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Business-व्यवसाय

BSNL has missed the opportunity People porting their numbers returning to Jio Airtel

BSNL vs Jio Airtel Vi : इस साल जुलाई में जब प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने प्रीपेड और पोस्‍टपेड मोबाइल रिचार्ज की कीमतों में इजाफा किया, तो लोगों ने इसे गंभीरता से लिया। महंगे रिचार्ज कराने के बजाए यूजर्स ने सरकारी कंपनी बीएसएनएल (BSNL) में अपना नंबर पोर्ट कराना शुरू किया। जाहिर तौर पर बीएसएनएल को फायदा होना था और ग्राहकों की संख्‍या में उछाल आने लगा। सबसे ज्‍यादा नुकसान वोडा-आइडिया (Vi) को हुआ, जिसके ग्राहक सरकारी कंपनी की ओर श‍िफ्ट होते चले गए। हालांकि एक रिपोर्ट के अनुसार, अब वापस से यूजर्स प्राइवेट कंपनियों की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। इसका सबसे ज्‍यादा फायदा जियो और एयरटेल को हुआ है। 

इकॉनमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएनएल ने मौका गंवा दिया है, क्‍योंकि उसमें श‍िफ्ट करने वाले यूजर्स नेटवर्क क्‍वॉलिटी की समस्‍या से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में रिटेलर्स के पास ऐसे कस्‍टमर आ रहे हैं, जो अपना नंबर बीएसएनएल से जियो और एयरटेल में पोर्ट करा रहे हैं। वीआई को अपने खोये हुए ग्राहकों को पाने में ज्‍यादा टाइम लग सकता है, क्‍योंकि उसका 4G नेटवर्क जियो और एयरटेल से ज्‍यादा वीक है। 

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के एक रिसर्च नोट के हवाले से ईटी ने बताया है कि टॉप-3 टेलिकॉम कंपनियों के जुलाई में टैरिफ बढ़ोतरी के कारण बीएसएनएल की ओर ग्राहकों का जो रुझान था, वह काफी कम हो गया है। कुछ रिटेलर्स ने नेटवर्क क्‍वॉलिटी जैसे मामलों के कारण बीएसएनएल से जियो और भारती एयरटेल में पोर्ट-आउट की मांग की है।

जुलाई में रिचार्ज महंगे होने के बाद जियो, एयरटेल और वीआई ने क्रमशः लगभग 7 लाख 58 हजार, 10 लाख और 10 लाख 41 हजार यूजर्स खो दिए थे, जबकि बीएसएनएल को 30 लाख के करीब सब्‍सक्राइबर्स का फायदा हुआ था। ट्राई के लेटेस्‍ट डेटा से पता चलता है कि बीएसएनएल को हर महीने जो 30 लाख ग्राहकों का फायदा हुआ था वह अब घटकर काफी कम रह गया है। 

 

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