शिक्षा विभाग को प्री बोर्ड परीक्षा में बच्चों की सुविधाओं का ध्यान रखने के दिए निर्देश
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज पाटन विकासखण्ड क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने पाटन में शिक्षा विभाग की प्री बोर्ड तैयारी, परख कार्यक्रम के संबंध में संकुल समन्वयक, नोडल प्राचायों की बैठक ली। उन्होंने दुर्ग जिले का बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे प्रदर्शन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये। ऑडिटोरियम में बाल विवाह मुक्त भारत के संबंध में शपथ दिलाई गयी। इसके पश्चात आंगनबाड़ी केंद्र कसही, उप स्वास्थ्य केंद्र कसही, धान खरीदी केंद्र पाटन, पंदर, सोरम का निरीक्षण किया गया। इसी प्रकार कलेक्टर सुश्री चौधरी ने धान खरीदी केन्द्रों में कृषकों से बात कर उनकी समस्याएं सुनी। समिति प्रभारियों को धान खरीदी के संबंध में दिशा-निर्देश दिये। ग्राम कसही में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत निर्माणाधीन मकान का भी निरीक्षण किया गया।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान, दुर्ग जिले में विशेष आयोजनबाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने हेतु जिले में बाल विवाह के रोकथाम हेतु अभियान की शुरूवात
दुर्ग। भारत सरकार केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी द्वारा आज विज्ञान भवन दिल्ली से बाल विवाह मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बाल विवाह रोकथाम और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन आयोजनों में समाज के हर वर्ग को शामिल कर बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ सशक्त कदम उठाने का संदेश दिया गया।
संपूर्ण राज्य की भांति जिले दुर्ग में भी बाल विवाह मुक्ति हेतु अभियान चलाया जा रहा है। इसी के परिपालन में समस्त विद्यालयों एवं पंचायतों में बच्चों एवं ग्रामीणजनों को बाल विवाह मुक्ति हेतु शपथ दिलाई जा रही है, इस संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसी कड़ी में पाटन स्थित ऑडिटोरियम में दुर्ग कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी द्वारा पाटन में समस्त विद्यालयों के प्राचार्य तथा संकुल समन्वयकों को बाल विवाह मुक्त अभियान अंतर्गत शपथ दिलाई गई। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी पाटन श्री लवकेश ध्रुव, परियोजना अधिकारी पाटन सुमीत गंडेचा उपस्थित थे।विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन
दुर्ग जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में बाल विवाह रोकथाम हेतु विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया। इन सभाओं में जन प्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। सभा के दौरान बाल विवाह के दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई और इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करने की शपथ ली गई।स्कूल-कॉलेजों में शपथ ग्रहण कार्यक्रम
जिले के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया गया। इस अवसर पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने बाल विवाह रोकथाम की शपथ ली। विद्यार्थियों को यह भी समझाया गया कि बाल विवाह न केवल बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह उनके शारीरिक, मानसिक और शैक्षिक विकास में भी बाधा डालता है।शासकीय एवं अशासकीय संस्थानों में सहभागिता
दुर्ग जिले के विभिन्न शासकीय और अशासकीय संस्थानों में बाल विवाह विषय पर चर्चा आयोजित की गई। संस्थानों के कर्मचारियों ने बाल विवाह मुक्त समाज बनाने की शपथ ली और इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।आंगनबाड़ी केंद्रों में चर्चा और शपथ ग्रहण
जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में परियोजना अधिकारियों एवं सेक्टर सुपरवाइजरों, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता के उपस्थिति में बाल विवाह के मुद्दे पर विशेष चर्चा की गई। माता-पिता, देखभाल करने वालों और बच्चों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। उपस्थित सभी लोगों ने बाल विवाह रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए शपथ ली।आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों में जागरूकता
दुर्ग जिले के आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों में भी इस अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। विद्यार्थियों और अधीक्षकों ने मिलकर बाल विवाह के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और इसे रोकने के लिए एकजुट होने की शपथ ली।प्रशासन की अपील
दुर्ग जिले के प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे बाल विवाह जैसी कुरीति के खिलाफ खड़े हों और इसे रोकने के लिए प्रशासन का सहयोग करें। बाल विवाह रोकथाम हेतु शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1098 जारी किया गया है।
दुर्ग जिले के इन आयोजनों ने बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाया है। प्रशासन और समाज के सामूहिक प्रयास से जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने का सपना साकार होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवक-युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने आर.एस.ई.टी.आई.चलाएगा ट्रेनिंग प्रोग्राम 27 नवम्बर से प्रशिक्षण प्रारंभ दुर्ग। बैंक ऑफ बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आर.एस.ई.टी.आई) दुर्ग भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। आर.एस.ई.टी.आई. का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवक युवतियों को निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार विकास को सुगम बनाना है।
आर.एस.ई.टी.आई द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम आत्म-उत्पादकता, सरलीकरण, कौशल विकास, उद्यमिता, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के बारे में शिक्षण प्रदान करते हैं। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से, ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भस्ता को बढ़ाने में मदद मिलती है। इस हेतु संस्थान द्वारा दुर्ग, बलोद एवं बेमेतरा जिले के ग्रामीण क्षेत्र के युवक-युवतियों हेतु नवम्बर माह में निःशुल्क आवासीय (भोजन व्यवस्था के साथ) निम्न प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाएगा। बैंक ऑफ बड़ौदा आर.एस.ई.टी.आई. दुर्ग के निदेशक से मिली जानकारी अनुसार 27 नवम्बर 2024 से ब्यूटी पार्लर मैनेजमेंट (30 दिन), 28 नव्म्बर 2024 से आर्टिफीशियल ज्वेलरी निर्माण (13 दिन) प्रशिक्षण हेतु दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा के ग्रामीण क्षेत्र के 18 से 45 वर्ष के युवक युवतियों से आवेदन आमंत्रित है।
प्रशिक्षण हेतु आवश्यक दस्तावेज आधार कार्ड, राशन कार्ड, नरेगा जॉब कार्ड, मार्कशीट, पासपोर्ट फोटो की छायाप्रति अनिवार्य है। अधिक जानकारी हेतु फोन-0788-2961973 व ऑनलाइन लिंक https://forms.gle/vsMyXTTwb7mEwdbX6 में अवलोकन अथवा शंकराचार्य हॉस्पिटल के पास, जुनवानी, भिलाई. जिला-दुर्ग (छ.ग.) में संपर्क कर सकते है।