कृषि विश्वविद्यालय की 35 वीं स्थापना दिवस के अवसर पर भूपेश बघेल ने किया विभिन्न भवनों का भवन का लोकार्पण
कृषि विज्ञान केंद्र, पाहन्दा (अ), दुर्ग के प्रशासनिक भवन एवं सीड प्रोसेसिंग भवन का लोकार्पण
दुर्ग। इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की 35 वीं स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कृषि विज्ञान केंद्र, पाहन्दा (अ), दुर्ग के प्रशासनिक भवन एवं सीड प्रोसेसिंग भवन का लोकार्पण ऑनलाइन किया। कार्यक्रम में इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एस. के. पाटिल ने विश्वविद्यालय के शुभारंभ वर्ष से अब तक के विकास कार्यों एवं उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। छत्तीसगढ़ के सभी कृषि महाविद्यालय, उद्यानिकी महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के संबंध में मुख्यमंत्री श्री बघेल को अवगत कराया।ऑनलाइन कार्यक्रम में उपस्थित कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चैबे ने छत्तीसगढ़ में चल रहे विभिन्न कृषि से संबंधित कार्यों, गौठान कार्य, धान खरीदी कार्य, इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की भूमिका के संबंध में अवगत कराया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने स्थापना से अब तक निरंतर ऊंचाइयों को छू रहा है। कृषि के क्षेत्र में कृषि विश्वविद्यालय के कार्यों की सराहना की तथा कृषि कार्यों के लिए विशेष दिशा निर्देश दिये। विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे छात्रों तथा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिको को अपने क्षेत्र में बेहतरी करने के लिए प्रेरित किया।
इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एस के पाटिल द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया और कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से विश्वविद्यालय देश के हर क्षेत्र में अग्रणी है। आज के ऑनलाइन कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, पाहन्दा (अ), दुर्ग के संस्था प्रमुख डाॅ. विजय जैन, समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी, ग्राम पंचायत पहंदा अ के सरपंच श्री मोहन लाल साहू, उपसरपंच सुरेंद्र साहू व जिला दुर्ग के प्रगतिशील कृषक श्री आकाश बघेल, श्री दीपक चंद्राकार, श्री शिव वर्मा , श्री संतराम कुर्रे, श्री विनोद वर्मा, श्रीमती मीना वर्मा, श्रीमती अजीता साहू, श्रीमती सुधा वर्मा, श्रीमती ममता साहू कई युवा महिला एवं पुरुष कृषक सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के समापन उपरांत कृषकों द्वारा कृषि विज्ञान प्रक्षेत्र का भ्रमण कर प्रक्षेत्र में लगे फसलों का अवलोकन करते हुए उक्त तकनिकियों को अपने प्रक्षेत्र में भी अपनाने हेतु विचार व्यक्त किए।