐसी सरकार आई है जिसकी प्राथमिकता गरुवा, नरूवा, घुरूवा, बाड़ी है। लोग कहते हैं कि मुख्यमंत्री के संबोधन में यह शब्द सुनकर अच्छा लगता है। ऐसा लगता है छत्तीसगढ़िया सरकार आई है। हम ऐसे निर्णय ले रहे हैं जिससे छत्तीसगढ़ मजबूती से उभरेगा।
       अब्बड़ मयारुक छत्तीसगढ़िया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जगह लोगों का गहरा प्रेम मुझे मिलता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ी में अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ के मनखे बहुत मयारूक हे। इस प्रेम से मिली शक्ति की वजह से ही सरकार बड़े निर्णय ले पाई है और इसे क्रियान्वित कर पाई है।
पशुधन पर विशेष फोकस
       मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले गायें हमारी शक्ति थी, अब नहीं रही। इस पशुधन का उपयोग करना है। इससे हमारी फसल भी नष्ट होने से बचेगी। खेती के लिए जैविक खाद हमे मिलेगा, बायो गैस भी हम प्राप्त कर सकेंगे। मैं लगातार ग्रामीण भाइयों से मिलता हूँ और उनसे पूछता हूँ कि खेती की बेहतरी के लिए क्या-क्या कर सकते हैं। गांवों के बेहतर विकास से ही हम छत्तीसगढ़ को समृद्ध कर सकते हैं।

पूर्वजों को किया याद

       मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पंडित सुंदर लाल शर्मा, श्री खूबचंद बघेल एवं श्री पवन दीवान का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के लिए इसलिए संघर्ष किया था ताकि विकास में छत्तीसगढ़िया व्यक्ति पीछे न रह जाये। हम उनके सपनों का छत्तीसगढ़ बनाने हम प्रतिबद्ध हैं।

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